लखनऊ: नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रहे और पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह ईडी के सामने पेश नहीं हुए. यहां तक मोहिंदर ने ईडी को पूछताछ के लिए न आ पाने के कारण के बारे में भी नहीं बयाया. फिलहाल ईडी अब उन्हें दोबारा नोटिस देकर बुलायेगा. इतना ही नहीं जांच से बचने के लिए विदेश भाग जाने के अंदेशे को देखते हुए ईडी मोहिंदर का पासपोर्ट भी जब्त करने की तैयारी में है. बीते दिनों ED ने लोटस प्रोजेक्ट के 426 करोड़ के घोटाले को लेकर छापेमारी की थी, जिस दौरान मोहिंदर सिंह समेत उनके अन्य सहयोगियों के ठिकाने से 70 करोड़ के नकदी और आभूषण मिले थे.
दरअसल, हेसिंडा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (एचपीपीएल) के प्रमोटरों, निदेशकों और संबंधित संस्थाओं द्वारा 426 करोड़ की धोखाधड़ी की गई थी. जिसको लेकर ED ने बीते दिनों उत्तर प्रदेश के नोएडा, मेरठ, दिल्ली, चंडीगढ़ और गोवा में स्थित 18 स्थानों की तलाशी ली थी. ये सभी ठिकाने नोएडा प्राधिकरण के पूर्व CEO व पूर्व IAS मोहिंदर सिंह, कंपनी के प्रमोटर सुरप्रीत सिंह, विदुर भारद्वाज, निर्मल सिंह, आदित्य गुप्ता, आशीष गुप्ता के थे.
5 करोड़ का एक हीरा भी हुआ था बरामद: ED के मुताबिक, छापेमारी के दौरान एजेंसी को 42.56 करोड़ नकदी, 29.35 करोड़ के सोने व हीरो के गहने, 5.26 करोड़ का एक सोलीटेयर हीरा, 7.1 करोड़ के हीरे के आभूषण और करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए थे.
बता दें कि ED की जांच 2019 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर शुरू की गई थी, जब नई दिल्ली में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा एचपीपीएल, इसके निदेशक, अधिकारियों और अन्य के खिलाफ निवेशकों और घर खरीदारों के पैसे को हटाने और निकालने के लिए कई एफआईआर दर्ज की गई थीं. इसमें कहा गया था कि कंपनी वादे के अनुसार अपार्टमेंट उपलब्ध नहीं करा रही है.
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