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बस्तर में पूर्वजों को याद कर मनाया गया ईस्टर रविवार, जानिए क्यों कहते हैं इसे पुनरुत्थान पर्व - easter sunday 2024

पूरे विश्व में मसीह समाज के लोग ईस्टर रविवार पर अपने पूर्वजों को याद कर रहे हैं. बस्तर में भी ईस्टर मनाया गया. इस दिन को पुनरुत्थान पर्व कहते हैं. आइए जानते हैं आखिर क्यों इस दिन को पुनरुत्थान पर्व कहा जाता है.

EASTER SUNDAY CELEBRATED IN BASTAR
बस्तर में ईस्टर
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 31, 2024, 7:09 PM IST

Updated : Mar 31, 2024, 9:08 PM IST

क्यों कहते हैं इसे पुनरुत्थान पर्व

बस्तर: छत्तीसगढ़ के बस्तर में रविवार को ईसाई समाज के लोगों ने धूमधाम से पुनरुत्थान दिवस मनाया. गुड फ्राइडे के तीसरे दिन मृतकों में से जी उठे प्रभु यीशु मसीह की आराधना की. मसीह समाज के लोग रविवार सुबह 5 बजे कब्रिस्तान पहुंचे. अपने पूर्वजों के कब्र पर फूल-माला अर्पित करके मोमबत्ती को जलाया. इसके बाद चर्च जाकर प्रभु यीशु मसीह की स्तुति की. इस दौरान गीत, संगीत, नृत्य और ड्रामा का भी आयोजन अलग-अलग जगहों पर किया.

गुड फ्राइडे के तीसरे दिन मनाया जाता है: इस बारे में ईटीवी भारत ने मसीह समाज के सदस्य संतोष मरकाम से बातचीत की. उन्होंने बताया कि, " पुनरुत्थान पर्व काफी महत्वपूर्ण होता है. गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु मसीह को मारा गया था. उन्हें क्रूस पर चढ़ाया गया था. इसके बाद तीसरे दिन वो वापस जिंदा हो जाते हैं. इसी दिन को पुनरुत्थान का दिन कहा जाता है. इस दिन को हम पर्व की तरह सेलिब्रेट करते हैं. बाइबिल में ऐसा बताया गया है कि न्याय के दिन जितने भी लोगों ने प्रभु यीशु मसीह को ग्रहण किया है. वे दोबारा जीवित होंगे. मसीह समाज के लोग हर साल पूर्वजों के कब्र पर आकर फूल-माला अर्पित करते हैं."

यीशु के वापस जिंदा होने पर मनाते हैं पुनरुत्थान पर्व: इसके साथ ही बस्तर के पास्टर रेव्ह वीरेंद्र नाथ से भी ईटीवी भारत ने बातचीत की. उन्होंने बताया कि, "यह पर्व यीशु मसीह के वापस जिंदा होने के खुशी में मनाया जाता है. यह पर्व पूरे विश्व भर में मसीह समाज के लोग मनाते हैं. इस दिन को इसीलिए भव्य तरीके से सेलिब्रेट करते हैं, क्योंकि इसी दिन यीशु मसीह मरे हुओं में से जी उठे और मनुष्य का उद्धार किया था. इस दिन चर्च में यीशु की आराधना की जाती है."

जानिए क्या है पुनरुत्थान पर्व: पुनरुत्थान पर्व या ईस्टर ईसाई धर्म का सबसे खास त्यौहार है. ये पर्व यीशु मसीह के पुनरुत्थान का प्रतीक है. यह गुड फ्राइडे के तीन दिन बाद रविवार को मनाया जाता है. कहा जाता है कि ईस्टर के दिन यीशु वापस जिंदा हो गए थे. इस दिन ईसाई लोग यीशु मसीह के बलिदान और पुनरुत्थान को याद करते हैं. लोग चर्च में प्रार्थना करते हैं. कई जगहों पर ईस्टर के दिन अंडे सजाते हैं.

बता दें कि 2 अप्रैल को पुनरुथान रैली जगदलपुर शहर में निकाली जाएगी. इस रैली के माध्यम से सभी लोगों को यीशु का संदेश दिया जाएगा.

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क्यों कहते हैं इसे पुनरुत्थान पर्व

बस्तर: छत्तीसगढ़ के बस्तर में रविवार को ईसाई समाज के लोगों ने धूमधाम से पुनरुत्थान दिवस मनाया. गुड फ्राइडे के तीसरे दिन मृतकों में से जी उठे प्रभु यीशु मसीह की आराधना की. मसीह समाज के लोग रविवार सुबह 5 बजे कब्रिस्तान पहुंचे. अपने पूर्वजों के कब्र पर फूल-माला अर्पित करके मोमबत्ती को जलाया. इसके बाद चर्च जाकर प्रभु यीशु मसीह की स्तुति की. इस दौरान गीत, संगीत, नृत्य और ड्रामा का भी आयोजन अलग-अलग जगहों पर किया.

गुड फ्राइडे के तीसरे दिन मनाया जाता है: इस बारे में ईटीवी भारत ने मसीह समाज के सदस्य संतोष मरकाम से बातचीत की. उन्होंने बताया कि, " पुनरुत्थान पर्व काफी महत्वपूर्ण होता है. गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु मसीह को मारा गया था. उन्हें क्रूस पर चढ़ाया गया था. इसके बाद तीसरे दिन वो वापस जिंदा हो जाते हैं. इसी दिन को पुनरुत्थान का दिन कहा जाता है. इस दिन को हम पर्व की तरह सेलिब्रेट करते हैं. बाइबिल में ऐसा बताया गया है कि न्याय के दिन जितने भी लोगों ने प्रभु यीशु मसीह को ग्रहण किया है. वे दोबारा जीवित होंगे. मसीह समाज के लोग हर साल पूर्वजों के कब्र पर आकर फूल-माला अर्पित करते हैं."

यीशु के वापस जिंदा होने पर मनाते हैं पुनरुत्थान पर्व: इसके साथ ही बस्तर के पास्टर रेव्ह वीरेंद्र नाथ से भी ईटीवी भारत ने बातचीत की. उन्होंने बताया कि, "यह पर्व यीशु मसीह के वापस जिंदा होने के खुशी में मनाया जाता है. यह पर्व पूरे विश्व भर में मसीह समाज के लोग मनाते हैं. इस दिन को इसीलिए भव्य तरीके से सेलिब्रेट करते हैं, क्योंकि इसी दिन यीशु मसीह मरे हुओं में से जी उठे और मनुष्य का उद्धार किया था. इस दिन चर्च में यीशु की आराधना की जाती है."

जानिए क्या है पुनरुत्थान पर्व: पुनरुत्थान पर्व या ईस्टर ईसाई धर्म का सबसे खास त्यौहार है. ये पर्व यीशु मसीह के पुनरुत्थान का प्रतीक है. यह गुड फ्राइडे के तीन दिन बाद रविवार को मनाया जाता है. कहा जाता है कि ईस्टर के दिन यीशु वापस जिंदा हो गए थे. इस दिन ईसाई लोग यीशु मसीह के बलिदान और पुनरुत्थान को याद करते हैं. लोग चर्च में प्रार्थना करते हैं. कई जगहों पर ईस्टर के दिन अंडे सजाते हैं.

बता दें कि 2 अप्रैल को पुनरुथान रैली जगदलपुर शहर में निकाली जाएगी. इस रैली के माध्यम से सभी लोगों को यीशु का संदेश दिया जाएगा.

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Last Updated : Mar 31, 2024, 9:08 PM IST
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