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कुल्लू में भूकंप के झटकों से हिली धरती, मंडी में रहा केंद्र - कुल्लू में भूकंप

Earthquake in Himachal: हिमाचल प्रदेश में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप का केंद्र मंडी रहा. जबकि कुल्लू और बिलासपुर में भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए हैं. इससे पहले कल लाहौल स्पीति में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.

Earthquake in Himachal
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 5, 2024, 12:16 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में मंगलवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके महसूस करते ही लोग अपने-अपने घरों से भी बाहर निकल गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार इस भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.2 आंकी गई है और दो बार यह भूकंप के झटके आए हैं. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी शिमला के मुताबिक भूकंप का केंद्र मंडी रहा, लेकिन साथ लगते जिला बिलासपुर और कुल्लू में भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए हैं.

वहीं, मिली जानकारी के अनुसार इस भूकंप की जमीन के भीतर गहराई करीब 5 किलोमीटर तक रही. हालांकि भूकंप से अभी तक किसी तरह के नुकसान होने की सूचना नहीं है. सुबह जब लोग अपने घरों में सोए हुए थे कि तभी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए. जिसके बाद लोग तुरंत अपने-अपने घरों से बाहर निकल गए. वहीं, सोमवार को भी दोपहर 1:00 बजे लाहौल स्पीति में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता भी 3.2 आंकी गई थी और लाहौल स्पीति में तीन बार यह महसूस किया गया.

हिमाचल में भूकंप का खतरा

मंगलवार को भूकंप का केंद्र मंडी रहा और इसकी गहराई 5 किलोमीटर तक रही. ऐसे में सोमवार और मंगलवार दो दिनों तक यह भूकंप के झटके महसूस किए गए. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में जिला कांगड़ा, चंबा, मंडी, कुल्लू व किन्नौर भूकंप के लिहाज से संवेदनशील जोन नंबर-5 के तहत आते हैं. पांचवा जोन भूकंप के लिहाज से सबसे खतरनाक माना जाता है. जब भी हिमाचल में भूकंप आता है तो साल 1905 में आए कांगड़ा के भूकंप का जिक्र होता है. हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में 4 अप्रैल 1905 को 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था. जिसमें 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.

ये भी पढ़ें: Earthquake In Himachal: हिमाचल में हर साल आते हैं भूकंप, अंधाधुंध निर्माण पर हाईकोर्ट से लेकर कैग तक ने दी है चेतावनी

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में मंगलवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके महसूस करते ही लोग अपने-अपने घरों से भी बाहर निकल गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार इस भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.2 आंकी गई है और दो बार यह भूकंप के झटके आए हैं. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी शिमला के मुताबिक भूकंप का केंद्र मंडी रहा, लेकिन साथ लगते जिला बिलासपुर और कुल्लू में भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए हैं.

वहीं, मिली जानकारी के अनुसार इस भूकंप की जमीन के भीतर गहराई करीब 5 किलोमीटर तक रही. हालांकि भूकंप से अभी तक किसी तरह के नुकसान होने की सूचना नहीं है. सुबह जब लोग अपने घरों में सोए हुए थे कि तभी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए. जिसके बाद लोग तुरंत अपने-अपने घरों से बाहर निकल गए. वहीं, सोमवार को भी दोपहर 1:00 बजे लाहौल स्पीति में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता भी 3.2 आंकी गई थी और लाहौल स्पीति में तीन बार यह महसूस किया गया.

हिमाचल में भूकंप का खतरा

मंगलवार को भूकंप का केंद्र मंडी रहा और इसकी गहराई 5 किलोमीटर तक रही. ऐसे में सोमवार और मंगलवार दो दिनों तक यह भूकंप के झटके महसूस किए गए. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में जिला कांगड़ा, चंबा, मंडी, कुल्लू व किन्नौर भूकंप के लिहाज से संवेदनशील जोन नंबर-5 के तहत आते हैं. पांचवा जोन भूकंप के लिहाज से सबसे खतरनाक माना जाता है. जब भी हिमाचल में भूकंप आता है तो साल 1905 में आए कांगड़ा के भूकंप का जिक्र होता है. हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में 4 अप्रैल 1905 को 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था. जिसमें 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.

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