जयपुर. उत्तर- पूर्वी भारत में पाया जाने वाला सांप "ईस्टर्न ब्रॉन्जबैक" पहली बार राजस्थान में मिला है. जयपुर से रेस्क्यू किए गए सांप को जांच के लिए भेजा गया था. मध्य प्रदेश के शोधकर्ता विवेक शर्मा ने सांप के पूर्वी ब्रॉन्जबैक होने की पुष्टि की है. शोधकर्ताओं के अनुसार ईस्टर्न ब्रॉन्जबैक नाम का यह सांप अब तक केवल उत्तर-पूर्वी भारत के राज्यों में ही पाया जाता था. शोधकर्ताओं की ओर से पुष्टि होने के बाद पता चला है कि राजस्थान में पहले भी इस प्रजाति के सांप को देखा गया था, लेकिन जानकारी के अभाव में बिना जांच के ही छोड़ दिया गया था.
पहले भी मिल चुका है ये सांप : वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट जॉय गार्डनर के मुताबिक सबसे पहले मनोज शर्मा ने टोंक शहर के एक घर से इस तरह का सांप पकड़ा था, लेकिन उसे बिना जांच के छोड़ दिया गया था. इसके कुछ समय बाद नेचर केयर संस्था के राकेश प्रजापत को शहरी इलाके से यह सांप मिला. इसके कुछ दिनों बाद ही इस सांप को रक्षा संस्था के रोहित गंगवाल और होप एंड बियॉन्ड संस्था के जॉय गार्डनर ने भी शहर के अलग-अलग इलाकों से रेस्क्यू किया. इन सांपों की बहुत ही गहनता से जांच करवाई गई और सभी प्राप्त जानकारियों को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश के शोधकर्ता विवेक शर्मा ने इसके ईस्टर्न ब्रॉन्जबैक होने की पुष्टि की. फिर सभी ने मिलकर इसे यूरोप के जर्नल "Herpetological Review" के दिसंबर 2023 वाले अंक में प्रकाशित किया.
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शोधकर्ताओं का कहना है कि यह प्रजाति उत्तर-पूर्वी राज्यों में सामान्य रूप से पाई जाती है. इसके राजस्थान जैसे शुष्क प्रदेश में होने की कल्पना करना बहुत ही कठिन है. पहले यह समझा गया था कि संभवतः बाहर से आए हुए सामान के साथ इस प्रजाति के कुछ सांप कुछ स्थानों में मिल रहे हैं, लेकिन दूसरे शहरों के स्नेक रेस्क्यूर से जानकारी जुटाने पर यह पता चला कि यह सांप अलवर, उदयपुर और सिरोही जिलों में भी मिल चुका है, लेकिन जानकारी के अभाव में इसे बिना किसी जांच के छोड़ दिया गया था. होप एंड बियॉन्ड संस्था के जॉय गार्डनर के मुताबिक इस सांप को विज्ञान के लिए नई प्रजाति भी माना जा रहा था, लेकिन जयपुर में मिले सांपों की जांच करने पर इसकी सही प्रजाति ईस्टर्न ब्रॉन्जबैक होने का पता चला.