रायपुर: शनिवार को जांच एजेंसी की रायपुर दफ्तर में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और यश टुटेजा शराब घोटाला केस में अपने बयान दर्ज कराने पहुंचे. बयान दर्ज कराने के दौरान ईडी ने अनिल और उनके बेटे यश को जांच में सहयोग करने और बयान दर्ज कराने के लिए EOW/ACB के दफ्तर से समन जारी किया था. दोनों को वहां पर पूछताछ की गई और उनको केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय ले जाया गया. शनिवार रात को अनिल टुटेजा को गिरफ्तार किया गया. उसके बाद उन्हें रायपुर में जज के सामने पेश किया गया. जहां से उन्हें एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
अनिल टुटेजा को एक दिन की न्यायिक हिरासत: शराब घोटाले में गिरफ्तार अनिल टुटेजा को रायपुर में जज के सामने पेश किया गया. कोर्ट बंद होने की वजह से जज ने अनिल टुटेजा को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
"अनिल टुटेजा को प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद सातवें सिविल जज (द्वितीय श्रेणी) रंजू वैष्णव की अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. अदालत रविवार को बंद थी इसलिए टुटेजा को संबंधित क्षेत्राधिकारी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया. ईडी ने 14 दिनों के लिए उनकी हिरासत की मांग की. अदालत ने एक दिन की न्यायिक हिरासत दी है. सोमवार को टुटेजा को विशेष अदालत में पेश किया जाएगा": सौरभ पांडेय, ईडी के वकील
किन धाराओं के तहत टुटेजा हुए गिरफ्तार: कथित शराब घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने रायपुर में आईपीसी की धारा 420, 467 और 471 के तहत केस दर्ज किया था. इसके अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 12 के तहत एफआईआर दर्ज की थी. ईडी के वकील सौरभ पांडे ने बताया कि चूंकि आईपीसी और पीसी अधिनियम की ये धाराएं धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अनुसूचित अपराध के तहत आती हैं. इसलिए ईडी के रायपुर जोनल कार्यालय ने एक नया मामला दर्ज किया. ईडी ने टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा को तब बुलाया जब वे शनिवार को रायपुर में एसीबी कार्यालय में अपना बयान दर्ज कर रहे थे. केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में आने के बाद, दोनों से पूछताछ की गई. सबूतों के आधार पर, अनिल टुटेजा को शनिवार रात गिरफ्तार किया गया था.
अनिल टुटेजा को आखिरी बार छत्तीसगढ़ के उद्योग और वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में नामित किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आयकर विभाग की शिकायत पर आधारित अपनी पिछली एफआईआर को रद्द करने के बाद ईडी ने कथित शराब घोटाला मामले में एक नया मनी लॉन्ड्रिंग मामला दर्ज किया. अदालत ने फैसला सुनाया कि कोई अनुसूचित अपराध नहीं है और इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं बनता है. इस फैसले से ठीक पहले एजेंसी ने मामले में अपनी जांच रिपोर्ट राज्य की ईओडब्ल्यू और एसीबी के साथ साझा किया. जिसमें एक आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की थी. एक बार जब उन्होंने एफआईआर दर्ज की तो ईडी ने उस शिकायत का संज्ञान लेते हुए एक नया मनी लॉन्ड्रिंग मामला दर्ज किया.
कथित शराब घोटाले पर वार पलटवार: कथित शराब घोटाला केस को लेकर भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी लगातार ये कह रही है कि ये विपक्ष को बदनाम और उसे फंसाने की साजिश है. भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए जवाब दे रही है कि इन घोटालों के पैसों से सरकार को बड़ा चूना कांग्रेस की सरकार में लगाया गया.
(सोर्स पीटीआई)