देहरादून: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में आने वाले लाखों पर्यटकों को स्थानीय लोगों की आजीविका से जोड़ने के प्रयास हो रहे हैं. इस दिशा में निर्णय लिया गया है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में दो आउटलेट खोले जाएंगे. जिसमें स्थानीय उत्पादों की उपलब्धता के साथ स्थानीय लोगों को बाजार देने की कोशिश की जाएगी. फिलहाल वन विभाग इसके लिए एक कार्य योजना तैयार कर रहा है, ताकि स्थानीय उत्पादों को कॉर्बेट में आने वाले पर्यटकों तक पहुंचाने और एक बेहतर बाजार तैयार करने की दिशा में कदम उठाया जा सके.
इसके अलावा वन विभाग ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के आसपास मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए आम लोगों को जागरूक करने से जुड़े अभियान पर भी विशेष फोकस करने का निर्णय लिया गया है. कोशिश है कि आम लोगों को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से किसी न किसी रूप में जोड़कर और उन्हें जागरूक करते हुए मानव वन्य जीव संघर्ष में कमी लाई जाएगी. इसके जरिए स्थानीय लोगों को खुद की सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले जरूरी कदम के बारे में जागरूक किया जाएगा. साथ ही स्थानीय लोगों की आजीविका को कॉर्बेट से जोड़कर इसके प्रति लोगों की भावनाओं को जोड़ने की भी कोशिश की जाएगी.
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में इस साल 23 करोड़ रुपए का बजट पास किया गया है और इसके जरिए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में मौजूद रेस्ट हाउस की सूरत बदलने की कोशिश भी होगी. वन विभाग प्रयास कर रहा है कि कॉर्बेट में मौजूद रेस्ट हाउस को मौजूदा सुख सुविधाओं से लैस बनाया जाए. साथ ही रेस्ट हाउस को नेचुरल लुक दिया जाए, ताकि लोग इसमें आते हुए खुद को प्रकृति से जुड़ा हुआ पाए. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में मौजूद एक डेवलपमेंट समितियों को मजबूत बनाने के लिए उठाए जाने वाले जरूरी कदम पर भी काम किया जाएगा, साथ ही कॉर्बेट में नए गेट खोलने के लिए भी विचार होगा, ताकि पर्यटकों को और अधिक विकल्प मिल सके और पर्यटन और बेहतर हो सके.
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