रायपुर : नाखून कुतरने से जीवन पर इसका क्या असर पड़ता है,क्यों नाखून नहीं कुतरने चाहिए. ये सारी बातें हमारे जेहन में अक्सर आती हैं.फिर भी हम कई लोगों को अपनी नजरों के सामने नाखून कुतरते हुए देखते हैं. नेल बाइटिंग से गंभीर किस्म की संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बना रहता है. साथ ही साथ इसका हमारे कुंडली के ग्रहों पर भी असर पड़ता है. ज्योतिषाचार्य पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी के मुताबिक बार-बार नाखून टूटना या नाखूनों को कुतरना इस बात का संकेत है कि आप बुरे दिनों से गुजरने वाले हैं. ज्योतिष शास्त्र इसको लेकर क्या कहता है, आईए जानते हैं.
नाखून कुतरने से क्या होत है हानि ?: ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी के मुताबिर "नाखून कुतरना एक तरह का मनोरोग है. यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सही नहीं है. जो लोग बार-बार नाखून कुतरने हैं उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है. ऐसे लोग प्रेम और व्यापार में धोखा भी खा सकते हैं. ऐसे में यदि नाखून कुतरने की आदत है तो इस आदत को बदलना या छोड़ना होगा.
''बार-बार नाखून को कुतरने की आदत को देखकर कोई अच्छा वैज्ञानिक आपको बेवकूफ भी बना सकता है. यदि आप नाखून कुतर रहे हैं या कुर्सी पर बैठकर पर हाथ पैर हिला रहे हैं तो यह ज्योतिष और वैज्ञानिक नजरिए से अच्छा लक्षण नहीं है. नाखून कुतरने के बजाय व्यक्ति को अपने आत्मविश्वास और पुरुषार्थ में ध्यान देना चाहिए." पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी, ज्योतिष एवं वास्तुविद
नाखूनों का शनि से नाता : ज्योतिष शास्त्र में नाखूनों को शनि से जुड़ा हुआ माना जाता है. आपने अक्सर सुना होगा कि शनिवार को नाखून नहीं काटे जाते. अगर शनि को मजबूत रखना है तो नाखून हमेशा कटे हुए और साफ-सुथरे होने चाहिए. खास तौर पर तर्जनी उंगली का नाखून टूटना बहुत ही बुरा माना जाता है. यदि आप तर्जनी उंगली का नाखून बार-बार कुतर रहे हैं तो यह नाखून टूट जाता है. इसका मतलब होता है कि आपके जीवन में चल रही समस्याएं फिलहाल खत्म होने वाली नहीं है या फिर कोई नई समस्या आपको घेरने वाली है.
नोट : प्रस्तुत लेख में लिखी गई बातें ज्योतिषाचार्य के अपने विचार और मत हैं.ईटीवी भारत ऐसी किसी भी बात की पुष्टि नहीं करता है.