अलवर : टाइगर रिजर्व सरिस्का को प्रदूषण की समस्या से निजात दिलाने के लिए सरिस्का प्रशासन जल्द ही यहां इलेक्टिक बसों का संचालन करने की योजना को मूर्त रूप देने में जुटा है. राज्य सरकार की बजट घोषणा होने के कारण भी सरिस्का प्रशासन इस साल के अंत तक इलेक्ट्रिक बस के संचालन की तैयारी में है.
एनसीआर का इकलौता टाइगर रिजर्व ऑक्सीजन उत्सर्जन का बड़ा केंद्र है, लेकिन सरिस्का के कोर एरिया में बसे गांव और ऐतिहासिक पांडुपोल के लिए जाने वाले बड़ी संख्या में वाहनों से यहां प्रदूषण की समस्या वन्यजीवों के लिए खतरे का कारण बनने लगी है. यही कारण सरकार और सरिस्का प्रशासन यहां जल्द इलेक्ट्रिक बस के संचालन की कवायद में जुटा है. इसके लिए सरिस्का प्रशासन को वाहन निर्माता कंपनी से पत्र भी प्राप्त हो चुका है.
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ऐसे में सरिस्का प्रशासन जल्द ही इलेक्ट्रिक बस संचालन का ट्रायल रन कराएगा. इस ट्रायल रन में खास बात यह देखनी होगी कि सरिस्का के रोड एवं हेबिटेट के हिसाब से फिट बैठती है तो इसका प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा जाएगा. सरकार की हरी झंडी मिलते ही सरिस्का में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा.
लंबे समय से थी मांग : टाइगर रिजर्व सरिस्का को प्रदूषण मुक्त करने के लिए लंबे समय से यहां इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की मांग थी. सीइसी समेत अन्य एजेंसियों की रिपोर्ट में सरिस्का में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की जरूरत बताई गई है. यही कारण है कि राज्य सरकार ने अपनी बजट घोषणा में सरिस्का में ई बसों के संचालन को शामिल किया है.
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वन्यजीवों के लिए प्रदूषण मुक्त वातावरण जरूरी : वन्यजीवों को प्रदूषण मुक्त वातावरण मुहैया कराने के लिए सरिस्का में पेट्रोल व डीजल वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने और इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन की जरूरत थी. सरिस्का के सीसीएफ संग्राम सिंह ने बताया कि इस साल के अंत तक इलेक्ट्रिक बसों का ट्रायल रन कराकर सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी. राज्य सरकार ने भी यहां इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को बजट घोषणा में शामिल किया है. ट्रायल रन की रिपोर्ट के आधार पर सरकार की ओर से निर्णय लिया जाएगा.
प्रदूषण से हो सकता है वन्यजीवों को खतरा : सरिस्का में बाघ, पैंथर, हाईना, सांभर, शीतल, लंगूर, जंगली सूअर सहित सैकड़ो प्रजातियों के वन्य जीव है. वन्यजीवों के स्वास्थ्य के लिए यहां प्रदूषण कम करना जरूरी है. बढ़ते प्रदूषण की समस्या से सरिस्का में वन्यजीवों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ सकता है. इसी को देखते हुए लंबे समय से सरिस्का में धुआं रहित वाहनों के संचालन पर जोर दिया जा रहा था.