जयपुर: राजस्थान में घरेलू बिजली के उपभोक्ताओं के लिए सितंबर का महीना महंगाई का झटका देने वाला है. आने वाले बिजली बिल में तीन तरह के फ्यूल सरचार्ज जुड़कर आएंगे. विद्युत विनियामक आयोग के आदेश का हवाला देते हुए राजस्थान डिस्कॉम का फरमान जारी हो गया है, जिसके मुताबिक सितंबर महीने में आने वाले बिजली के बिल में अब बेस फ्यूल सरचार्ज को 54 पैसे से बढ़ाकर 57 पैसे किया गया है. इसमें 3 पैसे यूनिट की बढ़ोतरी हो गई है. इसमें औसत बिजली खरीद की लागत 4.24 रुपए के हिसाब से बेस फ्यूल सरचार्ज बढ़ाया गया है.
फ्यूल सरचार्ज के जरिए डिस्कॉम करीब पांच हजार करोड़ रुपए वसूलने की तैयारी कर रहा है. पिछले साल के बकाया फ्यूल सरचार्ज के रूप में करीब 4400 करोड़ रुपए वसूलने के भी आदेश जारी कर दिए हैं. इसके लिए 13 पैसे प्रति यूनिट कई माह तक लिए जाएंगे. हालाांकि, कृषि और दो सौ यूनिट से कम उपभोग वाले उपभोक्ताओं की राशि सरकार वहन करेगी.
समझें तिगुने फ्यूल सरचार्ज का गणित: बढ़े हुए फ्यूल सरचार्ज में साल 2022-23 के चौथी तिमाही के 1.33 रुपए के बकाया फ्यूल सरचार्ज को भी बढ़ाया गया है. 2023-24 की पहली तिमाही के बकाया 90 पैसे के फ्यूल सरचार्ज को लेकर भी आदेश जारी किए गए हैं. हालांकि, उपभोक्ताओं पर भार को देखते हुए इसे 13 पैसे प्रति यूनिट से वसूलने के आदेश दिए गए हैं. जब तक तिमाही के उपयोग पर कुल 2.23 रुपए की वसूली नहीं होगी, तब तक सरचार्ज जारी रहेगा. हालांकि, कृषि और 200 यूनिट से कम उपभोग वाले उपभोक्ताओं पर कोई भार नहीं आएगा. मतलब यह है कि अब पूरे सालभर में बिजली खपत के औसत यूनिट के आधार पर सरचार्ज निकालेंगे. जिसके बाद बकाया राशि अगले तीन वर्ष तक के बिल में समान रूप से वसूली जाएगी.
विपक्ष ने साधा निशाना नेता: प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी के सुशासन का नायाब नमूना देखिए. उन्होंने कहा कि आमजन के लिए राहत की बात करने वाली बीजेपी लगातार बिजली के बिलों में फ्यूल चार्ज के नाम पर लोगों की जेब कतरने का काम कर रही है. जूली बोले कि प्रदेश की सरकार को आमजन की राहत योजनाओं के लिए पूर्ववर्ती सरकार की तरह बिजली के बिलों में छूट देनी चाहिए, जिससे लोगों को राहत मिल सके.