बीकानेर. शिक्षा विभाग के सरकारी स्कूलों के संचालन और शैक्षणिक गतिविधियों को लेकर विभागीय स्तर पर जारी होने वाला शिविरा पंचांग यानी शिविरा कैलेंडर नई शैक्षिक सत्र जुलाई का एक माह बीतने के बाद भी अभी तक जारी नहीं हुआ है. पिछले सालों में यह पहला मौका है जब जुलाई माह का एक माह बीत जाने के बाद भी शिविरा का कैलेंडर जारी नहीं हुआ है. कैलेंडर जारी नहीं होने से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत संस्था प्रधानों और शिक्षकों में गफलत की स्थिति बनी हुई है.
कैलेंडर में तय है सब कुछ : दरअसल शिविरा कैलेंडर के हिसाब से ही वर्ष भर सरकारी स्कूलों में संचालन होता है और परीक्षाओं के संभावित समय, शैक्षणिक गतिविधियों और अशैक्षणिक गतिविधियों के साथ ही शिक्षकों के सम्मेलन और वाकपीठ को लेकर तिथियां तय होती है. लेकिन इस बार अभी तक जुलाई माह बीत जाने को है लेकिन वाकपीठ को लेकर कोई आदेश जारी नहीं हुए हैं, क्योंकि शिविरा पंचांग जारी नहीं हुआ है.
सालभर का होता है कार्यक्रम : दरअसल शिक्षा विभाग में गुणात्मक सुधार को लेकर सरकारी स्कूलों में संस्था प्रधान ब्लॉक और संस्था संस्था स्तर पर वॉकपीठ संगोष्ठी के माध्यम से चर्चा कार्य योजना बनाते हैं लेकिन इस बार शिविरा पंचांग जारी नहीं होने से वाकपीठ का समय तय नहीं हुआ है.
शिक्षक संगठन भी लगातार उठा रहे आवाज : उधर शिक्षा विभाग की इस देरी को लेकर शिक्षक संगठनों ने भी आपत्ति दर्ज करते हुए निदेशक और मंत्री स्तर तक इस बात को पहुंचाया है. शिक्षा विभाग के अधिकारी इस पूरे मामले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
" ऐसा पहली बार हुआ है कि नए सेक्टर का पूरा महीना बीत गया है लेकिन अभी तक पंचांग जारी नहीं हुआ है, जबकि शिक्षा विभाग में सरकारी स्कूलों के संचालन में शिविरा पंचांग महत्वपूर्ण है. विभाग को प्राथमिकता देकर जल्द से जल्द शिविरा पंचांग जारी करना चाहिए " - श्रवण पुरोहित, प्रदेश मंत्री, शिक्षक संघ शेखावत