जयपुर. स्कूलों में स्वच्छता का अभाव अधिकारी कर्मचारियों के मन की कमजोरी है. ये कहना है प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का. बुधवार को शिक्षा मंत्री ने जयपुर में सांगानेर, चाकसू और शिवदासपुरा क्षेत्रों में स्कूलों का औचक निरीक्षण किया. स्कूल परिसर और शौचालय में साफ सफाई नहीं मिलने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की. साथ ही स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति देखते हुए निर्देश दिए कि कोई भी शिक्षक अपनी मर्जी से बिना सक्षम स्वीकृति के अवकाश पर नहीं रहेगा. ये व्यवस्था सभी विद्यालयों में लागू होगी.
मदन दिलावर ने कहा कि शाला दर्पण पोर्टल पर केवल आवेदन करके अवकाश पर चले जाने वाले शिक्षकों की अब खैर नहीं. शिक्षा मंत्री ने इस व्यवस्था पर निगरानी बरतते हुए सभी संस्था प्रधानों को निर्देश दिए हैं कि वो अवकाश के प्रकरणों में ऑनलाइन स्वीकृति जारी करें, उसके बाद ही कोई शिक्षक अवकाश पर जाए. शिक्षा मंत्री ने बुधवार को स्कूलों का दौरा करते हुए अधिकारियों को विद्यालयों में स्वीकृत पदों के अतिरिक्त कार्य कर रहे टीचर्स की सूचना पेश करने के निर्देश दिए. इसके अलावा शैक्षणिक कार्य से अन्यत्र कलेक्टर, एसडीएम या सीईओ कार्यालयों में प्रतिनियुक्ति पर लगे शिक्षकों को कार्य मुक्त कराने के भी निर्देश दिए.
स्वच्छता व्यवस्था को दुरूस्त करने के निर्देश : शिक्षामंत्री ने सांगानेर में शहीद पुनीत नाथ दत्त राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की उपस्थिति जांच की. इसके अलावा स्कूल परिसर में छात्र-छात्राओं के शौचालय, पेयजल व्यवस्था और साफ-सफाई का निरीक्षण किया. उन्होंने संस्था प्रधान को जेडीए और निगम से समन्वय कर स्कूल परिसर में स्वच्छता व्यवस्था को दुरूस्त करने के निर्देश दिए. वहीं, श्रीराम की नांगल में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, उप स्वास्थ्य केन्द्र, ग्राम पंचायत और आईटी केन्द्र का निरीक्षण किया. इस दौरान शिक्षकों और कार्मिकों को स्वच्छता रखने के निर्देश देते हुए कमी पाए जाने पर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी.
राजस्थान में पैसे की कोई कमी नहीं : शिक्षामंत्री ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निरंतर सब लोगों से आग्रह कर रहे हैं की पूरा देश साफ चाहिए, तो विद्यालय साफ क्यों नहीं होने चाहिए?. इसी को लेकर स्वच्छता अभियान की प्लानिंग की है. उन्होंने कहा कि "हम चाहते हैं कि पूरा राजस्थान रोज साफ रहे, इस पर काम कर रहे हैं, क्योंकि पैसे की राजस्थान में कोई कमी नहीं है." राज्य सरकार बड़ी राशि पंचायतों को देती है. छोटी से छोटी पंचायत पर 5 लाख रुपए पहुंचता है, फिर भी यदि पंचायत क्षेत्र गंदा रहता है, तो वो ठीक नहीं है. ऐसे में निवेदन यही है कि सब मिलकर राजस्थान को साफ रखें. अब नियमित सफाई के अलावा महीने में एक बार स्थानीय कर्मचारी, अधिकारी, विशिष्ट जन, सामाजिक-धार्मिक कार्यकर्ता और स्वयं सहायता समूह को साथ लेकर उस क्षेत्र की सफाई की जाएगी. अगर ये प्रयोग साकार रूप लेगा, तो राजस्थान निरंतर साफ-सुथरा दिखाई देगा. कुछ स्कूलों में शौचालय के लिए भी पानी की व्यवस्था नहीं होने के सवाल पर दिलावर ने कहा कि "जिन स्कूलों का निरीक्षण किया, वहां पर शौचालय के लिए पानी पर्याप्त है.
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बच्चों के बीच बैठकर किया भोजन : दिलावर ने शिवदासपुरा स्थित महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में मिड-डे-मील के तहत बच्चों के बीच बैठकर भोजन किया और वहां परोसे गए भोजन की गुणवत्ता को परखा. वहीं, कक्षा में जाकर छात्रों से जोड़, पहाड़े, पारिवारिक रिश्ते और सामान्य ज्ञान के सवाल भी पूछे. उधर, चंदलाई के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय और महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में बच्चों के नामांकन की कम संख्या होने पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इन स्कूलों के पुनर्गठन के संबंध में कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए. वहीं, यहां मौजूद संस्कृत विद्यालय में शौचालयों में स्वच्छता की स्थिति पर नाराजगी जताते हुए नियमित तौर साफ-सफाई के निर्देश दिए.
छात्रों से किया संवाद : शिक्षा मंत्री ने चंदलाई के स्कूलों में आगामी 15 फरवरी को सूर्य सप्तमी पर प्रदेश में सामूहिक तौर पर सूर्य नमस्कार के होने वाले आयोजन का फीडबैक भी लिया. निमोडिया के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में बच्चे खुले में पढ़ते हुए मिले, यहां शिक्षा मंत्री ने विषय अध्यापकों और बच्चों से बोर्ड पर सौंदर्य, आशीर्वाद और ब्रह्मचारिणी जैसे शब्द लिखवाकर उनके भाषा ज्ञान को परखा. वहीं, बच्चों से संस्कृत के श्लोक और उनके अर्थ पूछते हुए स्तर की जांच की और किसान सेवा केन्द्र में स्थित लाईब्रेरी में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे, छात्रों से संवाद करते हुए उनकी हौसला अफजाई भी की.