शिमला: अगस्त महीने में देश को स्वतंत्रता मिली थी. ऐसे पावन अवसरों पर सरकारी कर्मचारियों को आस रहती है कि उनके एरियर व डीए जैसे वित्तीय लाभ पर कोई ऐलान हो. हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार से कर्मचारियों को एरियर व डीए की बकाया किश्तों की आस है. इस समय हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों का 12 फीसदी डीए बकाया है. कुल डीए 42 प्रतिशत है. इसमें से 12 फीसदी डीए का भुगतान बाकी है.
छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद से कर्मचारियों के एरियर का करीब नौ हजार करोड़ रुपए का भुगतान बाकी है. क्या आजादी के महीने में सुखविंदर सरकार कर्मचारियों व पेंशनर्स की आस को पूरा करेगी? जहां तक राज्य सरकार के आर्थिक संकट की बात है तो उन परिस्थितियों में एरियर मिलना तो अभी दूर की कौड़ी लग रही है, अलबत्ता डीए को लेकर जरूर कोई घोषणा हो सकती है. राज्य सचिवालय कर्मचारी सेवाएं महासंघ ने तो इस बारे में सरकार के दरवाजे पर दस्तक भी दे दी है.महासंघ ने राज्य के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना से मिलकर आग्रह किया है कि बकाया भुगतान 15 अगस्त तक किया जाए.
ठीक नहीं हिमाचल सरकार के खजाने की हालत
हिमाचल प्रदेश आर्थिक संकट से जूझ रहा है. कर्ज लेकर रूटीन के खर्च चलाए जा रहे हैं.ऐसे में एरियर का भुगतान तो कठिन है, लेकिन डीए की एक किश्त दी जा सकती है. पिछली बार सरकार ने मार्च महीने में डीए की चार फीसदी किश्त का भुगतान किया था. उस भुगतान से खजाने पर 580 करोड़ रुपए सालाना का बोझ पड़ा है. तब अप्रैल महीने का वेतन जो मई माह में ड्यू था, उसके साथ डीए की चार प्रतिशत की किश्त दी गई थी. अब भी चार फीसदी डीए देने की सूरत में करीब-करीब इतनी ही रकम का बोझ और खजाने पर आएगा. खैर, कर्मचारियों के वित्तीय लाभ देने के लिए राज्य सरकार को भारी-भरकम रकम की जरूरत है. उधर, कर्मचारी व पेंशनर्स अपने वित्तीय लाभों के लिए अदालत की शरण में जा रहे हैं.
हाईकोर्ट ने दिए एकमुश्त लाभ देने के आदेश
हाईकोर्ट से भी राज्य सरकार को कई मामलों में पेंशनर्स व कर्मियों के वित्तीय लाभ एकमुश्त देने के आदेश जारी हुए हैं. इधर, वित्त आयोग के समक्ष रखे गए आंकड़े बताते हैं कि अगले पांच साल में राज्य सरकार को ब्याज की अदायगी के लिए ही 44617 करोड़ रुपए की रकम चाहिए. कर्ज को बोझ भी वित्त वर्ष के अंत में 94992 करोड़ रुपए हो जाएगा.नए वेतन आयोग के बाद संशोधित वेतन व ओपीएस लागू करने के कारण वेतन व पेंशन का खर्च 59 प्रतिशत बढ़ा है. ऐसी परिस्थितियों में राज्य सरकार के लिए छठे वेतन आयोग के बकाया 9000 करोड़ रुपए के एरियर की देनदारी कठिन होगी. यही कारण है कि कर्मचारी भी अब ये उम्मीद लगा रहे हैं कि कम से कम एक किश्त ही सही, डीए की मिलनी चाहिए.
राज्य सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ के मुखिया संजीव शर्मा का कहना है कि 'कर्मचारियों व पेंशनर्स को उनके बकाया वित्तीय लाभ मिलने चाहिए. इसके लिए मुख्य सचिव से मिलकर अपना पक्ष रखा गया है.' वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह कई मौकों पर ये कह चुके हैं कि 'सरकार एरियर व डीए के भुगतान के लिए प्रयास करेगी. सरकार की वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि एकमुश्त लाभ दिए जा सकें. वित्तायोग के समक्ष भी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ये चिंता व्यक्त की थी. सीएम ने वित्तायोग के साथ बैठक में ये कहा था कि निरंतर घटती रेवेन्यू डिफेसिट ग्रांट के कारण हिमाचल को आर्थिक संकट झेलना पड़ रहा है. अब देखना है कि क्या सरकार अगस्त महीने में कर्मचारियों के लिए चार फीसदी डीए की किश्त का ऐलान करती है या नहीं?'