संबलपुर/रायपुर: छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन ने पूरे देश की निगाहें अपनी ओर खींची है. 31 नक्सलियों को फोर्स ने मार गिराया. उसके बाद से नक्सलवाद के जल्द खात्मे को लेकर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है. सोमवार को दिल्ली में नक्सल प्रभावित राज्यों के सीएम के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा की है. इसमें अबूझमाड़ नक्सल ऑपरेशन पर चर्चा हुई है. अब ओडिशा से खबर आई है कि यहां पर छत्तीसगढ़ ओडिशा बॉर्डर को सील किया जा रहा है. जिससे छत्तीसगढ़ से नक्सली ओडिशा की ओर नहीं भाग सकें.
छत्तीसगढ़ ओडिशा बॉर्डर पर सुरक्षा सख्त: अबूझमाड़ नक्सल ऑपरेशन के बाद छत्तीसगढ़ ओडिशा बॉर्डर को सील किया गया है. ओडिशा में तैनात सीआरपीएफ की आईजी डॉक्टर अर्चना शिवहरे ने बताया कि फोर्स ने ओडिशा और छत्तीसगढ़ सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है. छत्तीसगढ़ से सटे ओडिशा के बॉर्डर को सील किया जा रहा है. जिससे बस्तर और उससे सटे जिलों से नक्सली ओडिशा की सीमा में दाखिल न हो सके.
सीआरपीएफ देश के सबसे बड़े फोर्स में से एक है.नक्सल मोर्चे पर सीआरपीएफ के जवान लगातार ऑपरेशन कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सल ऑपरेशन चल रहा है. छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर एंटी नक्सल ऑपरेशन चल रहे हैं. ऐसे में हम छत्तीसगढ़ ओडिशा बॉर्डर को सील कर रहे हैं. करीब 70 फीसदी हिस्सा जो छत्तीसगढ़ और ओडिशा का बॉर्डर है उसे हम सील कर चुके हैं. ओडिशा में कई डेवलमेंट स्कीम चल रही है. यहां कई गांवों में रोड और अन्य सुविधाएं हो चुकी है. ऐसे में अब नक्सल बैकफुट पर जा रहा है और नक्सलवाद लोगों को अब बरगला नहीं सकता है: डॉ. अर्चना शिवहरे, आईजी, सीआरपीएफ
ओडिशा में कब से सीआरपीएफ चला रहा ऑपरेशन: ओडिशा में सीआरपीएफ साल 2010 से नक्सल ऑपरेशन चला रहा है. 2010 से 2023 तक सीआरपीएफ ने राज्य सरकार के साथ मिलकर बहुत प्रयत्न किया है. पहले 18 जिले नक्सल प्रभावित थे. आज 7 जिले नक्सल प्रभावित हैं. जिनमें कालाहांडी, कंदमाल, रायगढ़ा का कुछ भाग नुआपाड़ा शामिल है.भारत सरकार और ओडिशा सरकार ने विकास की दिशा में बहुत काम किया है. बहुत सारी गवर्नमेंट की डेवलपमेंट स्कीम हैं, जिसकी वजह से सभी गांवों में रोड हैं, प्रायमरी सेंटर हैं, स्कूल हैं.
अब सीआरपीएफ की स्ट्रेटजी है कि ओडिशा में जितने नक्सल प्रभावित जिले हैं, वहां दूरदराज के क्षेत्रों में और छत्तीसगढ़ बार्डर पर कैंप लगाए जाएं.छत्तीसगढ़ में इन दिनों बड़े नक्सल ऑपरेशन चल रहे हैं. इसलिए छत्तीसगड़ से सटे इलाकों में कैंप लगाए जाएं ताकि छत्तीसगढ़ से भागकर नक्सलवादी ओडिशा में शेल्टर न ले सकें और ओडिशा में जो थोड़ा बहुत नक्सलवाद है उसको भी खत्म किया जा सके.: डॉ. अर्चना शिवहरे, आईजी, सीआरपीएफ
छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों पर करारा प्रहार जारी है. नक्सल ऑपरेशन में तेजी से लाल आतंक बैकफुट पर है. छत्तसीगढ़ के 15 जिले नक्सल प्रभावित हैं. इस सूची में बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर और सुकमा शामिल हैं. इसके अलावा राजनांदगांव, मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी, खैरागढ़ छुई खदान गंडई, कबीरधाम, गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी और मुंगेली है.