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शिक्षा विभाग ने शून्य और कम नामांकन वाले 259 स्कूलों का किया मर्जर - MERGER OF SCHOOLS IN RAJASTHAN

प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राज्य के कम व शून्य नामांकन वाले 259 स्कूलों का आपस में मर्जर कर दिया है.

Merger of Schools in Rajasthan
259 स्कूलों का मर्जर (ETV Bharat Bikaner)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 17, 2025, 3:41 PM IST

बीकानेर: पिछले दिनों शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के 190 स्कूलों को मर्ज कर दिया था. अब एक बार फिर शुक्रवार को 259 स्कूलों को बंद करते हुए दूसरी स्कूलों में मर्ज किया गया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने शुक्रवार को इस बारे में आदेश जारी किया. बंद होने वाले स्कूल प्रदेश के अलग-अलग जिलों से हैं.

शिक्षा निदेशक की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अधिक नामांकन वाले स्कूलों में शून्य नामांकन के 14 स्कूलों को मर्ज किया गया हैं. वहीं, कुछ स्कूलों को नजदीकी स्कूलों में मर्ज किया गया है. प्रारंभिक से माध्यमिक शिक्षा में एक स्कूल को मर्ज किया गया है. प्रारंभिक शिक्षा विभाग की प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षा की 200 स्कूलों को माध्यमिक शिक्षा में मर्ज किया गया है. इन स्कूलों में नामांकन शून्य था. प्रारंभिक शिक्षा विभाग की प्राथमिक और उच्च प्राथमिक 35 स्कूलों को भी मर्ज करने की निर्देश दिए गए हैं. इन स्कूलों में नामांकन कम था.

पढ़ें: अधिशेष शिक्षकों के समायोजन की पोस्टिंग में शिकायत, एक DEO एपीओ, कमेटी गठित - शिक्षा विभाग

190 स्कूल पहले कर चुके मर्ज: गत 8 जनवरी को आदेश जारी करते हुए 190 स्कूलों को मर्ज करने के आदेश जारी किए गए थे, जिनमें 169 स्कूलों में नामांकन शून्य था. मर्ज और बंद किए गए स्कूल प्रदेश के अलग-अलग जिलों में है, जिनमें जयपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर, उदयपुर जैसे संभाग के मुख्यालय पर भी स्कूल संचालित है.

सरकार को दोहरा फायदा: दरअसल, इन स्कूलों को मर्ज करने से इनमें कार्यरत शिक्षक अब दूसरी जगह स्कूल में नियुक्त होंगे. उन्हें ऐसे स्कूलों में नियुक्त किया जाएगा, जिनमें शिक्षकों की कमी है. इसी प्रकार कई ऐसे स्कूल भी थे, जिनमें नामांकन कम था और वे वह किराए की जगह पर संचालित हो रही थी. अब इन स्कूलों को मर्ज करने से सरकार को राजकोष में लाभ होगा, क्योंकि किराए का भुगतान नहीं करना पड़ेगा.

बीकानेर: पिछले दिनों शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के 190 स्कूलों को मर्ज कर दिया था. अब एक बार फिर शुक्रवार को 259 स्कूलों को बंद करते हुए दूसरी स्कूलों में मर्ज किया गया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने शुक्रवार को इस बारे में आदेश जारी किया. बंद होने वाले स्कूल प्रदेश के अलग-अलग जिलों से हैं.

शिक्षा निदेशक की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अधिक नामांकन वाले स्कूलों में शून्य नामांकन के 14 स्कूलों को मर्ज किया गया हैं. वहीं, कुछ स्कूलों को नजदीकी स्कूलों में मर्ज किया गया है. प्रारंभिक से माध्यमिक शिक्षा में एक स्कूल को मर्ज किया गया है. प्रारंभिक शिक्षा विभाग की प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षा की 200 स्कूलों को माध्यमिक शिक्षा में मर्ज किया गया है. इन स्कूलों में नामांकन शून्य था. प्रारंभिक शिक्षा विभाग की प्राथमिक और उच्च प्राथमिक 35 स्कूलों को भी मर्ज करने की निर्देश दिए गए हैं. इन स्कूलों में नामांकन कम था.

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190 स्कूल पहले कर चुके मर्ज: गत 8 जनवरी को आदेश जारी करते हुए 190 स्कूलों को मर्ज करने के आदेश जारी किए गए थे, जिनमें 169 स्कूलों में नामांकन शून्य था. मर्ज और बंद किए गए स्कूल प्रदेश के अलग-अलग जिलों में है, जिनमें जयपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर, उदयपुर जैसे संभाग के मुख्यालय पर भी स्कूल संचालित है.

सरकार को दोहरा फायदा: दरअसल, इन स्कूलों को मर्ज करने से इनमें कार्यरत शिक्षक अब दूसरी जगह स्कूल में नियुक्त होंगे. उन्हें ऐसे स्कूलों में नियुक्त किया जाएगा, जिनमें शिक्षकों की कमी है. इसी प्रकार कई ऐसे स्कूल भी थे, जिनमें नामांकन कम था और वे वह किराए की जगह पर संचालित हो रही थी. अब इन स्कूलों को मर्ज करने से सरकार को राजकोष में लाभ होगा, क्योंकि किराए का भुगतान नहीं करना पड़ेगा.

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