रांची: झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा बिजली दरों में बढ़ोतरी की अनुशंसा पर भारतीय जनता पार्टी और आजसू के विधायकों ने कहा कि राज्य की महागठबंधन की सरकार बिजली टैरिफ के नाम पर सरकार झुनझुना पकड़ा रही है. एक पर 100 यूनिट की जगह 125 यूनिट बिजली मुफ्त देने की बात की जाती तो दूसरी ओर बिजली दरों में 7.66% की बढ़ोतरी की अनुशंसा की जाती है. यह सरकार के दोहरे चरित्र को दर्शाता है.
पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा विधायक रणधीर सिंह ने कहा कि अगर वास्तव में सरकार राज्यवासियों को बिजली बिल से राहत देना चाहती है तो वह 300 यूनिट बिजली मुफ्त करें. पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कहा कि एक ओर सरकार कहती है कि 125 यूनिट बिजली मुफ्त देगी तो दूसरी ओर गांव में बिजली बिल वसूली के लिए मुकदमा तक किया जा रहा है.
बिजली सरकार दे नहीं रहीं तो फ्री बिजली यूनिट और टैरिफ बढ़ाना दोनों जनता के साथ नाइंसाफी
आजसू नेता और विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि सरकार राज्यवासियों को बिजली तो दे नहीं पा रही है तो फिर बिजली 100 यूनिट की जगह 125 यूनिट फ्री करने का क्या लाभ और जब बिजली के लिए जनता तड़प रही है तो टैरिफ क्यों बढ़ाया जा रहा है. आजसू नेता ने कहा कि दरअसल बिजली के नाम पर सरकार राज्य की जनता को छल रही है.
आयोग की अनुशंसा का अध्ययन करेगी सरकार
मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन ने भी बिजली टैरिफ में बढ़ोतरी की अनुशंसा को देखने की बात कही है. उन्होंने कहा कि 100 यूनिट फ्री बिजली से 20 लाख लोग लाभान्वित हो रहे थे, 125 यूनिट फ्री करने से 30 लाख लोगों को फायदा होगा. वहीं, झामुमो के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है. पूरी अनुशंसा का अध्ययन सरकार करेगी. वहीं झामुमो ने भी पूरी अनुशंसा पढ़ने के बाद प्रतिक्रिया देने की बात कही है.
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