जयपुर: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के करीब 26 प्रतिशत पद रिक्त हैं. ये पाप कांग्रेस ने किया है. उसका उलाहना हम सुन रहे हैं. ये कहना है प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का. स्कूलों में शिक्षकों के हजारों रिक्त पद होने के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने ये जवाब दिया. साथ ही बजट घोषणा का हवाला देते हुए आगामी 3 से 4 साल में विभाग में डेढ़ लाख भर्तियां करने की बात कही.
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में करीब 88 लाख छात्र अध्ययनरत हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं. सैकड़ों स्कूलों में तो सिर्फ एक शिक्षक ही पढ़ा रहा है. इसी तरह हजारों स्कूलों में सिर्फ डेप्युटेशन पर पढ़ाई चल रही है. इतना ही नहीं पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में जिन स्कूलों को क्रमोन्नत किया, वहां नए शिक्षक लगाना ही भूल गई. जिसकी वजह से जो शिक्षक पहले से पढ़ा रहे थे. वहीं अब सीनियर क्लासेज भी पढ़ा रहे हैं.
राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि प्रदेश में छात्र और शिक्षक अनुपात ठीक नहीं है. राजस्थान में कक्षा पहली से लेकर 12वीं तक करीब 88 लाख छात्र हैं. जबकि, उन्हें पढ़ाने के लिए सिर्फ सवा पांच लाख शिक्षक हैं. प्रदेश के 10 हजार सरकारी स्कूलों में एक-एक शिक्षक को लगाया हुआ है. तीन हजार स्कूलों में शिक्षक ही नहीं है. वहां पर डेप्युटेशन के हिसाब से पढ़ाई चल रही है. उन्होंने बताया कि पांच साल से शिक्षकों की डीपीसी नहीं हुई है. जिससे शिक्षकों के प्रमोशन अटके पड़े हैं. इससे पढ़ाई और छात्र दोनों प्रभावित हैं.
प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी पर शिक्षा विभाग के मुखिया मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि स्कूलों में लगभग 26 प्रतिशत पद रिक्त हैं. कांग्रेस ने जो पाप किया, उसकी सजा बच्चों को मिल रही है. कांग्रेस को इतना ज्ञान नहीं था कि अध्यापक नहीं है और विद्यालय खोले जा रहे हैं. समझदार पहले भर्ती करता और फिर विद्यालय खोलता. कांग्रेस सरकार ने जो पाप किया, उसका उलाहना हम सुन रहे हैं.
दिलावर ने कहा कि अब 20 हजार शिक्षकों की भर्ती कर ली गई है और लगभग डेढ़ लाख के आसपास तीन-चार सालों में भर्ती हो जाएगी. इसके बाद शिक्षा विभाग में कोई रिक्त पद नहीं बचेगा. जहां तक प्रधानाचार्य, व्याख्याता और अन्य पदों पर रुकी हुई डीपीसी का सवाल है, तो अधिकारियों को निर्देश दिए हुए हैं. कुछ डीपीसी के प्रकरण कोर्ट केस की वजह अटके हुए हैं. उनका भी रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है.
आपको बता दें कि प्रदेश में करीब एक लाख 35 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं. जबकि वर्ष 2017 में ये नियम बनाया गया था कि छात्रों की संख्या बढ़ेगी, तो उनके अनुपात में शिक्षक भी बढ़ा दिए जाएंगे. लेकिन ऐसा हुआ नहीं, नियम के अनुसार हर कक्षा के लिए कम से कम एक शिक्षक होना चाहिए. हालांकि अब नई भर्ती किए जाने का हवाला दिया जा रहा है.