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कुमाऊं में मोबाइल वैन रोकेगी मानव वन्यजीव संघर्ष की घटना, सांसद भट्ट ने दिखाई हरी झंडी

कुमाऊं मंडल के तराई पूर्वी वन प्रभाग क्षेत्र में वन्यजीव संघर्ष रोकथाम के लिए मोबाइल वैन के जरिए जागरूक करने प्रयास.

HUMAN WILDLIFE CONFLICT
तराई पूर्वी वन प्रभाग क्षेत्र में वन्यजीव संघर्ष रोकथाम के लिए मोबाइल वैन के जरिए जागरूक करने प्रयास (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 13, 2024, 7:41 PM IST

Updated : Nov 13, 2024, 8:29 PM IST

हल्द्वानी: कुमाऊं मंडल का सबसे बड़ा वन क्षेत्र वाला तराई पूर्वी वन प्रभाग के जंगलों में मानव वन्यजीव टकराव की रोकथाम के लिए वन विभाग ने गांव-गांव और घर-घर जाकर जनता को जागरूक करने की रणनीति बनाई है. इसके लिए बुधवार को मोबाइल वैन का शुभारंभ किया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने मोबाइल वैन को झंडी दिखाकर रवाना किया.

तराई पूर्वी वन डिवीजन का क्षेत्रफल 82 हजार हेक्टेयर अधिक वन भूमि पर नैनीताल से उधमसिंह नगर और नेपाल बॉर्डर तक फैला हुआ है. इसमें तराई और भाबर के जंगल मानव वन्यजीव संघर्ष के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं.

मोबाइल वैन रोकेगी मानव वन्यजीव संघर्ष की घटना (VIDEO- ETV Bharat)

तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ हिमांशु बागड़ी कहना है कि जंगलों से सटे गांव होने के बाद भी ग्रामीण वन्यजीवों के व्यवहार के प्रति जागरूक नहीं होते हैं. जिस वजह से आए दिन संघर्ष होते हैं. खास कर देखा गया है कि सर्दियों के मौसम में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटना अधिक होती है. इसी को देखते हुए वन विभाग ने एक मोबाइल वैन चलाने का फैसला किया, जो संवेदनशील गांवों, स्कूलों और घर-घर जाकर जनता को संघर्ष की रोकथाम के लिए जागरूक करेगी.

वन विभाग ने सीएम पुष्कर सिंह धामी के गृह क्षेत्र खटीमा से मोबाइल वैन के संचालन की शुरुआत की है. जहां हल्द्वानी में मोबाइल वैन को झंडी दिखाकर रवाना किया है. संवेदनशील गांवों का रोस्टर तैयार वन विभाग ने तराई पूर्वी वन डिवीजन के सभी संवेदनशील ग्रामों का चिन्हित कर उनका रोस्टर तैयार किया है. जहां वन्यजीव एक्सपर्ट ग्राम प्रधान व सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की मदद से ग्रामीणों एवं बच्चों को जागरूक करेंगे. जागरूकता के दौरान वन्यजीव एक्सपर्ट भी शामिल किए गए हैं.

उन्होंने कहा कि पहले चरण में एक महीने का जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. मोबाइल वैन में वन अधिकारी-कर्मी के साथ वन्यजीव एक्सपर्ट, पशु चिकित्सक व फील्ड स्टाफ मौजूद रहेगा.

सांसद अजय भट्ट ने बताया कि जंगलों में लगातार वन्यजीवों की संख्या बढ़ रही है और अक्सर मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं देखी जा रही हैं. वन विभाग की यह पहल सराहनीय पहल है. इस तरह की जागरूकता अभियान से मानव वन जीव संघर्ष की घटनाएं कम होगी.

ये भी पढ़ेंः वन्यजीवों के हमलों से भरा है देवभूमि का इतिहास, 24 सालों में 7 हजार से ज्यादा घटनाएं हुई रिकॉर्ड

हल्द्वानी: कुमाऊं मंडल का सबसे बड़ा वन क्षेत्र वाला तराई पूर्वी वन प्रभाग के जंगलों में मानव वन्यजीव टकराव की रोकथाम के लिए वन विभाग ने गांव-गांव और घर-घर जाकर जनता को जागरूक करने की रणनीति बनाई है. इसके लिए बुधवार को मोबाइल वैन का शुभारंभ किया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने मोबाइल वैन को झंडी दिखाकर रवाना किया.

तराई पूर्वी वन डिवीजन का क्षेत्रफल 82 हजार हेक्टेयर अधिक वन भूमि पर नैनीताल से उधमसिंह नगर और नेपाल बॉर्डर तक फैला हुआ है. इसमें तराई और भाबर के जंगल मानव वन्यजीव संघर्ष के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं.

मोबाइल वैन रोकेगी मानव वन्यजीव संघर्ष की घटना (VIDEO- ETV Bharat)

तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ हिमांशु बागड़ी कहना है कि जंगलों से सटे गांव होने के बाद भी ग्रामीण वन्यजीवों के व्यवहार के प्रति जागरूक नहीं होते हैं. जिस वजह से आए दिन संघर्ष होते हैं. खास कर देखा गया है कि सर्दियों के मौसम में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटना अधिक होती है. इसी को देखते हुए वन विभाग ने एक मोबाइल वैन चलाने का फैसला किया, जो संवेदनशील गांवों, स्कूलों और घर-घर जाकर जनता को संघर्ष की रोकथाम के लिए जागरूक करेगी.

वन विभाग ने सीएम पुष्कर सिंह धामी के गृह क्षेत्र खटीमा से मोबाइल वैन के संचालन की शुरुआत की है. जहां हल्द्वानी में मोबाइल वैन को झंडी दिखाकर रवाना किया है. संवेदनशील गांवों का रोस्टर तैयार वन विभाग ने तराई पूर्वी वन डिवीजन के सभी संवेदनशील ग्रामों का चिन्हित कर उनका रोस्टर तैयार किया है. जहां वन्यजीव एक्सपर्ट ग्राम प्रधान व सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की मदद से ग्रामीणों एवं बच्चों को जागरूक करेंगे. जागरूकता के दौरान वन्यजीव एक्सपर्ट भी शामिल किए गए हैं.

उन्होंने कहा कि पहले चरण में एक महीने का जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. मोबाइल वैन में वन अधिकारी-कर्मी के साथ वन्यजीव एक्सपर्ट, पशु चिकित्सक व फील्ड स्टाफ मौजूद रहेगा.

सांसद अजय भट्ट ने बताया कि जंगलों में लगातार वन्यजीवों की संख्या बढ़ रही है और अक्सर मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं देखी जा रही हैं. वन विभाग की यह पहल सराहनीय पहल है. इस तरह की जागरूकता अभियान से मानव वन जीव संघर्ष की घटनाएं कम होगी.

ये भी पढ़ेंः वन्यजीवों के हमलों से भरा है देवभूमि का इतिहास, 24 सालों में 7 हजार से ज्यादा घटनाएं हुई रिकॉर्ड

Last Updated : Nov 13, 2024, 8:29 PM IST
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