रांचीः दो साल बाद झारखंड पर मौसम मेहरबान हुआ है. अच्छी बारिश होने से किसान खुश हैं. इस बीच मौसम केंद्र ने रांची के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. जिला में अगले कुछ घंटों के भीतर मेघ गर्जन और वज्रपात के साथ-साथ बारिश की संभावना है. इसलिए किसानों को खेतों में जाने से बचने की सलाह दी गई है.
हालांकि 1 जून से 5 सितंबर तक हुए वर्षापात का आंकलन करें तो अभी भी आठ जिले ऐसे हैं जहां सामान्य से कम बारिश हुई है. एक दिन पहले तक इस लिस्ट में गोड्डा का भी नाम था, लेकिन 24 घंटे के भीतर वहां की स्थिति में सुधार हुआ है. फिलहाल, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, लोहरदगा, गुमला, चतरा, हजारीबाग, देवघर और पाकुड़ में सामान्य से कम बारिश हुई है.
रांची मौसम केंद्र के मुताबिक सबसे खराब स्थिति पाकुड़ जिले की है. वहां अबतक 437.9 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई है, जो सामान्य से 54 प्रतिशत कम है. इसके बाद लोहरदगा में 37 प्रतिशत, देवघर में 36 प्रतिशत, चतरा में 35 प्रतिशत, पश्चिमि सिंहभूम में 27 प्रतिशत, हजारीबाग में 23 प्रतिशत, गुमला में भी 23 प्रतिशत और पूर्वी सिंहभूम में सामान्य से 21 प्रतिशत कम बारिश हुई है.
झारखंड में अगर 840.2 मिमी बारिश होती है तो उसे नॉर्मल कैटेगरी में रखा जाता है. इस लिहाज से अबतक 728.6 मिमी बारिश हुई है जो सामान्य से करीब 13 प्रतिशत कम है. लेकिन मौसम केंद्र का अनुमान है कि आने वाले दिनों में यह कमी पूरी होने की संभावना है. लिहाजा, इस बार धान की अच्छी पैदावार की उम्मीद है. राज्य में लक्षित 28.27 लाख हेक्टेयर में से अकेले 18 लाख हेक्टेयर में धान की फसल लगायी जाती है. इस साल 2 सितंबर तक 15 लाख 78 हजार 870 हेक्टेयर में धान की रोपनी हो चुकी है, जो लक्ष्य का 87.72% है. इस साल मोटे अनाज के साथ-साथ मक्का, तिलहन और दलहन की भी अच्छी पैदावार की उम्मीद है.
ये भी पढ़ेंः
कम बारिश होने पर भी होगी धान की बंपर पैदावार, बस अपनाएं ये उपाय - Increase paddy production
नेतरहाट में सेब की खेतीः ठंड मौसम को देखते हुए लगाए गये हैं चार किस्म के सेब - Apple cultivation