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चुनाव में स्टेट कंट्रोल रूम की रहती है अहम भूमिका, पहली बार तैयार किया गया पोल डे मॉनिटरिंग सिस्टम - LOK SABHA ELECTION 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

LOK SABHA ELECTION 2024 उत्तराखंड में 19 अप्रैल को मतदान है. उसी क्रम में निर्वाचन आयोग की मुस्तैदी भी बढ़ती जा रही है. निर्वाचन आयोग की ओर से स्टेट कंट्रोल रूम तैयार किया गया है, जहां से प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों से जुड़े तमाम बिंदुओं पर नजर रखी जा रही है. जानिए स्टेट कंट्रोल रूम कैसे करेगा काम?

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फोटो-ईटीवी भारत
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 8, 2024, 7:49 PM IST

चुनाव में स्टेट कंट्रोल रूम की रहती है अहम भूमिका.

देहरादूनः लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से सचिवालय में राज्य स्तरीय एकीकृत निर्वाचन कंट्रोल रूम तैयार किया गया है. विधानसभा या फिर लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से स्टेट कंट्रोल रूम तैयार किया जाता है. इस कंट्रोल रूम में 1950 प्रकोष्ठ, शिकायत प्रकोष्ठ, आबकारी प्रकोष्ठ, पुलिस प्रकोष्ठ और एमसीसी (मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट) प्रकोष्ठ बनाया गया, जो प्रदेश के सभी जिलों से संबंधित जानकारी को एकत्र कर मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को सौंपते हैं.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर स्टेट कंट्रोल रूम बनाया गया है. जिसका मुख्य काम यह है कि दैनिक रिपोर्ट को तैयार किया जाए. जिसमें लॉ एंड ऑर्डर, एमसीसी उल्लंघन, आपराधिक कार्रवाई संबंधित रिपोर्ट तैयार की जाती है. इसके अलावा मतदान फीसदी को बढ़ाने के लिए चलाए जा रहे मतदाता जागरूक कार्यक्रमों की जानकारी को भी संकलित किया जाता है. निर्वाचन ड्यूटी में लगाए जाने वाले करीब 13 हजार वाहनों में जीपीएस लगाए जाने संबंधित जानकारियों को एकत्र करना, कितने वाहनों का अलॉटमेंट हो गया है, संबंधित सभी इस जानकारी को व्यवस्थित किया जाता है.

सी-विजिल एप पर मिल रही शिकायतें: उन्होंने बताया कि सी-विजिल एप के जरिए प्राप्त होने वाली शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वर्तमान समय तक करीब 10 हजार शिकायतें सी-विजिल एप के जरिए प्राप्त हो चुकी हैं. सी-विजिल एप के जरिए शिकायतें स्टेट कंट्रोल रूम में भी प्राप्त होती हैं. लेकिन जब कोई व्यक्ति सी-विजिल एप के जरिए शिकायत करता है तो वो शिकायत सबसे पहले जिला स्तर पर डीओ की ओर से मार्क की जाती है. सी-विजिल एप के जरिए मिलने वाली शिकायतों को 100 मिनट में निस्तारण करना होता है. लेकिन अगर कोई शिकायत 100 मिनट के भीतर निस्तारित नहीं होती है तो फिर वो शिकायत चीफ इलेक्शन ऑफिसर (सीईओ) लेवल पर देखी जाती है.

पहली बार तैयार किया गया पीडीएमएस: मतदान के दौरान कंट्रोल रूम की भूमिका के सवाल पर एसीईओ विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि मतदान दिवस पर स्टेट कंट्रोल रूम में पुलिस विभाग और निर्वाचन की टीम भी मौजूद रहेगी. मतदान के दौरान स्टेट कंट्रोल रूम की बड़ी भूमिका होती है. जिसके तहत पोलिंग पार्टियों का समय से पोलिंग स्टेशन पहुंचने की रिपोर्टिंग, मॉक पोल और मतदान शुरू होने की प्रक्रिया की जानकारी सुबह से ही कंट्रोल रूम में आनी शुरू हो जाती है. सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा. मतदान की प्रक्रिया शुरू होने के बाद हर दो घंटे में मतदान फीसदी की जानकारी एकत्र की जाएगी. इसके लिए पहली बार पोल डे मॉनिटरिंग सिस्टम (पीडीएमएस) की सुविधा शुरू की गई है. जिसके जरिए तमाम सूचनाएं जिलों से कंट्रोल रूम को मिलेगी.

EVM खराब होने पर सेक्टर ऑफिसर को दी जाएगी सूचना: मतदान के दौरान कई बार कुछ पोलिंग बूथों से ईवीएम या वीवीपैट के खराब होने के मामले सामने आते हैं. जिस पर एसीईओ ने कहा कि अगर किसी पोलिंग बूथ पर ईवीएम खराब होती है तो उस बूथ के पीठासीन अधिकारी इसकी जानकारी पीडीएमएस के जरिए स्टेट कंट्रोल रूम को उपलब्ध कराते हैं. जिसके बाद कंट्रोल रूम संबंधित बूथ के सेक्टर ऑफिसर को सूचना देते हुए सेक्टर ऑफिसर के पास रिजर्व में रखे ईवीएम को बूथ पर पहुंचाया जाता है. साथ ही खराब मशीन को भी सुरक्षित जिला स्तर पर रखा जाता है.

ये भी पढ़ेंः सर्विस वोटर्स ने शुरू किया पोस्टल बैलेट डाउनलोड करना, अब तक 76 हजार ने किया डाउनलोड

चुनाव में स्टेट कंट्रोल रूम की रहती है अहम भूमिका.

देहरादूनः लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से सचिवालय में राज्य स्तरीय एकीकृत निर्वाचन कंट्रोल रूम तैयार किया गया है. विधानसभा या फिर लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से स्टेट कंट्रोल रूम तैयार किया जाता है. इस कंट्रोल रूम में 1950 प्रकोष्ठ, शिकायत प्रकोष्ठ, आबकारी प्रकोष्ठ, पुलिस प्रकोष्ठ और एमसीसी (मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट) प्रकोष्ठ बनाया गया, जो प्रदेश के सभी जिलों से संबंधित जानकारी को एकत्र कर मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को सौंपते हैं.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर स्टेट कंट्रोल रूम बनाया गया है. जिसका मुख्य काम यह है कि दैनिक रिपोर्ट को तैयार किया जाए. जिसमें लॉ एंड ऑर्डर, एमसीसी उल्लंघन, आपराधिक कार्रवाई संबंधित रिपोर्ट तैयार की जाती है. इसके अलावा मतदान फीसदी को बढ़ाने के लिए चलाए जा रहे मतदाता जागरूक कार्यक्रमों की जानकारी को भी संकलित किया जाता है. निर्वाचन ड्यूटी में लगाए जाने वाले करीब 13 हजार वाहनों में जीपीएस लगाए जाने संबंधित जानकारियों को एकत्र करना, कितने वाहनों का अलॉटमेंट हो गया है, संबंधित सभी इस जानकारी को व्यवस्थित किया जाता है.

सी-विजिल एप पर मिल रही शिकायतें: उन्होंने बताया कि सी-विजिल एप के जरिए प्राप्त होने वाली शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वर्तमान समय तक करीब 10 हजार शिकायतें सी-विजिल एप के जरिए प्राप्त हो चुकी हैं. सी-विजिल एप के जरिए शिकायतें स्टेट कंट्रोल रूम में भी प्राप्त होती हैं. लेकिन जब कोई व्यक्ति सी-विजिल एप के जरिए शिकायत करता है तो वो शिकायत सबसे पहले जिला स्तर पर डीओ की ओर से मार्क की जाती है. सी-विजिल एप के जरिए मिलने वाली शिकायतों को 100 मिनट में निस्तारण करना होता है. लेकिन अगर कोई शिकायत 100 मिनट के भीतर निस्तारित नहीं होती है तो फिर वो शिकायत चीफ इलेक्शन ऑफिसर (सीईओ) लेवल पर देखी जाती है.

पहली बार तैयार किया गया पीडीएमएस: मतदान के दौरान कंट्रोल रूम की भूमिका के सवाल पर एसीईओ विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि मतदान दिवस पर स्टेट कंट्रोल रूम में पुलिस विभाग और निर्वाचन की टीम भी मौजूद रहेगी. मतदान के दौरान स्टेट कंट्रोल रूम की बड़ी भूमिका होती है. जिसके तहत पोलिंग पार्टियों का समय से पोलिंग स्टेशन पहुंचने की रिपोर्टिंग, मॉक पोल और मतदान शुरू होने की प्रक्रिया की जानकारी सुबह से ही कंट्रोल रूम में आनी शुरू हो जाती है. सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा. मतदान की प्रक्रिया शुरू होने के बाद हर दो घंटे में मतदान फीसदी की जानकारी एकत्र की जाएगी. इसके लिए पहली बार पोल डे मॉनिटरिंग सिस्टम (पीडीएमएस) की सुविधा शुरू की गई है. जिसके जरिए तमाम सूचनाएं जिलों से कंट्रोल रूम को मिलेगी.

EVM खराब होने पर सेक्टर ऑफिसर को दी जाएगी सूचना: मतदान के दौरान कई बार कुछ पोलिंग बूथों से ईवीएम या वीवीपैट के खराब होने के मामले सामने आते हैं. जिस पर एसीईओ ने कहा कि अगर किसी पोलिंग बूथ पर ईवीएम खराब होती है तो उस बूथ के पीठासीन अधिकारी इसकी जानकारी पीडीएमएस के जरिए स्टेट कंट्रोल रूम को उपलब्ध कराते हैं. जिसके बाद कंट्रोल रूम संबंधित बूथ के सेक्टर ऑफिसर को सूचना देते हुए सेक्टर ऑफिसर के पास रिजर्व में रखे ईवीएम को बूथ पर पहुंचाया जाता है. साथ ही खराब मशीन को भी सुरक्षित जिला स्तर पर रखा जाता है.

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