रांची: ईद, सरहुल और रामनवमी शोभायात्रा को लेकर जारी संशय के बीच रांची उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी राहुल कुमार सिन्हा ने स्पष्ट कर दिया है कि त्योहार के मौके पर किसी राजनीतिक दल के द्वारा झंडा, चुनाव चिन्ह, पोस्टर या बैनर का इस्तेमाल होने पर इसे आचार संहिता उल्लंघन माना जायेगा और समुचित कारवाई की जायेगी.
ईटीवी भारत से बातचीत के क्रम में रांची उपायुक्त ने कहा कि त्योहार एवं शादी विवाह जैसे सामाजिक कार्य चुनाव आचार संहिता के दायरे से बाहर होता है इस संबंध में पिछले दिनों समाज के प्रबुद्ध वर्ग और शांति समिति की बैठक में विस्तार से चर्चा कर दिशा निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. इसके बावजूद कोई राजनीतिक दल या राजनेता इसका उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.
आचार संहिता कोषांग रखेगी जुलूस पर नजर
सरहुल और रामनवमी जैसे त्योहार के मौके पर आमतौर पर राजनीतिक दल के नेताओं द्वारा राजधानी रांची सहित राज्य भर में बड़े-बड़े बैनर पोस्टर और होर्डिंग्स लगाए जाते रहे हैं. इस बार चुनाव आचार संहिता की वजह से यह देखने को नहीं मिलेगा. हालांकि शोभा यात्रा के दौरान राजनेताओं को इसमें शामिल होने की छूट दी गई है मगर इस पर चुनाव आयोग के पदाधिकारी की नजर रहेगी और इसके लिए हर जिले में बने आचार संहिता कोषांग के द्वारा वीडियोग्राफी की जाएगी.
राजधानी रांची और हजारीबाग में रामनवमी के मौके पर निकलने वाली शोभायात्रा की निगरानी ड्रोन कैमरा कैमरा की मदद से की जाएगी. रांची उपायुक्त राहुल कुमार सिंहा के अनुसार त्योहार के मौके पर निकलने वाली शोभायात्रा को लेकर विभिन्न समितियों को विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं जिसमें शोभा यात्रा के मार्ग से लेकर समितियों को क्या करना है और क्या नहीं करना है इसके बारे में जानकारी दी गई है. आपको बता दें कि 11 अप्रैल को सरहुल है और 17 अप्रैल को रामनवमी का त्योहार है.
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