लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बदहाल बिजली व्यवस्था को मॉडर्न बनाने के लिए बिजली विभाग 43 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव तैयार कर चुका है. इस बजट से मीटर से लेकर फीडर तक बदले जाएंगे. प्रदेश के सभी पांचों डिस्कॉम में अलग-अलग प्लान तैयार किए गए हैं. इन डिस्कॉम में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और केस्को शामिल हैं. इस बजट से जो कार्य कराए जाएंगे उससे उपभोक्ताओं को भविष्य में बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा.
उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन के अंतर्गत कुल पांच डिस्कॉम हैं. सभी डिस्कॉम में अलग-अलग कई जनपद आते हैं. इन जनपदों के सप्लाई का जिम्मा इन्हीं डिस्कॉम पर होता है. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की बात की जाए तो इसके अंतर्गत कुल 19 जिले आते हैं और इन जिलों में तमाम ऐसे जिले हैं जहां पर बिजली की समस्या गंभीर रूप धारण करती है. अब मध्यांचल के इन सभी जिलों समेत अन्य डिस्कॉम के जिलों में भी विद्युत आपूर्ति बेहतर रहे इसके लिए इस व्यवस्था को मॉडर्न किए जाने की तैयारी हो गई है. 43 हजार करोड़ रुपये बिजली आपूर्ति को बेहतर करने के लिए ही खर्च किए जाने का प्लान हो गया है.
अधिकारी बताते हैं कि उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था को मॉडर्न करने के लिए कुल 43 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाने की योजना है. इनमें 1309 करोड़ रुपये से वाराणसी जिले के लिए अलग ही योजना बनाई गई है. अयोध्या में भी बिजली व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त किया जाएगा. दक्षिणांचल में 12 हजार 300 करोड़, पश्चिमांचल में 10 हजार 563 करोड़, मध्यांचल में 10 हजार 146 करोड़, पूर्वांचल में 8 हजार 759 करोड़ और केस्को में एक हजार 198 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव तैयार है.