सरगुजा: सरगुजा जिले का मैनपाट इन दिनों हाथियों का अड्डा बनता जा रहा है. आलम यह है कि यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग रातजगा कर रहे हैं. कई लोगों के घरों को हाथी तोड़-फोड़ कर रहे हैं. कईयों के फसलों का नुकसान हो रहा है. कई लोग घर टूटने के बाद मचान बनाकर रह रहे हैं, ताकि हाथी से इनकी जान बची रहे.
रातभर जग कर निगरानी कर रहे ग्रामीण: दरअसल, ये क्षेत्र हाथियों का अड्डा बना हुआ है. ग्रामीण रतजगा करने को मजबूर हैं. हाथियों के आतंक से मैनपाट का रिहायशी इलाका थर्रा सा गया है. यहां हर रोज हाथी लोगों के घरों को तोड़ रहे हैं. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग शाम ढलते ही अनाजों को पेड़ पर बांधकर घर से बाहर निकल जाते हैं. अपनी सुरक्षा के लिए ये मचान बना कर रहते हैं. इस बीच जंगली हाथियों का झुंड गांव पहुंचता है तो क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन जाता है. लोग एक दूसरे परिवार को नजदीक जाने से रोकते और रात भर रतजगा कर अपने घर और जमीन की रखवाली करते हैं.
इन क्षेत्रों में सक्रिय है हाथी: इधर, वन विभाग भी हाथियों को लेकर अलर्ट रहता है. कड़ी निगरानी करने के साथ ही ग्रामीण रिहायशी इलाकों में रोकथाम के लिए कोई बुनियादी पहल नहीं कर रहे हैं, जिसका खामियाजा ग्रामीणों को रतजगा जाकर उठाना पड़ रहा है. मैनपाट विकासखंड का रिहायशी इलाका बरवावली, दातीढाब, कंडरजा, मेहता पॉइंट जैसे इलाके में हाथियों का अलग दल इन दिनों महीने भर से ज्यादा दिनों से डटा हुआ है. जानकारी के मुताबिक हाथियों ने तकरीबन 30 घरों को यहां तोड़ दिया है.