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दीपावली पर बिजली आपूर्ति ठप करने की चेतावनी, हड़ताल की तरफ ऊर्जा कर्मियों के कदम, बढ़ेंगी परेशानियां - uttarakhand electricity department

uttarakhand electricity department विद्युत संविदा कर्मचारियों का आंदोलन आने वाले दिनों में आम लोगों की मुसीबतें बढ़ा सकता है. दरअसल कर्मचारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार यदि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लेगी, तो दीपावली से पहले प्रदेश में बिजली आपूर्ति ठप कर दी जाएगी. फिलहाल आगामी दो दिनों तक तीनों निगमों के कर्मचारी प्रदर्शन करेंगे, जिससे तीनों ही निगमों में आंशिक काम प्रभावित होगा.

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हड़ताल की तरफ ऊर्जा कर्मियों के कदम (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 29, 2024, 4:33 PM IST

Updated : Sep 29, 2024, 5:27 PM IST

देहरादून: ऊर्जा संकट की चुनौतियों से जूझ रहे उत्तराखंड को अब विद्युत संविदा कर्मचारी भी तगड़ा झटका देने जा रहे हैं. दरअसल विद्युत संविदा कर्मचारियों ने आगामी 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को दो दिनों तक प्रदर्शन करने का फैसला लिया है, लेकिन इस बात का भी ऐलान कर दिया है कि दीपावली से पहले हजारों कर्मचारी राज्य में विद्युत आपूर्ति को ठप कर देंगे.

रोशनी के त्योहार दीपावली पर प्रदेश में लोगों को अंधेरे का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि विद्युत संविदा कर्मचारियों ने सरकार द्वारा उनकी मांगों पर गंभीरता नहीं बरतने की स्थिति में ही कदम आगे बढ़ाने की बात कही है. विद्युत कर्मचारी संगठन की मानें तो अब तक प्रबंधन की तरफ से उनसे बातचीत के लिए कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की गई है. प्रबंधन के साथ सरकार का यही रवैया रहा, तो दीपावली से पहले हड़ताल पर जाने का कदम कर्मचारी उठा सकते हैं.

दीपावली पर बिजली आपूर्ति ठप करने की चेतावनी (video-ETV Bharat)

विद्युत संविदा कर्मचारियों की मानें तो प्रदेश में उपनल से तैनाती लेने वाले कर्मचारियों को लेकर एकरूपता नहीं अपनाई जा रही है. कुछ जगह पर उपनल कर्मचारी को विभागीय संविदा में ले लिया गया है. इतना ही नहीं निजी कंपनियों के माध्यम से तैनाती लेने वाले कर्मचारियों को भी कुछ जगहों पर विभागीय संविदा दी गई है, लेकिन विद्युत संविदा कर्मचारियों को हर बार नजरअंदाज किया जा रहा है. इसके बावजूद की ऊर्जा निगम स्वामित्व पोषित निगम है और राज्य सरकार निगम को कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करती है.

विद्युत संविदा एकता मंच के संयोजक विनोद कवि ने बताया कि प्रदेश में उपनल कर्मचारी को लेकर पिक एंड चूज की नीति अपनाई जा रही है. ऐसे में उनकी मांग है कि निगम में कार्यरत उपनल के माध्यम से विद्युत संविदा कर्मचारियों के विनियमितीकरण का निर्णय लिया जाए. साथ ही महंगाई भत्ते पर भी फैसला लिया जाए. इसके अतिरिक्त जो कर्मचारी नियमितीकरण के दायरे में नहीं आ रहे, उन्हें समान काम के बदले समान वेतन दिए जाने का प्रावधान किया जाए. उन्होंने कहा कि हजारों की संख्या में कर्मचारी उनके आंदोलन में शामिल होने जा रहे हैं और यदि इसके बावजूद भी कोई सकारात्मक कदम सरकार की तरफ से नहीं उठाया जाता, तो दीपावली से पहले कर्मचारी हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे.

कर्मचारियों का कहना है कि श्रम न्यायालय द्वारा भी उनके नियमितीकरण को लेकर आदेश दिया चुका है, इसके बावजूद इस पर कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है. ऐसे में सरकार को कर्मचारी विनियमितीकरण नियमावली 2024 में ऐसे प्रावधान लाना चाहिए. ताकि विद्युत कर्मचारी नियमित हो सकें.

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रोशनी के त्योहार दीपावली पर प्रदेश में लोगों को अंधेरे का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि विद्युत संविदा कर्मचारियों ने सरकार द्वारा उनकी मांगों पर गंभीरता नहीं बरतने की स्थिति में ही कदम आगे बढ़ाने की बात कही है. विद्युत कर्मचारी संगठन की मानें तो अब तक प्रबंधन की तरफ से उनसे बातचीत के लिए कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की गई है. प्रबंधन के साथ सरकार का यही रवैया रहा, तो दीपावली से पहले हड़ताल पर जाने का कदम कर्मचारी उठा सकते हैं.

दीपावली पर बिजली आपूर्ति ठप करने की चेतावनी (video-ETV Bharat)

विद्युत संविदा कर्मचारियों की मानें तो प्रदेश में उपनल से तैनाती लेने वाले कर्मचारियों को लेकर एकरूपता नहीं अपनाई जा रही है. कुछ जगह पर उपनल कर्मचारी को विभागीय संविदा में ले लिया गया है. इतना ही नहीं निजी कंपनियों के माध्यम से तैनाती लेने वाले कर्मचारियों को भी कुछ जगहों पर विभागीय संविदा दी गई है, लेकिन विद्युत संविदा कर्मचारियों को हर बार नजरअंदाज किया जा रहा है. इसके बावजूद की ऊर्जा निगम स्वामित्व पोषित निगम है और राज्य सरकार निगम को कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करती है.

विद्युत संविदा एकता मंच के संयोजक विनोद कवि ने बताया कि प्रदेश में उपनल कर्मचारी को लेकर पिक एंड चूज की नीति अपनाई जा रही है. ऐसे में उनकी मांग है कि निगम में कार्यरत उपनल के माध्यम से विद्युत संविदा कर्मचारियों के विनियमितीकरण का निर्णय लिया जाए. साथ ही महंगाई भत्ते पर भी फैसला लिया जाए. इसके अतिरिक्त जो कर्मचारी नियमितीकरण के दायरे में नहीं आ रहे, उन्हें समान काम के बदले समान वेतन दिए जाने का प्रावधान किया जाए. उन्होंने कहा कि हजारों की संख्या में कर्मचारी उनके आंदोलन में शामिल होने जा रहे हैं और यदि इसके बावजूद भी कोई सकारात्मक कदम सरकार की तरफ से नहीं उठाया जाता, तो दीपावली से पहले कर्मचारी हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे.

कर्मचारियों का कहना है कि श्रम न्यायालय द्वारा भी उनके नियमितीकरण को लेकर आदेश दिया चुका है, इसके बावजूद इस पर कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है. ऐसे में सरकार को कर्मचारी विनियमितीकरण नियमावली 2024 में ऐसे प्रावधान लाना चाहिए. ताकि विद्युत कर्मचारी नियमित हो सकें.

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Last Updated : Sep 29, 2024, 5:27 PM IST
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