लखनऊ : उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन उपभोक्ताओं को महंगी बिजली के बजाय सस्ती बिजली का तोहफा दे सकता है. यूपी की बिजली 25% तक सस्ती हो सकती है. इसके लिए कई ऐसे उपाय किए जा रहे हैं, जिनका नतीजा बेहतर हुआ तो फिर यूपी के उपभोक्ताओं को भी अन्य राज्यों की तरह सस्ती बिजली की सौगात मिल सकती है. इसमें उपभोक्ताओं का सहयोग बेहद अहम है. आइए जानते हैं क्या है योजना.
सौर ऊर्जा उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग जाने के बाद ऊर्जा विभाग उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली दे सकता है. बिजली कंपनियों को सबसे अधिक नुकसान पीक आवर यानी शाम छह बजे से लेकर रात 10 बजे के बीच महंगी बिजली खरीदने से होता है. उपभोक्ताओं के बीच अभियान चलेगा कि वह पीक ऑवर के समय का ज्यादा से ज्यादा काम उससे पहले और उसके बाद में पूरा करें. ऐसा होने पर बिजली कंपनियां सस्ती बिजली देने का प्लान तैयार कर सकेंगी.
बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस समय हमें दिन के समय सौर ऊर्जा से पैदा होने वाली सस्ती बिजली ढाई रुपए से तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से मिल जाती है. अगर उपभोक्ता अधिक बिजली खपत वाले अपने ज्यादातर काम दिन के वक्त पूरे कर लें तो सस्ती बिजली उपलब्ध कराने में कोई विशेष कठिनाई नहीं आएगी. प्रदेश भर के उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट मीटर लग जाने के बाद बिजली की डिमांड व खपत के आंकड़ें हर समय उपलब्ध होने लगेंगे. इससे जिससे बिजली खपत का मैनेजमेंट मुश्किल नहीं रह जाएगा.
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव नरेंद्र भूषण का मानना है कि पीक ऑवर में पावर एक्सचेंज से बहुत महंगी बिजली खरीद कर सप्लाई करनी पड़ती है. इस बिजली की कास्ट नौ से 10 रुपये प्रति यूनिट तक होती है. इसी समय प्रदेश में बिजली की मांग अपने शिखर पर रहती है. प्रदेश की जनता को इस पीक ऑवर के समय कम से कम बिजली खर्च करने की आदत डालनी चाहिए. अधिक बिजली खपत वाले काम पीक ऑवर से पहले और उसके बाद करने की तरफ ध्यान देना होगा. ऐसा होने पर उपभोक्ताओं को 25 फीसदी तक कम दरों पर बिजली मुहैया कराई जा सकेगी.
इन बिंदुओं पर किया जा रहा काम
- - बुंदेलखंड में 4000 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क यूपीनेडा ने स्थापित किया है. इस पार्क से बिजली की निकासी के लिए 20 ट्रांसमिशन सब स्टेशन बनाए जा रहे हैं.
- उत्तर प्रदेश ने नवीकरणीय ऊर्जा (रिन्युवल एनर्जी) के उत्पादन के लिए एनटीपीसी ग्रीन इनर्जी के साथ ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ की है.
- यूपी सरकार ने 2030 तक अनुमानित बिजली का 88 फीसदी सौर ऊर्जा से पाने का लक्ष्य रखा है, जिसकी क्षमता करीब 23.5 गीगावाट होगी.
क्या कहते हैं अधिकारी : ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नरेंद्र भूषण का कहना है कि उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा का उत्पादन बढ़ने और स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मुहैया कराई जा सकती है. सौर ऊर्जा की बिजली सस्ती मिलती है. उनका कहना है कि बिजली वितरण कंपनियों को घाटे से निकालना बड़ी चुनौती है. घाटे को कम करने के लिए तकनीकी का सहारा लिया जाएगा. विभागीय कर्मचारियों को आर्ट एआई जैसी एडवांस तकनीकी की जानकारी देने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी.
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