रांची: लोकसभा चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे चुनाव आयोग ने मतदान केंद्रों का सोशल ऑडिट कराने का फैसला किया है. जिसके तहत राज्य के सभी 24 जिलों में स्थित मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया जाएगा. मतदान केंद्रों पर उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं पर जिला स्तर से भेजी गयी रिपोर्ट की जमीनी हकीकत का आकलन करने की जिम्मेदारी थर्ड पार्टी को दी गयी है.
24 जिलों के 600 मतदान केंद्रों की हकीकत जानेगी टीम
चुनाव आयोग के निर्देश पर होने वाले सोशल ऑडिट की जिम्मेदारी ग्रामीण विकास विभाग के सोशल ऑडिट यूनिट को दी गयी है, जो राज्य के सभी 24 जिलों के 600 मतदान केंद्रों का दौरा कर वहां की जमीनी हकीकत से रूबरू होगी. सोशल ऑडिट टीम न सिर्फ मतदान केंद्रों का दौरा करेगी बल्कि जिला स्तर से प्राप्त रिपोर्ट की भी जांच करेगी. निरीक्षण टीम मतदान केंद्र पर स्थानीय बीएलओ और मतदाताओं से भी बात करेगी और करीब 14 बिंदुओं पर रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपेगी.
सोशल ऑडिट के दौरान टीम द्वारा मतदान केंद्रों की वास्तविक स्थिति, गांव के 2 किलोमीटर के अंदर मतदान केंद्र है या नहीं, रैंप, पेयजल, बिजली आपूर्ति, शौचालय, टेबल-कुर्सी, शिशु गृह, स्थायी शेड, लाइट और पंखा आदि बुनियादी सुविधाओं का आकलन किया जाएगा.
व्यवस्था में कमी पाए जाने पर की जाएगी कार्रवाई
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने कहा कि सोशल ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद यह देखा जायेगा कि जिलों से आयी रिपोर्ट के अनुरूप मतदान केंद्रों पर व्यवस्था की गयी है या नहीं. व्यवस्था में कमी पाए जाने पर समय पर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी और समुचित कार्रवाई की जाएगी. सोशल ऑडिट को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है. कुल मतदान केंद्रों के दो प्रतिशत पर इस तरह का सोशल ऑडिट करने का प्रावधान है. इस तरह राज्य के सभी जिलों में करीब 600 मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया जायेगा.
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