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मीना बाजार चलाने वाला अकबर महान कैसे ? महापुरुषों को नीचा दिखाने वाले अंशों को सिलेबस से हटाएंगे : मदन दिलावर

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने उनके हालिया विवादित बयानों और समसामयिक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी है. उन्होंने पाठ्यक्रम में बदलाव, हिजाब विवाद, मथुरा-काशी विवाद, भगवा विवाद, ट्रांसफर पॉलिसी, आरएसएस का एजेंडा, स्वदेशी पर जोर, लंबित मामलों में प्रॉपर सुनवाई, कोचिंग के लिए नई गाइडलाइन, नौकरशाही में भ्रष्टाचार और निजी स्कूलों के आरटीई भुगतान जैसे गंभीर मसलों पर खुलकर बात की.

Education Minister Madan Dilawar
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 1, 2024, 7:41 AM IST

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर

जयपुर. "अकबर महान कैसे हुआ ? वो तो मीना बाजार चलाता था. जानबूझकर अगली पीढ़ी को गलत दिशा देने की कोशिश की जा रही है. मैं सिलेबस को चेंज करने का पक्षधर नहीं, लेकिन महापुरुषों को नीचा दिखाने की कोशिश करने वाले अंशों को जरूर हटाया जाएगा." ये कहना है राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का. साथ ही, वाराणसी जिला कोर्ट की ओर से ज्ञानवापी को लेकर हिंदू पक्ष के हक में आए फैसले पर भी उन्होंने खुशी जाहिर की.

मदन दिलावर ने कहा कि देश की जनता लगातार बात करती आई है कि ये (अयोध्या) तो पहली झांकी है, मथुरा-काशी बाकी है. जब तक श्री कृष्ण भगवान के जन्म स्थल पर उनका भव्य मंदिर नहीं बन जाता, तब तक वो एक समय ही भोजन करेंगे और माला नहीं पहनेंगे.

बाबा विश्वनाथ मंदिर के विस्तार का आएगा फैसला : ज्ञानवापी के मसले पर मदन दिलावर ने कहा कि वो और पूरा देश बहुत खुश है कि आक्रांताओं ने कभी भगवान विश्वनाथ की जिस धरती पर तोड़फोड़ करके कुछ अन्य रूप देने की कोशिश की, लेकिन न्यायालय ने सोच समझकर निर्णय दिया है कि ये पूज्य भगवान की मूर्तियां हैं. इनकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए. अंतिम निर्णय संभवत: यही आएगा कि काशी में बाबा विश्वनाथ के मंदिर का विस्तार किया जाए. देश की जनता लगातार बात करती आई है कि ये (अयोध्या) तो पहली झांकी है, मथुरा-काशी बाकी है.

उन्होंने कहा कि सरकार कोई भी जोर जबरदस्ती नहीं कर रही, लेकिन जो साक्ष्य आएंगे, उनके आधार पर न्यायालय के फैसले को सभी को मानना पड़ेगा. मथुरा में भी अवशेषों से परिलक्षित हुआ है कि भगवान श्री कृष्ण की यही जन्मभूमि है और जब तक श्री कृष्ण के जन्म स्थल पर उनका भव्य मंदिर नहीं बन जाता, तब तक वो एक ही समय भोजन करेंगे और माला नहीं पहनेंगे.

महापुरुषों को नीचा दिखाने वाले अंश हटेंगे : मदन दिलावर ने कहा कि वो किसी भी तरह के सिलेबस को चेंज करने के पक्ष में नहीं है, लेकिन जानबूझकर अगली पीढ़ी को गलत दिशा देने की कोशिश की जा रही है. पूर्वजों के बारे में भ्रामक जानकारियां दी जा रही है. महापुरुषों को नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है. ऐसे अंशों को सिलेबस से हटाया जाएगा. अकबर महान है तो वो क्यों महान है ? वो तो मीना बाजार लगाकर मां-बहनों को उठा ले जाता था, उनके साथ अनैतिक हरकते करता था. वो महान कैसे हो सकता है ? महाराणा प्रताप तो हमेशा देश और मेवाड़ के लिए लड़े हैं, तो उनसे लड़ने वाला देश का हितकारी कैसे हो सकता है ?

इसे भी पढ़ें- मंत्री मदन दिलावर का फरमान, उनके विभाग में नही होगा विदेशी समान का इस्तेमाल

उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले सुना था कुछ पुस्तकों में पढ़ाया जा रहा था कि चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह आतंकवादी हैं. अगर हमारे देशभक्त क्रांतिकारियों को आतंकवादी पढ़ाएंगे तो बच्चों के मन पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? उनकी दिशा क्या हो जाएगी ? वीर सावरकर तो देशभक्त है ही नहीं, ये कैसे मान लेंगे ? ऐसे अंश होंगे तो उनकी समीक्षा कर रहे हैं, कोशिश करेंगे की उन अंशों को विलोपित करें.

सारी कांग्रेस ही काली है : स्कूलों के होनहार छात्रों को साइकिल, लैपटॉप, टैबलेट देने की योजना पर उन्होंने कहा कि साइकिल देने की प्रक्रिया जारी है. बाकी लैपटॉप- टैबलेट के विषय में मुख्यमंत्री से बात करेंगे, उसके बाद ही फैसला लिया जाएगा. जहां तक साइकिलों के रंग को कांग्रेस शासन काल में भगवा से काला करने का सवाल है तो ये सारी कांग्रेस ही काली है. इसलिए वो काला-काला करेगी ही, लेकिन अभी पूरा देश राममय हो रहा है. सभी महापुरुषों के पास जितने भी झंडे थे, सब भगवा ही थे. उगते सूर्य से लेकर, प्रज्ज्वलित अग्नि तक सबका रंग भगवा ही है. जब सारी सृष्टि ही भगवा से जगमगाती है तो दूसरी और चीज भगवमयी क्यों ना हो. साइकिल भी भगवा हो जाएगी, तो क्या दिक्कत है.

इसे भी पढ़ें- सूर्य नमस्कार पर बोले शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, इस बार राजस्थान बनाएगा रिकॉर्ड

स्कूलों में हो एक यूनिफॉर्म : स्कूलों में हिजाब को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने कोई नया आदेश जारी नहीं किया. पहले से आदेश है कि विद्यालयों में विद्यार्थियों को अपनी ड्रेस (पोशाक, गणवेश) पहन कर जाना चाहिए. यही आग्रह है कि विद्यालय में विद्यार्थियों को अपनी गणवेश में ही आना चाहिए. ये आदेश पहले से दिए हुए हैं. इसमें उनका कोई नया आदेश नहीं है. ये कांग्रेस के राज में भी था और बीजेपी के राज में भी है. पहले भी था और अभी भी है.

ट्रांसफर पॉलिसी बनाने में लगता है टाइम : लंबे समय से अपने ट्रांसफर का इंतजार कर रहे तृतीय श्रेणी शिक्षक और विभाग के अन्य शिक्षकों को ट्रांसफर पॉलिसी का भी इंतजार है. इस पर मदन दिलावर ने कहा कि पॉलिसी बनाने में टाइम लगता है, इतना जल्दी पॉलिसी बनाना संभव नहीं है, लेकिन कोशिश करेंगे की आगामी समय में पॉलिसी तैयार कर मंत्रिमंडल में जाए और मंत्रिमंडल इस पर जो भी फैसला ले, वैसा काम किया जाए.

इसे भी पढ़ें- शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने स्कूली छात्रों और भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ किया सूर्य नमस्कार, कही ये बड़ी बात

देश और समाज हित का आरएसएस का एजेंडा : 15 फरवरी से स्कूलों में शुरू होने वाले योगाभ्यास और सूर्य नमस्कार को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की ओर से आरएसएस के एजेंडे पर काम करने के आरोप पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि ये सच है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सोच हमेशा देश और समाज हित में होती है. देश को इसी एजेंडे पर काम करना चाहिए. ये एजेंडा आरएसएस का नहीं बल्कि पूरे देशवासियों का है. अगर कोई कहता है कि सबको देशभक्ति सीखाने का, चरित्र निर्माण करने का, ईमानदार, देशभक्त, परोपकारी बनाने और व्यक्ति निर्माण का एजेंडा आरएसएस का है, और देश का नहीं है तो ये गलत बात है. जो एजेंडा पूरे देश का है वो एजेंडा हमारा भी है.

शिक्षा और पंचायती राज विभाग में स्वदेशी पर जोर : स्वदेशी पर जोर देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे देश में कुछ लोगों ने हीन भावना पैदा कर दी है कि देश में बनाया हुआ कोई भी सामान विदेशी सामान से हल्का होता है, लेकिन आज की तारीख में वो ये कह सकते हैं कि आज देश में आलपिन से लेकर हवाई जहाज, मिसाइल और लड़ाकू विमान तक सर्वश्रेष्ठ बन रहे हैं, जिनकी मांग विदेशों में भी है और जब यहां स्वदेशी सामान बहुत अच्छे हैं तो विदेशी क्यों खरीदें. यहां पर जो भी सामान बनता है, इसका लाभ यहां के लोगों को मिलता है. उन्हें रोजगार मिलता है, हमारे देश का पैसा देश में ही रहता है. इसलिए लिखित में आदेश दिया है कि आलपिन से लेकर बड़ी से बड़ी वस्तु जो शिक्षा विभाग और पंचायती राज विभाग में काम आती है, वो स्वदेशी ही खरीदेंगे. यदि ऐसी कोई वस्तु जो देश में बन ही नहीं रही और विदेशी वस्तु के बिना काम ही नहीं चलेगा, तो मंत्री स्तर पर स्वीकृति लेनी होगी.

इसे भी पढ़ें- गणतंत्र दिवस 2024 : समारोह में दिखी राम मंदिर की झलक, मंत्री दिलावर ने भगवान के वेश धारण किए बच्चों को किया दंडवत प्रणाम

लंबित भर्तियों पर अदालत में हो प्रॉपर सुनवाई : शिक्षा विभाग की कोर्ट में लंबित चल रही भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों ने कोर्ट में सरकार की ओर से उचित पक्ष नहीं रखने का आरोप लगाया है. इस पर मदन दिलावर ने कहा कि ये सच है कि कुछ अभ्यर्थियों ने ये बात कही है. कांग्रेस को चाहिए था कि उस समय अपना पक्ष ठीक तरीके से रख पाते. जो मामला कोर्ट में चल रहा है उसे लेकर अब अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं. अदालत की सुनवाई में शामिल होकर प्रॉपर जवाब दें.

कांग्रेस ने किया महात्मा गांधी का घोर अपमान : अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को हिंदी मीडियम स्कूल में तब्दील करने के दो मामले सामने आने पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि अंग्रेजी का ज्ञान भी सबको होना चाहिए. इसी तरह संस्कृत, हिंदी और अन्य भाषाओं का ज्ञान भी होना चाहिए, लेकिन विद्यालय का नाम बदल दें और अंग्रेजी माध्यम का बोर्ड लटका दें लेकिन वहां शिक्षक ना हो तो वो कोई पशुओं का बाड़ा नहीं, बल्कि ज्ञान का मंदिर है. वहां पर छात्रों को उचित शिक्षा देना चाहते हैं, उसके लिए प्रॉपर व्यवस्था होनी चाहिए. कांग्रेस ने अपने लोगों को उपकृत करने के बहाने स्कूलों को ये नाम दे दिया. ये महात्मा गांधी का घोर अपमान है कि बच्चों के साथ अन्याय किया गया. शिक्षक नहीं, भवन नहीं और बच्चे हैं, ये उनके भविष्य में अंधकार लाने की कोशिश हो रही है. कांग्रेस ने ज्यादती की है कि महात्मा गांधी स्कूल का नाम तो दे दिया, लेकिन उसमें संसाधन नहीं दिए. ये बच्चों के साथ ज्यादती है. कोशिश करेंगे कि जहां जैसी जनता की मांग है, उसके आधार पर काम करेंगे. बीजेपी छात्रों के हित में काम करेगी. महात्मा गांधी का सम्मान बना रहे, वो भी कोशिश रहेगी.

इसे भी पढ़ें- अकबर को महान, शिवाजी को चूहा और चंद्रशेखर व भगत सिंह को आतंकी बताने वाला पाठ्यक्रम करूंगा बंद: शिक्षा मंत्री दिलावर

सस्ती लोकप्रियता के लिए नहीं करना चाहिए काम : शिक्षा मंत्री ने कहा कि लगातार विद्यालय खोलने की प्रवृत्ति ठीक तो है, लेकिन विद्यालय खोलने से पहले एनालिसिस करना चाहिए की अध्यापक और भवन है या नहीं और यदि अध्यापक भवन नहीं है तो नए स्कूल नहीं खोलना चाहिए. क्योंकि ये बच्चों के साथ ज्यादती है. किसी एक स्कूल से कुछ अध्यापक दूसरे स्कूल में भेजे जाएंगे तो दोनों ही स्कूल के बच्चों को अधूरी शिक्षा मिलेगी. इसलिए सस्ती लोकप्रियता के लिए काम नहीं करना चाहिए.

कोचिंग को लेकर सोच समझ कर लिया होगा फैसला : कोचिंग को लेकर केंद्र की गाइडलाइन जारी की गई, जिसमें 16 साल तक के बच्चों को कोचिंग में दाखिला देने पर पाबंदी लगाई गई. इसे लेकर मदन दिलावर ने कहा कि ना तो वो कोचिंग के खिलाफ है, ना हिजाब के खिलाफ हैं. ये केंद्र सरकार का आर्डर है. वहां बहुत विद्वान लोग बैठे हैं. बहुत सोच समझकर उन्होंने फैसला लिया होगा. जो निर्णय किया है वो सर्वोपरि है.

इसे भी पढ़ें- हिजाब विवाद पर बोले शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, स्कूलों में लागू होगा ड्रेस कोड

अनैतिक कृत्य करने वाले शिक्षकों की संपत्ति होगी नेस्तनाबूद : विद्या मंदिरों में किसी भी बहन के साथ अश्लीलता, छेड़खानी होती है तो ऐसे अध्यापकों पर पुलिस जो भी कार्रवाई करें वो अलग है, लेकिन यदि ऐसे शिक्षक ने अनैतिक तरीके से कोई भी संपत्ति बनाई होगी, नियमों का उल्लंघन करके कोई निर्माण किया हुआ होगा, तो ऐसी संपत्तियों को सरकार नेस्तनाबूद करेगी.

प्राइवेट स्कूल भी कर रहे प्रदेश की सेवा : प्राइवेट स्कूलों के आरटीई भुगतान को लेकर उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पदभार संभालते ही काफी भुगतान स्कूलों को कर दिया और आगे भी भुगतान किया जाएगा. जहां तक आरटीई के तहत एडमिशन नहीं देने पर प्राइवेट स्कूलों पर कार्रवाई का सवाल है तो जो भी गलत करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई जरूर की जाएगी. प्राइवेट विद्यालय प्रदेश की बहुत बड़ी सेवा कर रहे हैं. राजस्थान के निजी विद्यालयों के पास 85 लाख छात्र हैं. संसाधन कम होने के बावजूद भी वो बेहतर शिक्षा दे रहे हैं. वो जनता और सरकार दोनों का सहयोग कर रहे हैं, उन्हें हमेशा तिरछी निगाह से देखना ठीक नहीं है. जहां बच्चों के साथ ज्यादती हो रही है, वो अपवाद हो सकते हैं. उसके बारे में प्रारूप तो रखना चाहिए. फिर चाहे सरकारी आदेशों की अवहेलना का सवाल हो तो जो सीमा से ज्यादा गलती करता है, उस पर यथोचित कार्रवाई तो करना ही चाहिए.

इसे भी पढ़ें- शिक्षा मंत्री ने स्कूलोंं का किया औचक निरीक्षण, गंदगी पर जताई नाराजगी, बच्चों के बीच बैठकर किया भोजन

सैनिक सेनापति के अनुसार करते हैं काम : प्रदेश में नौकरशाही में भ्रष्टाचार के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजस्थान के अधिकारी तो राजस्थान में ही रहेंगे, काम लेने वाला होना चाहिए. सेनापति बदलता है तो सैनिक इस तरह काम करते हैं. अब प्रदेश में सेनापति बदल गए हैं. प्रदेश में अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा है, अशोक गहलोत नहीं है. जिन अधिकारियों पर आरोप लगे हैं, उन पर कार्रवाई होगी, लेकिन सीट बदलने से वो ईमानदार नहीं होंगे. उनका व्यक्तिगत मानना है कि अधिकारी को उसी जगह रखकर काम कराएं, क्योंकि उसकी कमियों से वाकिफ रहते है और वो उसी स्थान पर गलत काम करने से डरता है.

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर

जयपुर. "अकबर महान कैसे हुआ ? वो तो मीना बाजार चलाता था. जानबूझकर अगली पीढ़ी को गलत दिशा देने की कोशिश की जा रही है. मैं सिलेबस को चेंज करने का पक्षधर नहीं, लेकिन महापुरुषों को नीचा दिखाने की कोशिश करने वाले अंशों को जरूर हटाया जाएगा." ये कहना है राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का. साथ ही, वाराणसी जिला कोर्ट की ओर से ज्ञानवापी को लेकर हिंदू पक्ष के हक में आए फैसले पर भी उन्होंने खुशी जाहिर की.

मदन दिलावर ने कहा कि देश की जनता लगातार बात करती आई है कि ये (अयोध्या) तो पहली झांकी है, मथुरा-काशी बाकी है. जब तक श्री कृष्ण भगवान के जन्म स्थल पर उनका भव्य मंदिर नहीं बन जाता, तब तक वो एक समय ही भोजन करेंगे और माला नहीं पहनेंगे.

बाबा विश्वनाथ मंदिर के विस्तार का आएगा फैसला : ज्ञानवापी के मसले पर मदन दिलावर ने कहा कि वो और पूरा देश बहुत खुश है कि आक्रांताओं ने कभी भगवान विश्वनाथ की जिस धरती पर तोड़फोड़ करके कुछ अन्य रूप देने की कोशिश की, लेकिन न्यायालय ने सोच समझकर निर्णय दिया है कि ये पूज्य भगवान की मूर्तियां हैं. इनकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए. अंतिम निर्णय संभवत: यही आएगा कि काशी में बाबा विश्वनाथ के मंदिर का विस्तार किया जाए. देश की जनता लगातार बात करती आई है कि ये (अयोध्या) तो पहली झांकी है, मथुरा-काशी बाकी है.

उन्होंने कहा कि सरकार कोई भी जोर जबरदस्ती नहीं कर रही, लेकिन जो साक्ष्य आएंगे, उनके आधार पर न्यायालय के फैसले को सभी को मानना पड़ेगा. मथुरा में भी अवशेषों से परिलक्षित हुआ है कि भगवान श्री कृष्ण की यही जन्मभूमि है और जब तक श्री कृष्ण के जन्म स्थल पर उनका भव्य मंदिर नहीं बन जाता, तब तक वो एक ही समय भोजन करेंगे और माला नहीं पहनेंगे.

महापुरुषों को नीचा दिखाने वाले अंश हटेंगे : मदन दिलावर ने कहा कि वो किसी भी तरह के सिलेबस को चेंज करने के पक्ष में नहीं है, लेकिन जानबूझकर अगली पीढ़ी को गलत दिशा देने की कोशिश की जा रही है. पूर्वजों के बारे में भ्रामक जानकारियां दी जा रही है. महापुरुषों को नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है. ऐसे अंशों को सिलेबस से हटाया जाएगा. अकबर महान है तो वो क्यों महान है ? वो तो मीना बाजार लगाकर मां-बहनों को उठा ले जाता था, उनके साथ अनैतिक हरकते करता था. वो महान कैसे हो सकता है ? महाराणा प्रताप तो हमेशा देश और मेवाड़ के लिए लड़े हैं, तो उनसे लड़ने वाला देश का हितकारी कैसे हो सकता है ?

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उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले सुना था कुछ पुस्तकों में पढ़ाया जा रहा था कि चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह आतंकवादी हैं. अगर हमारे देशभक्त क्रांतिकारियों को आतंकवादी पढ़ाएंगे तो बच्चों के मन पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? उनकी दिशा क्या हो जाएगी ? वीर सावरकर तो देशभक्त है ही नहीं, ये कैसे मान लेंगे ? ऐसे अंश होंगे तो उनकी समीक्षा कर रहे हैं, कोशिश करेंगे की उन अंशों को विलोपित करें.

सारी कांग्रेस ही काली है : स्कूलों के होनहार छात्रों को साइकिल, लैपटॉप, टैबलेट देने की योजना पर उन्होंने कहा कि साइकिल देने की प्रक्रिया जारी है. बाकी लैपटॉप- टैबलेट के विषय में मुख्यमंत्री से बात करेंगे, उसके बाद ही फैसला लिया जाएगा. जहां तक साइकिलों के रंग को कांग्रेस शासन काल में भगवा से काला करने का सवाल है तो ये सारी कांग्रेस ही काली है. इसलिए वो काला-काला करेगी ही, लेकिन अभी पूरा देश राममय हो रहा है. सभी महापुरुषों के पास जितने भी झंडे थे, सब भगवा ही थे. उगते सूर्य से लेकर, प्रज्ज्वलित अग्नि तक सबका रंग भगवा ही है. जब सारी सृष्टि ही भगवा से जगमगाती है तो दूसरी और चीज भगवमयी क्यों ना हो. साइकिल भी भगवा हो जाएगी, तो क्या दिक्कत है.

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स्कूलों में हो एक यूनिफॉर्म : स्कूलों में हिजाब को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने कोई नया आदेश जारी नहीं किया. पहले से आदेश है कि विद्यालयों में विद्यार्थियों को अपनी ड्रेस (पोशाक, गणवेश) पहन कर जाना चाहिए. यही आग्रह है कि विद्यालय में विद्यार्थियों को अपनी गणवेश में ही आना चाहिए. ये आदेश पहले से दिए हुए हैं. इसमें उनका कोई नया आदेश नहीं है. ये कांग्रेस के राज में भी था और बीजेपी के राज में भी है. पहले भी था और अभी भी है.

ट्रांसफर पॉलिसी बनाने में लगता है टाइम : लंबे समय से अपने ट्रांसफर का इंतजार कर रहे तृतीय श्रेणी शिक्षक और विभाग के अन्य शिक्षकों को ट्रांसफर पॉलिसी का भी इंतजार है. इस पर मदन दिलावर ने कहा कि पॉलिसी बनाने में टाइम लगता है, इतना जल्दी पॉलिसी बनाना संभव नहीं है, लेकिन कोशिश करेंगे की आगामी समय में पॉलिसी तैयार कर मंत्रिमंडल में जाए और मंत्रिमंडल इस पर जो भी फैसला ले, वैसा काम किया जाए.

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देश और समाज हित का आरएसएस का एजेंडा : 15 फरवरी से स्कूलों में शुरू होने वाले योगाभ्यास और सूर्य नमस्कार को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की ओर से आरएसएस के एजेंडे पर काम करने के आरोप पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि ये सच है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सोच हमेशा देश और समाज हित में होती है. देश को इसी एजेंडे पर काम करना चाहिए. ये एजेंडा आरएसएस का नहीं बल्कि पूरे देशवासियों का है. अगर कोई कहता है कि सबको देशभक्ति सीखाने का, चरित्र निर्माण करने का, ईमानदार, देशभक्त, परोपकारी बनाने और व्यक्ति निर्माण का एजेंडा आरएसएस का है, और देश का नहीं है तो ये गलत बात है. जो एजेंडा पूरे देश का है वो एजेंडा हमारा भी है.

शिक्षा और पंचायती राज विभाग में स्वदेशी पर जोर : स्वदेशी पर जोर देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे देश में कुछ लोगों ने हीन भावना पैदा कर दी है कि देश में बनाया हुआ कोई भी सामान विदेशी सामान से हल्का होता है, लेकिन आज की तारीख में वो ये कह सकते हैं कि आज देश में आलपिन से लेकर हवाई जहाज, मिसाइल और लड़ाकू विमान तक सर्वश्रेष्ठ बन रहे हैं, जिनकी मांग विदेशों में भी है और जब यहां स्वदेशी सामान बहुत अच्छे हैं तो विदेशी क्यों खरीदें. यहां पर जो भी सामान बनता है, इसका लाभ यहां के लोगों को मिलता है. उन्हें रोजगार मिलता है, हमारे देश का पैसा देश में ही रहता है. इसलिए लिखित में आदेश दिया है कि आलपिन से लेकर बड़ी से बड़ी वस्तु जो शिक्षा विभाग और पंचायती राज विभाग में काम आती है, वो स्वदेशी ही खरीदेंगे. यदि ऐसी कोई वस्तु जो देश में बन ही नहीं रही और विदेशी वस्तु के बिना काम ही नहीं चलेगा, तो मंत्री स्तर पर स्वीकृति लेनी होगी.

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लंबित भर्तियों पर अदालत में हो प्रॉपर सुनवाई : शिक्षा विभाग की कोर्ट में लंबित चल रही भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों ने कोर्ट में सरकार की ओर से उचित पक्ष नहीं रखने का आरोप लगाया है. इस पर मदन दिलावर ने कहा कि ये सच है कि कुछ अभ्यर्थियों ने ये बात कही है. कांग्रेस को चाहिए था कि उस समय अपना पक्ष ठीक तरीके से रख पाते. जो मामला कोर्ट में चल रहा है उसे लेकर अब अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं. अदालत की सुनवाई में शामिल होकर प्रॉपर जवाब दें.

कांग्रेस ने किया महात्मा गांधी का घोर अपमान : अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को हिंदी मीडियम स्कूल में तब्दील करने के दो मामले सामने आने पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि अंग्रेजी का ज्ञान भी सबको होना चाहिए. इसी तरह संस्कृत, हिंदी और अन्य भाषाओं का ज्ञान भी होना चाहिए, लेकिन विद्यालय का नाम बदल दें और अंग्रेजी माध्यम का बोर्ड लटका दें लेकिन वहां शिक्षक ना हो तो वो कोई पशुओं का बाड़ा नहीं, बल्कि ज्ञान का मंदिर है. वहां पर छात्रों को उचित शिक्षा देना चाहते हैं, उसके लिए प्रॉपर व्यवस्था होनी चाहिए. कांग्रेस ने अपने लोगों को उपकृत करने के बहाने स्कूलों को ये नाम दे दिया. ये महात्मा गांधी का घोर अपमान है कि बच्चों के साथ अन्याय किया गया. शिक्षक नहीं, भवन नहीं और बच्चे हैं, ये उनके भविष्य में अंधकार लाने की कोशिश हो रही है. कांग्रेस ने ज्यादती की है कि महात्मा गांधी स्कूल का नाम तो दे दिया, लेकिन उसमें संसाधन नहीं दिए. ये बच्चों के साथ ज्यादती है. कोशिश करेंगे कि जहां जैसी जनता की मांग है, उसके आधार पर काम करेंगे. बीजेपी छात्रों के हित में काम करेगी. महात्मा गांधी का सम्मान बना रहे, वो भी कोशिश रहेगी.

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सस्ती लोकप्रियता के लिए नहीं करना चाहिए काम : शिक्षा मंत्री ने कहा कि लगातार विद्यालय खोलने की प्रवृत्ति ठीक तो है, लेकिन विद्यालय खोलने से पहले एनालिसिस करना चाहिए की अध्यापक और भवन है या नहीं और यदि अध्यापक भवन नहीं है तो नए स्कूल नहीं खोलना चाहिए. क्योंकि ये बच्चों के साथ ज्यादती है. किसी एक स्कूल से कुछ अध्यापक दूसरे स्कूल में भेजे जाएंगे तो दोनों ही स्कूल के बच्चों को अधूरी शिक्षा मिलेगी. इसलिए सस्ती लोकप्रियता के लिए काम नहीं करना चाहिए.

कोचिंग को लेकर सोच समझ कर लिया होगा फैसला : कोचिंग को लेकर केंद्र की गाइडलाइन जारी की गई, जिसमें 16 साल तक के बच्चों को कोचिंग में दाखिला देने पर पाबंदी लगाई गई. इसे लेकर मदन दिलावर ने कहा कि ना तो वो कोचिंग के खिलाफ है, ना हिजाब के खिलाफ हैं. ये केंद्र सरकार का आर्डर है. वहां बहुत विद्वान लोग बैठे हैं. बहुत सोच समझकर उन्होंने फैसला लिया होगा. जो निर्णय किया है वो सर्वोपरि है.

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अनैतिक कृत्य करने वाले शिक्षकों की संपत्ति होगी नेस्तनाबूद : विद्या मंदिरों में किसी भी बहन के साथ अश्लीलता, छेड़खानी होती है तो ऐसे अध्यापकों पर पुलिस जो भी कार्रवाई करें वो अलग है, लेकिन यदि ऐसे शिक्षक ने अनैतिक तरीके से कोई भी संपत्ति बनाई होगी, नियमों का उल्लंघन करके कोई निर्माण किया हुआ होगा, तो ऐसी संपत्तियों को सरकार नेस्तनाबूद करेगी.

प्राइवेट स्कूल भी कर रहे प्रदेश की सेवा : प्राइवेट स्कूलों के आरटीई भुगतान को लेकर उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पदभार संभालते ही काफी भुगतान स्कूलों को कर दिया और आगे भी भुगतान किया जाएगा. जहां तक आरटीई के तहत एडमिशन नहीं देने पर प्राइवेट स्कूलों पर कार्रवाई का सवाल है तो जो भी गलत करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई जरूर की जाएगी. प्राइवेट विद्यालय प्रदेश की बहुत बड़ी सेवा कर रहे हैं. राजस्थान के निजी विद्यालयों के पास 85 लाख छात्र हैं. संसाधन कम होने के बावजूद भी वो बेहतर शिक्षा दे रहे हैं. वो जनता और सरकार दोनों का सहयोग कर रहे हैं, उन्हें हमेशा तिरछी निगाह से देखना ठीक नहीं है. जहां बच्चों के साथ ज्यादती हो रही है, वो अपवाद हो सकते हैं. उसके बारे में प्रारूप तो रखना चाहिए. फिर चाहे सरकारी आदेशों की अवहेलना का सवाल हो तो जो सीमा से ज्यादा गलती करता है, उस पर यथोचित कार्रवाई तो करना ही चाहिए.

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सैनिक सेनापति के अनुसार करते हैं काम : प्रदेश में नौकरशाही में भ्रष्टाचार के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजस्थान के अधिकारी तो राजस्थान में ही रहेंगे, काम लेने वाला होना चाहिए. सेनापति बदलता है तो सैनिक इस तरह काम करते हैं. अब प्रदेश में सेनापति बदल गए हैं. प्रदेश में अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा है, अशोक गहलोत नहीं है. जिन अधिकारियों पर आरोप लगे हैं, उन पर कार्रवाई होगी, लेकिन सीट बदलने से वो ईमानदार नहीं होंगे. उनका व्यक्तिगत मानना है कि अधिकारी को उसी जगह रखकर काम कराएं, क्योंकि उसकी कमियों से वाकिफ रहते है और वो उसी स्थान पर गलत काम करने से डरता है.

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