पटना: आर्थिक अपराध इकाई ने चार्जशीट में बताया है कि TRE-3 के पहले TRE-2 परीक्षा का भी पेपर लीक हुआ था, जिसमें 96823 अभ्यर्थी सफल हुए थे. इस परीक्षा का परिणाम 2023 के दिसंबर के आखिरी सप्ताह में आया था. ईओयू ने 15 मार्च 2024 को TRE-3 के पेपर लीक के जांच के क्रम में यह सभी जानकारी हासिल की है. इसमें भी संजीव मुखिया अपने पूरे परिवार के साथ गिरोह के रूप में सक्रिय था.
TRE-2 का पेपर भी हुआ था लीक: दूसरे चरण के प्रश्न पत्र विभिन्न जिलों तक ढोने वाली गाड़ियों में एक पिकअप का चालक भोजपुर का शिवाकांत सिंह था, जो दिसंबर 2023 में परीक्षा से पहले राहुल के साथ TRE-2 के प्रश्न पत्र को लेकर पटना से मोतिहारी के लिए निकला था.
कैसे किया पेपर लीक?: ईओयू को शिवाकांत ने बताया है कि सारी टोल टैक्स पहुंचने पर राहुल ने गाड़ी रुकवा दी. यहां बिहार सरकार लिखी हुई दो गाड़ी स्कॉर्पियो और अल्ट्रोज के साथ 6-7 लोग पहुंचे. इसके बाद पिकअप से प्रश्न पत्र का एक बॉक्स उतार कर स्कॉर्पियो में रखा गया. इसके बाद पिकअप में सुमित बैठ गया, फिर स्कॉर्पियो और अल्ट्रोज आगे निकली. फिर शिवाकांत और सुमित पिकअप लेकर मोतिहारी के लिए निकले. इसी दौरान जब पिकअप घंटे भर बाद मुजफ्फरपुर में रामदयालु चौक पहुंची तो वहां पहले से स्कॉर्पियो और अल्टोस लगी हुई थी.
पेपर लीक करने के लिए चालक को मिले पैसे: शिवाकांत ने बताया कि इसके बाद राहुल ने पिकअप से निकाला गया. पेपर बॉक्स वापस से पिकअप में रख दिया. इसके बाद वह पेपर लेकर मुजफ्फरपुर से मोतिहारी डीएम ऑफिस के लिए निकल गया. इस काम के लिए राहुल ने शिवाकांत को 5000 रुपये दिए थे. पिकअप के मालिक रामनिवास चौधरी के अनुसार 2023 के दिसंबर महीने में परीक्षा से पहले टीआरई-2 का प्रश्नपत्र ट्रांस्पोर्टेशन के दौरान लीक कराया गया था. इसके एवज में राहुल ने उन्हें गाड़ी के भाड़े के अलावे 8 हजार रुपये भी दिए थे.
जेल से फोन कर सबूत मिटाया: टीआरई-3 में भी डीटीडीसी वालों ने जिलों में प्रश्नपत्र भेजने के लिए इसके पिकअप वैन का इस्तेमाल किया था और प्रश्नपत्र लीक हुआ. इसके लिए राहुल ने श्रीनिवास को 25 हजार रुपये दिए थे. टीआरई-3 में भी नगरनौसा के एक ढाबे पर पिकअप वैन रोककर प्रश्नपत्र लीक किया गया. इस काम के लिए वैन चालक रामभवन पासवान को 7000 रुपए दिए गए.
संजीव मुखिया ही मास्टरमाइंड: पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया और उसका बेटा डॉ. शिव ही था. यह गिरोह बिहार की विभिन्न परीक्षाओं में पेपर लीक काम करता है. सिपाही भर्ती पेपर लीक में डॉक्टर शिव अपनी गर्लफ्रेंड और अन्य साथियों के साथ उज्जैन से गिरफ्तार हुआ. डॉ शिव ने जेल से ही राहुल और अपने अन्य सहयोगियों को सबूत मिटाने का निर्देश दिया, जिसके बाद राहुल ने सभी मोबाइल फॉर्मेट कर दिए.
तीन कोचिंग संचालकों की तलाश: इस पूरे पेपर लीक प्रकरण में पुलिस ने 266 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है. ईओयू को TRE-3 के पेपर लीक मामले में तीन कोचिंग संचालकों की तलाश है. संजीव मुखिया के गिरोह ने पेपर लीक करने के बाद इन तीन कोचिंग संस्थानों में क्वेश्चन पेपर भेज कर क्वेश्चन सॉल्व करवाया और अभ्यर्थियों को भी क्वेश्चन पेपर रटवाने के लिए संजीव मुखिया के गिरोह ने भेजा था. TRE-2 में पेपर लीक की बात सामने के आने के बाद शिक्षक अभ्यर्थियों में आक्रोश बढ़ गया है.
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