शिमला: हिमाचल में शिक्षा विभाग में टीचरों के ट्रांसफर के लिए तैयार की जा रही ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर अभी सरकार कोई फैसला नहीं ले पाई है. ट्रांसफर पॉलिसी का मामला अभी सरकार के पास ही आपसी सहमति न बनने से लटका पड़ा है. ऐसे में सरकारी स्कूलों में छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए शिक्षा विभाग ने 29 जुलाई से शुरू हो रहे एकेडमिक सेशन में शिक्षकों के तबादले पर रोक लगा दी है. इन आदेशों के बाद अब प्रदेश भर के विभिन्न स्कूलों में सेवाएं दे रहे जेबीटी, टीजीटी, पीजीटी, डीपीई, फिजिकल एजुकेशन व अन्य शिक्षकों की सत्र के बीच में कोई ट्रांसफर नहीं होगी. प्रदेश सरकार के इस निर्णय से अभिभावकों ने भी राहत की सांस ली है.
सरप्लस शिक्षकों पर चलेगा नियमों का डंडा
प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में गुणवत्ता लाने की दिशा में सरकार कई कदम उठा रही है. इसके लिए सरकार ने पिछले कई सालों से शहर में डटे प्रभावशाली शिक्षकों को भी ग्रामीण क्षेत्रों में भेजने का फैसला लिया है. वहीं, प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में सरप्लस शिक्षकों पर भी नियमों का डंडा चलने वाला है. प्रदेश में ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां 50 संख्या वाले स्कूलों में कई शिक्षक तैनात हैं. राजधानी के कई स्कूलों में भी पिछले लंबे समय से सरप्लस शिक्षक हैं. ऐसे में सरकार ने एक बार फिर विभाग को युक्तिकरण के निर्देश दिए हैं. जिसके तहत शहर के स्कूलों में सरप्लस शिक्षक अब ग्रामीण क्षेत्रों में भेजे जाएंगे. शिक्षा विभाग को इस बारे में जल्द ऐसे शिक्षकों की सूची बनाने को कहा गया है. जिसके लिए अब एकेडमिक सेशन में मंत्रियों और विधायकों की सिफारिशें भी काम नहीं आएंगी.
कब तक लगी ट्रांसफर पर रोक ?
प्रदेश में शिक्षा विभाग में तबादलों को लेकर ही सबसे अधिक होड़ मची रहती है. शिक्षा निदेशालयों से लेकर सचिवालय तक शिक्षक ट्रांसफर के लिए फाइल लेकर घूमते हुए नजर आते हैं. मुख्यमंत्री के आदेशों पर ही साल में कुछ महीनों तक ट्रांसफर पर प्रतिबंध रहता है. जिसको देखते हुए सरकार ने शिक्षकों के लिए ट्रांसफर पॉलिसी बनाने का फैसला लिया है. जो अभी फाइलों में ही बंद है. इसको देखते हुए अब ये फैसला लिया गया है कि जब तक ट्रांसफर पॉलिसी पर अंतिम फैसला नहीं लिया जाता है, तब तक एकेडमिक सेशन से शिक्षकों तबादले न किए जाएं. हालांकि मेडिकल ग्राउंड या अन्य अति आवश्यक कारणों में स्कूलों में छुट्टियां पड़ने के दौरान शिक्षकों के तबादलों पर सरकार विचार कर सकती है.
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का कहना है, "ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर लंबे समय से चर्चा हो रही है. मैं व्यक्तिगत रूप से ट्रांसफर पॉलिसी का पक्षधर हूं. जिसमें शिक्षकों को स्कूल में कम से कम दो से तीन साल सेवाएं देने की अवधि होनी चाहिए. जिसके लिए सहमति होना महत्वपूर्ण है, लेकिन जब तक ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर निर्णय नहीं होता है. स्कूलों में एकेडमिक सेशन से शिक्षकों तबादले न हो, इस बारे में मुख्यमंत्री से चर्चा हुई है. ऐसे में स्कूलों में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए एकेडमिक सेशन में अब शिक्षकों के तबादले नहीं किए जाएंगे."