जयपुर. राजस्थान के पारंपरिक हरियाली तीज के मौके पर आगामी 7 अगस्त को शिक्षा व पंचायती राज विभाग पूरे प्रदेश में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित करेगा. इस दिन प्रदेशवासी एक साथ 'एक पेड़ मां के नाम' का पौधा लगाएंगे. वहीं, प्रदेश में करोड़ों पौधे लगाए जाएंगे. इसमें आम लोगों को भी पौधे लगाने का टारगेट दिया गया है. साथ ही बाइक चालक को 5 पौधे, कार मालिक को 10 पौधे, ट्रक-बस मालिक को 20 पौधे और घर में एसी है तो 50 पौधे लगाने होंगे. इससे राजस्थान में एक कीर्तिमान बनेगा. वहीं, 200 पौधे लगाने पर उनकी सुरक्षा, देखभाल और पानी पिलाने के लिए नरेगा के जरिए एक श्रमिक को नियुक्त किया जाएगा.
जाने किसे दिया गया कितना लक्ष्य : इस अभियान की सफलता के लिए समाज के विभिन्न वर्गों को वृक्ष लगाने का लक्ष्य दिया गया है. मोटरसाइकिल धारक 5 पौधे, कार धारक 10 पौधे, ट्रेक्टर धारक 15 पौधे, ट्रक/बस धारक 20 पौधे लगाएंगे. पीएम आवास योजना के लाभार्थी 5 पौधे, स्वच्छ भारत मिशन के लाभार्थी 5 पौधे, वन अधिकार योजना के लाभार्थी 5 पौधे, राशन प्राप्त करने वाले 10 पौधे, जिनके घर में एसी लगे हैं, वो परिवार 50 पौधे, किसान को उतने पौधे जितनी जमीन उनके खातेदारी में दर्ज है. पेट्रोल पम्प मालिक 300 पौधे, गैस एजेन्सी मालिक 300 पौधे, औद्योगिक इकाई उतने पौधे जितने उनके यहां कर्मचारी काम करते हैं और पीएम किसान सम्मान निधि लाभार्थी 25 पौधे लगाएंगे.
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दरअसल, इस बार गर्मियों के सीजन में राजस्थान के कुछ शहर दुनिया में सबसे ज्यादा गर्म थे, जो आमजन, वनस्पति, जीव जंतु सभी के लिए बड़ी चुनौती है. बढ़ती गर्मी को रोकने और आम जनता की जान बचाने के लिए हरियाली तीज के मौके पर सघन पौधारोपण अभियान की शुरुआत की जा रही है. इस संबंध में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि प्रदेशभर में हरियाली तीज के मौके पर पौधारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इसके लिए शिक्षा विभाग को 37 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट जारी किया गया है.
इसके तहत प्राइमरी स्कूल को 15 हजार मिडिल स्कूल को 35 हजार और सीनियर सेकेंडरी स्कूल के लिए 55 हजार रुपए देने का प्रावधान रखा गया है. ताकि वहां पौधरोपण के दौरान शिक्षकों को किसी तरह के संसाधन की कमी न रहे. पौधारोपण के बाद पौधों की देखभाल के लिए भी सरकार ही व्यवस्था करेगी. इसके लिए ग्रामीण स्तर पर 200 पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी मनरेगा कर्मचारियों को दी जाएगी, जो वहां पौधों की देखभाल के साथ उन्हें पानी पिलाने का काम भी करेंगे.
वहीं, शहरी क्षेत्र में नगरीय निकाय पौधों की देखभाल और उन्हें पानी पिलाने का काम किया जाएगा. इसके लिए 7 अगस्त से कंट्रोल रूम भी शुरू होगा. जहां कोई भी व्यक्ति फोन कर पौधों को पानी पिलाने के साथ ही उनकी सुरक्षा की व्यवस्था के लिए कॉल कर सकता है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी सरकारी कार्यालय, खेल मैदान, सरकारी-निजी स्कूल, सरकारी भूमि, सड़क किनारे, सार्वजनिक स्थलों पर पौधरोपण किया जा सकता है. इसके लिए आम जनता खुद भी पौधे खरीद वहां पौधरोपण कर सकते हैं, जो लोग पौधे खरीदने में सक्षम नहीं हैं. वो स्थानीय निकाय और जिला प्रशासन से पौधे हासिल कर सकते हैं.
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हालांकि, इसके लिए उन्हें पहले जिला प्रशासन और स्थानीय निकाय को सूचित करना होगा. उन्होंने कहा कि डंडे के बल से हम लोगों को पौधरोपण करने के लिए नहीं कह सकते हैं. उनसे सिर्फ आग्रह कर रहे हैं कि वो पौधरोपण करें. उन्होंने बताया कि प्रत्येक स्टूडेंट को उनके परिवार में जितने सदस्य हैं, उतने पौधे लगाने हैं. इसके साथ ग्रेड थर्ड टीचर्स को कम से कम 5 पौधे, ग्रेड सेकेंड टीचर्स को कम से कम 10 पौधे और ग्रेड फर्स्ट टीचर को कम से कम 15 पौधे लगाना अनिवार्य होगा. पौधरोपण के बाद स्टूडेंट्स और टीचर्स को पौधों की फोटो जियो टैगिंग के साथ ऐप पर अपलोड करनी होगी. इसकी मॉनिटरिंग भी की जाएगी.