ETV Bharat / state

लारजी प्रोजेक्ट को हुए नुकसान को लेकर एनएचएआई ने दी रिपोर्ट, बिजली बोर्ड करेगा जांच - Electricity Board NHAI report

author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 29, 2024, 3:28 PM IST

हिमाचल प्रदेश में बीते ब्यास नदी में आई साल बाढ़ में लारजी प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा था. इसकी वजह से बिजली बोर्ड को करीब 650 करोड़ का नुकसान हुआ था. जिसको लेकर बिजली बोर्ड ने एनएचएआई से मुआवजा मांगा था. लेकिन एनएचएआई ने अपनी जांच रिपोर्ट का हलावा देते हुए मुआवजा देने से इनकार कर दिया है. अब बिजली बोर्ड एनएचएआई की रिपोर्ट का जांच करेगा. पढ़िए पूरी खबर...

लारजी प्रोजेक्ट
लारजी प्रोजेक्ट (ETV Bharat)

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला में बीते साल ब्यास नदी में आई बाढ़ के चलते जहां करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ. वहीं, लारजी प्रोजेक्ट को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा. यहां पर करीब 9 माह तक बिजली का उत्पादन बंद रहा और बिजली बोर्ड को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा. बिजली बोर्ड ने भी इस आपदा के लिए एनएचएआई को जिम्मेदार ठहराया और मुआवजा राशि की मांग की थी. लेकिन अब एनएचएआई ने यहां मुआवजा राशि देने से इनकार किया है और उनके द्वारा जो रिपोर्ट तैयार की गई हैं, उसका बिजली बोर्ड के अधिकारियों को अध्ययन करने की सलाह दी है.

एनएचएआई की ओर से लारजी विद्युत प्रोजेक्ट प्रबंधन को पिछली बरसात में हुए 650 करोड़ रुपये नुकसान की एवज में मुआवजा राशि देने और रिटेनिंग वाल लगाने के दावे को खारिज करने को लेकर बिजली बोर्ड (उत्पादन) सतर्क हो गया है. अपनी रिपोर्ट में एनएचएआई ने हाइड्रोलॉजिकल अध्ययन का हवाला देते हुए लारजी प्रोजेक्ट प्रबंधन के दावे को गलत बताया है. हालांकि, अब बिजली बोर्ड इस हाइड्रोलॉजिकल अध्ययन को विस्तार से जांच परख कर जवाब देगा और बिजली बोर्ड के उच्चाधिकारियों के ध्यान में भी यह मामला है.

बिजली बोर्ड उत्पादन का तर्क है कि बाढ़ के कारण सड़क चौड़ी हुई और इससे नदी का जलस्तर ऊपर उठा है. जबकि एनएचएआई ने बिजली बोर्ड के कई दावों को जांच में सही नहीं बताया है. इसके विपरीत एनएचएआई की जांच में प्रोजेक्ट के डिजाइन और एसपीएफ के नीचे गेट निर्माण को बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराया है. एनएचएआई के मुआवजा राशि और रिटेनिंग वाल लगाने की मांग को खारिज करने का पत्र बिजली बोर्ड उत्पादन विंग को मिल गया है. इस पर अब विशेषज्ञ गहनता से अध्ययन कर रहे हैं. विंग का मानना है कि एनएचएआई की तरफ से लारजी प्रोजेक्ट को हुए नुकसान के पीछे बताए गए कारण सही नहीं है. इसका जवाब तैयार किया जा रहा है, इसके लिए तथ्य खंगाले जा रहे हैं.

बिजली बोर्ड के उत्पादन मुख्य अभियंता संजय कौशल ने कहा, "एनएचएआई की तरफ से दिए गए तथ्यों की विस्तार से विशेषज्ञ परखेंगे. अब जल्द ही इसका जवाब दिया जाएगा".

एनएचएआई के परियोजना निदेशक वरुण चारी ने कहा, "लारजी प्रोजेक्ट प्रबंधन ने मुआवजा राशि मांगी थी. लेकिन जांच पड़ताल में यह सही नहीं पाया गया है. डिजाइनिंग में गेट नीचे पाया गया है. यह सब इसकी वजह से हुआ है. क्लेम को अब रिजेक्ट कर दिया गया है".

ये भी पढ़ें: हिमाचल के 10 जिलों में बारिश को लेकर अलर्ट, उफान पर आए नदी-नाले

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला में बीते साल ब्यास नदी में आई बाढ़ के चलते जहां करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ. वहीं, लारजी प्रोजेक्ट को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा. यहां पर करीब 9 माह तक बिजली का उत्पादन बंद रहा और बिजली बोर्ड को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा. बिजली बोर्ड ने भी इस आपदा के लिए एनएचएआई को जिम्मेदार ठहराया और मुआवजा राशि की मांग की थी. लेकिन अब एनएचएआई ने यहां मुआवजा राशि देने से इनकार किया है और उनके द्वारा जो रिपोर्ट तैयार की गई हैं, उसका बिजली बोर्ड के अधिकारियों को अध्ययन करने की सलाह दी है.

एनएचएआई की ओर से लारजी विद्युत प्रोजेक्ट प्रबंधन को पिछली बरसात में हुए 650 करोड़ रुपये नुकसान की एवज में मुआवजा राशि देने और रिटेनिंग वाल लगाने के दावे को खारिज करने को लेकर बिजली बोर्ड (उत्पादन) सतर्क हो गया है. अपनी रिपोर्ट में एनएचएआई ने हाइड्रोलॉजिकल अध्ययन का हवाला देते हुए लारजी प्रोजेक्ट प्रबंधन के दावे को गलत बताया है. हालांकि, अब बिजली बोर्ड इस हाइड्रोलॉजिकल अध्ययन को विस्तार से जांच परख कर जवाब देगा और बिजली बोर्ड के उच्चाधिकारियों के ध्यान में भी यह मामला है.

बिजली बोर्ड उत्पादन का तर्क है कि बाढ़ के कारण सड़क चौड़ी हुई और इससे नदी का जलस्तर ऊपर उठा है. जबकि एनएचएआई ने बिजली बोर्ड के कई दावों को जांच में सही नहीं बताया है. इसके विपरीत एनएचएआई की जांच में प्रोजेक्ट के डिजाइन और एसपीएफ के नीचे गेट निर्माण को बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराया है. एनएचएआई के मुआवजा राशि और रिटेनिंग वाल लगाने की मांग को खारिज करने का पत्र बिजली बोर्ड उत्पादन विंग को मिल गया है. इस पर अब विशेषज्ञ गहनता से अध्ययन कर रहे हैं. विंग का मानना है कि एनएचएआई की तरफ से लारजी प्रोजेक्ट को हुए नुकसान के पीछे बताए गए कारण सही नहीं है. इसका जवाब तैयार किया जा रहा है, इसके लिए तथ्य खंगाले जा रहे हैं.

बिजली बोर्ड के उत्पादन मुख्य अभियंता संजय कौशल ने कहा, "एनएचएआई की तरफ से दिए गए तथ्यों की विस्तार से विशेषज्ञ परखेंगे. अब जल्द ही इसका जवाब दिया जाएगा".

एनएचएआई के परियोजना निदेशक वरुण चारी ने कहा, "लारजी प्रोजेक्ट प्रबंधन ने मुआवजा राशि मांगी थी. लेकिन जांच पड़ताल में यह सही नहीं पाया गया है. डिजाइनिंग में गेट नीचे पाया गया है. यह सब इसकी वजह से हुआ है. क्लेम को अब रिजेक्ट कर दिया गया है".

ये भी पढ़ें: हिमाचल के 10 जिलों में बारिश को लेकर अलर्ट, उफान पर आए नदी-नाले

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.