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कारोबारी के 60 लाख लेकर चंपत हुआ कर्मचारी क्राइम ब्रांच के हत्‍थे चढ़ा, लूटपाट की रची थी झूठी कहानी - Delhi 60 Lakh Stolen Case

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 20, 2024, 5:53 PM IST

Employee absconded with Rs 60 lakh caught : कारोबारी के 60 लाख लेकर चंपत हुए कर्मचारी को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया है.

कारोबारी के 60 लाख लेकर चंपत हुआ कर्मचारी चढ़ा क्राइम ब्रांच के हत्‍थे
कारोबारी के 60 लाख लेकर चंपत हुआ कर्मचारी चढ़ा क्राइम ब्रांच के हत्‍थे (ETV BHARAT REPORTER)

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच नॉर्दर्न रेंज-II ने एक ऐसे मामले को सुलझा लिया है जिसमें पीतमपुरा के आयरन स्क्रैप के कारोबारी ने कर्मचारी से ₹60 लाख रुपयों और फॉरेन करंसी से भरे बैग को लूटने का मामला दर्ज कराया गया था. इस मामले में फरार चल रहे कारोबारी के कर्मचारी को अब क्राइम ब्रांच ने धरदबोचा है जिसकी पहचान मंगल तिवारी ऊर्फ सुनील (24), रोहिणी (दिल्ली) के रूप में की गई है.

आरोपी कर्मचारी ने ही 1 जनवरी, 2023 में अपने साथ लूटपाट होने की झूठी कहानी गढ़ी थी जब उसको यह रुपयों से भरा बैग एक दूसरे कारोबारी को देने को पीड़ित व्यवसायी की ओर से दिया गया था. क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त सतीश कुमार के मुताबिक पीतमपुरा के एक व्यापारी वीरेंद्र गर्ग ने श‍िकायत दर्ज करायी थी क‍ि उनके पास काम करने वाले एक कर्मचारी मंगल तिवारी को 31 दिसंबर, 2022 को 60 लाख रुपए और विदेशी मुद्रा से भरा बैग सौंपा गया था जिसको एक दूसरे व्यापारी को देने के ल‍िए द‍िया गया था. मंगल तिवारी, आयरन स्क्रैप कारोबारी के यहां फील्ड वर्क का काम भी करता था. उस पर भरोसा करते हुए व्यापारी ने 31 दिसंबर, 2022 को अपने घर पर ही रोक लिया था जिसके बाद उसे अगले दिन 1 जनवरी 2023 को दूसरे कारोबारी को बैग सौंपने के लिए दे दिया था.

आरोपी कर्मचारी ने शाम के वक्त करीब 5 बजे शिकायत कर व्यवसायी माल‍िक को फोन पर बताया कि पहाड़गंज फ्लाईओवर के पास किसी अज्ञात शख्स ने उसका बैग छीन लिया है. इस घटना के बाद पीड़ित कारोबारी ने मंगल तिवारी को तुंरत पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने के लिए ऑफ‍िस आने को कहा लेकिन वो इधर-उधर की बात कर मामले को लंबा खींचता रहा.

इसके बाद शिकायतकर्ता व्यवसायी ने पुलिस में मामला दर्ज कराया तब से ही आरोपी फरार चल रहा था. इस बीच हेड कांस्टेबल अजय को मामले में फरार चल रहे मंगल तिवारी उर्फ सुनील के बारे में गुप्त सूचना मिली. इसके बाद उस पर मैन्युअल और टेक्निकल सर्विलांस के जरिए पूरी निगरानी रखी गई. इस दौरान पता चला कि आरोपी मंगल तिवारी खुद को पुलिस से बचने के लिए बार-बार अपने ठिकाने बदल रहा है और वर्तमान में वह रोहिणी में कहीं रह रहा है. इस इनपुट के आधार पर एसीपी नरेंद्र सिंह और इंस्पेक्टर संदीप तुषीर की अगुवाई में एक टीम का गठन किया गया.

ये भी पढ़ें: IGI एयरपोर्ट पुलिस ने फर्जी डॉक्यूमेंट बनवाकर विदेश भिजवाने वाले एक एजेंट को किया गिरफ्तार

टीम ने सूचना वाली जगह पर पूरा जाल बिछाया और मंगल तिवारी और सुनील को धरदबोचने में कामयाबी हासिल की. पुलिस की लगातार पूछताछ के बाद अपराधी ने अपनी संलिप्तता को कबूल कर लिया है. आरोपी मंगल तिवारी 8वीं क्लास तक पढ़ा है और रिक्शा चलाने का काम करता है. वह पहले वीरेंद्र गर्ग के कार्यालय में काम करता था. वीरेंद्र उसे करंसी को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए भेजा करता था. बताया जाता है क‍ि चोरी की रकम से उसने घर, गहनों के साथ दूसरा घरेलू सामान खरीद लिया था.

ये भी पढ़ें: रिश्वतखोर पुलिसवालों पर CBI RAID: दिल्ली के दो थानों में छापेमारी, रंगे हाथों पकड़ा गया सब इंस्पेक्टर, 4 पुलिसकर्मियों पर भी एक्शन

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच नॉर्दर्न रेंज-II ने एक ऐसे मामले को सुलझा लिया है जिसमें पीतमपुरा के आयरन स्क्रैप के कारोबारी ने कर्मचारी से ₹60 लाख रुपयों और फॉरेन करंसी से भरे बैग को लूटने का मामला दर्ज कराया गया था. इस मामले में फरार चल रहे कारोबारी के कर्मचारी को अब क्राइम ब्रांच ने धरदबोचा है जिसकी पहचान मंगल तिवारी ऊर्फ सुनील (24), रोहिणी (दिल्ली) के रूप में की गई है.

आरोपी कर्मचारी ने ही 1 जनवरी, 2023 में अपने साथ लूटपाट होने की झूठी कहानी गढ़ी थी जब उसको यह रुपयों से भरा बैग एक दूसरे कारोबारी को देने को पीड़ित व्यवसायी की ओर से दिया गया था. क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त सतीश कुमार के मुताबिक पीतमपुरा के एक व्यापारी वीरेंद्र गर्ग ने श‍िकायत दर्ज करायी थी क‍ि उनके पास काम करने वाले एक कर्मचारी मंगल तिवारी को 31 दिसंबर, 2022 को 60 लाख रुपए और विदेशी मुद्रा से भरा बैग सौंपा गया था जिसको एक दूसरे व्यापारी को देने के ल‍िए द‍िया गया था. मंगल तिवारी, आयरन स्क्रैप कारोबारी के यहां फील्ड वर्क का काम भी करता था. उस पर भरोसा करते हुए व्यापारी ने 31 दिसंबर, 2022 को अपने घर पर ही रोक लिया था जिसके बाद उसे अगले दिन 1 जनवरी 2023 को दूसरे कारोबारी को बैग सौंपने के लिए दे दिया था.

आरोपी कर्मचारी ने शाम के वक्त करीब 5 बजे शिकायत कर व्यवसायी माल‍िक को फोन पर बताया कि पहाड़गंज फ्लाईओवर के पास किसी अज्ञात शख्स ने उसका बैग छीन लिया है. इस घटना के बाद पीड़ित कारोबारी ने मंगल तिवारी को तुंरत पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने के लिए ऑफ‍िस आने को कहा लेकिन वो इधर-उधर की बात कर मामले को लंबा खींचता रहा.

इसके बाद शिकायतकर्ता व्यवसायी ने पुलिस में मामला दर्ज कराया तब से ही आरोपी फरार चल रहा था. इस बीच हेड कांस्टेबल अजय को मामले में फरार चल रहे मंगल तिवारी उर्फ सुनील के बारे में गुप्त सूचना मिली. इसके बाद उस पर मैन्युअल और टेक्निकल सर्विलांस के जरिए पूरी निगरानी रखी गई. इस दौरान पता चला कि आरोपी मंगल तिवारी खुद को पुलिस से बचने के लिए बार-बार अपने ठिकाने बदल रहा है और वर्तमान में वह रोहिणी में कहीं रह रहा है. इस इनपुट के आधार पर एसीपी नरेंद्र सिंह और इंस्पेक्टर संदीप तुषीर की अगुवाई में एक टीम का गठन किया गया.

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टीम ने सूचना वाली जगह पर पूरा जाल बिछाया और मंगल तिवारी और सुनील को धरदबोचने में कामयाबी हासिल की. पुलिस की लगातार पूछताछ के बाद अपराधी ने अपनी संलिप्तता को कबूल कर लिया है. आरोपी मंगल तिवारी 8वीं क्लास तक पढ़ा है और रिक्शा चलाने का काम करता है. वह पहले वीरेंद्र गर्ग के कार्यालय में काम करता था. वीरेंद्र उसे करंसी को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए भेजा करता था. बताया जाता है क‍ि चोरी की रकम से उसने घर, गहनों के साथ दूसरा घरेलू सामान खरीद लिया था.

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