रांची: जमीन घोटाले में हेमंत सोरेन से जुड़े मामले में ईडी ने जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले सिंडिकेट के सदस्यों के दर्जनों बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस मामले में रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के प्रधान सहायक असित बरन दास, रांची नगर अंचल के सीओ मुंशी राम समेत दो दर्जन बैंक अधिकारी गवाह बन गए हैं.
ईडी ने रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के दो कर्मचारियों संजीत कुमार और तापस घोष के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस की ओर से हेयर स्ट्रीट थाने में एक मामला भी दर्ज कराया गया था, जिसमें रांची की जमीनों से जुड़े फर्जीवाड़े की जांच की जा रही है.
किस-किस खातों का पैसा किया गया फ्रीज?
ईडी ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि जमीन घोटाला मामले में प्रियरंजन सहाय और उनकी पत्नी के तीन बैंक खातों में जमा 24.90 लाख रुपये और छापेमारी के दौरान मिले छह लाख रुपये फ्रीज कर दिए गए हैं. वहीं नगर अंचल के लिपिक मनोज कुमार यादव का बैंक खाता भी फ्रीज कर दिया गया है. जमीन सिंडिकेट के सदस्यों ने मनोज यादव और उनकी पत्नी रेखा यादव के बैंक खातों में अलग-अलग तिथियों में कुल 5.07 लाख रुपये जमा कराए थे. ईडी ने अपनी जांच में पाया है कि प्रियरंजन सहाय के इंडियन बैंक खाते में जमीन सिंडिकेट के लोगों ने 11 सितंबर 2019 से 11 जुलाई 2023 के बीच 15.18 लाख रुपये जमा कराए थे.
आरोपियों ने स्वीकार किया है कि ज्यादातर सौदे नकद में हुए थे. प्रियरंजन सहाय के खाते से जमीन मालिक के वंशज दिलेश्वर महतो, दिलनाथ महतो, गबेश्वर महतो से क्रमश: 5 लाख रुपये, 10 लाख 87 रुपये, 10 लाख 16 रुपये, 2.50 लाख रुपये लिए गए. 18 फरवरी 2022 को कुमार राजश्री के खाते से 30 लाख रुपये और कुशवाहा इंजीकॉन के खाते से 10 लाख रुपये जमा किए गए.
ईडी ने बताया है कि पैसों का लेन-देन 4.83 एकड़ जमीन के लिए किया गया था. जिसका एग्रीमेंट शेखर कुशवाहा और प्रियरंजन सहाय ने किया था. जबकि विपिन सिंह के खाते में 1 फरवरी 2019 से 30 दिसंबर 2023 तक 15.84 लाख रुपए जमा किए गए. जमीन के लिए सादे कागज की व्यवस्था करने वाले रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के कर्मचारी तापस घोष और उनकी पत्नी के खाते में अलग-अलग तिथियों में कुल 8 लाख रुपए जमा किए गए. 6 अप्रैल 2022 को रांची से एक ही दिन में तापस के खाते में कुल 4.80 लाख रुपए जमा किए गए.
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