जयपुर. प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं से एक बार फिर फ्यूल सरचार्ज की वसूली शुरू हो गई है. डिस्कॉम्स ने अभी दो सौ यूनिट से ज्यादा खपत वाले उपभोक्ताओं को मिल रही छूट बंद कर दी है. इनमें पन्द्रह लाख उपभोक्ता हैं, जिसमें अभी तक रजिस्टर्ड आठ लाख उपभोक्ता को हाल ही में जारी बिल में फ्यूल सरचार्ज जोड़कर भेजा गया है. 200 यूनिट से ज्यादा खपत वाले उपभोक्ताओं की फ्यूल सरचार्ज छूट बंद होने से सियासी बावल खड़ा हो गया है. बिल में सरचार्ज की 61 पैसे प्रति यूनिट से गणना की गई है. हालांकि, 200 यूनिट से कम उपयोग पर अभी छूट चालू रखी गई है. एक मोटे अनुमान के मुताबिक इससे मासिक बिल में 100 से 900 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है. प्रदेश के कुल उपभोक्ताओं में से 15 लाख उपभोक्ता दो सौ यूनिट से ज्यादा बिजली का उपभोग करते हैं. जबकि 1.14 करोड़ ऐसे उपभोक्ता हैं, जो दो सौ यूनिट तक ही बिजली की खपत करते हैं.
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने उठाया सवाल : पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने पिछले साल अगस्त में फ्यूल सरचार्ज में छूट दी थी. सभी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए इस राशि का बजट प्रावधान मार्च 2024 तक की ही बिलिंग पर किया गया. बिज़ली विभाग ने ऊर्जा विभाग से इस बारे में जानकारी भी मांगी थी. जहां से मिले संकेत के बाद अब फ्यूल सरचार्ज वसूली शुरू की गई है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस फैसले पर सवाल खड़े करते हुए आरोप लगाया कि भजनलाल सरकार का आमजन विरोधी एक और फरमान है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में मिल रहा फ्यूल सरचार्ज छूट अब बंद होगी, जिससे बिजली का बिल अब प्रहार करेगा और बीजेपी का गरीबों को उपहार है.
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डेढ़ लाख करोड़ के घाटे में बिजली कंपनी : राजस्थान की बिजली कंपनियों का घाटा शुरुआत से चर्चा में रहा है. मौजूदा वक्त में बिजली कंपनियों का घाटा डेढ़ लाख करोड़ के पास पहुंच गया है. इस घाटे के पीछे मुख्य कारण बिजली पर छूट, छीजत और चोरी को बताया जा रहा है. भजन लाल शर्मा की सरकार के गठन के साथ ही इस बात का अनुमान लगाया जा रहा था कि बिजली कंपनी की घाटे को देखते हुए प्रदेश में मुफ्त बिजली और बिल पर मिलने वाली रियायत पर सरकार कड़ा फैसला ले सकती है