नई दिल्लीः पटियाला हाउस कोर्ट ने सेबी से जुड़े 88 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़ा के एक मामले में जरूरी दस्तावेज आरोपियों को उपलब्ध न कर पाने के बाद ईडी के डायरेक्टर को नोटिस जारी कर अदालत में पेश होने का आदेश दिया है. स्पेशल जज अपर्णा स्वामी ने ईडी के डायरेक्टर को जांच अधिकारी के साथ कोर्ट में 26 मार्च को पेश होने का आदेश दिया.
यह मामला मेसर्स यूनिकॉन सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड और इससे जुड़ी दूसरी कंपनियों से जुड़ा हुआ है. आज पटियाला हाउस कोर्ट में इस मामले में दस्तावेजों का परीक्षण होना था. लेकिन सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर साईमन बेंजामिन पेश नहीं हुए. कोर्ट ने पाया कि साईमन बेंजामिन वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये भी पेश नहीं हुए. ईडी की ओर से ईडी के डिप्टी डायरेक्टर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश हुए. ईडी के डिप्टी डायरेक्टर ने कहा कि आरोपियों को जो दस्तावेज उपलब्ध कराए गए हैं, वे ईडी के पास उपलब्ध सबसे अच्छी प्रति हैं.
आरोपियों को दस्तावेज उपलब्ध कराने का आदेश: कोर्ट ने 28 मार्च 2024 के उस आदेश पर गौर किया, जिसमें ईडी को कहा गया था कि वो आरोपियों को पढ़ने के काबिल दस्तावेज उपलब्ध कराए. लेकिन ईडी ने आरोपियों को पढ़ने के काबिल दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया था. कोर्ट ने 25 जनवरी को ईडी के डायरेक्टर को दस्तावेजों का स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था.
मनी लॉन्ड्रिंग का केस: इस मामले में ईडी ने मेसर्स यूनिकॉन सिक्योरिटीज प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स यूनिकॉन फिनकैप प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स यूनिकॉन फाइनेंशियल इंटरमिडीयरीज प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स यूनिकॉन रियल इस्टेट प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स आई 360 स्टाफिंग एंड ट्रेनिंग साल्यूशंश प्राईवेट लिमिटेड, गजेंद्र नागपाल, राम मोहन गुप्ता, सोनिया नागपाल, विकास मल्लान, संदीप अरोड़ा और नीरज ग्रोवर के खिलाफ मनी लाऊंड्रिंग का केस दर्ज किया था.
ईडी के मुताबिक सेबी ने अक्टूबर 2016 में पटियाला हाउस कोर्ट में इन आरोपियों के खिलाफ एक केस दायर किया था. सेबी ने अपनी शिकायत में इन आरोपियों के खिलाफ सेबी एक्ट की धारा 12ए, 24(1) और सेबी के नियम 3(ए), 3(डी) और 4(1) के तहत फर्जीवाड़ा और गैरकानूनी व्यापार करने का आरोप लगाया था.
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