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आधुनिकता की दौड़ में भी बचा हुआ है मिट्टी के बर्तनों का अस्तित्व, नई सोच दे रही नई कला को आयाम - Modern pottery in the market - MODERN POTTERY IN THE MARKET

Pottery business in Vikasnagar इन दिनों जब बर्तन बाजार में क्रांति आई हुई है नॉन स्टिक के नाम पर टेफ्लॉन कोटेट बर्तन गृहणियों की पहली पसंद बने हुए हैं, तो ऐसे में भी हमारे देश के पारंपरिक मिट्टी के बर्तन खुद का अस्तित्व बचाए हुए हैं. कुम्हारों ने भी समय की गति को भांपते हुए मिट्टी के बर्तनों के नए-नए डिजाइन बाजार में उतारे हैं.

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विकासनगर समाचार
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 24, 2024, 1:50 PM IST

Updated : Apr 24, 2024, 5:38 PM IST

नई टेक्नोलॉजी के दौर में मिट्टी के बर्तन बचा रहे अपना अस्तित्व.

विकासनगर: आधुनिकता की इस दौड़ में जहां प्रत्येक क्षेत्र में नई-नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है, तो वहीं इस दौड़ में मिट्टी के बर्तनों का जलवा भी बरकरार है. मिट्टी के बर्तन बनाना हजारों वर्ष से भारत में एक महत्वपूर्ण कला रही है. यह अपनी सांस्कृतिक कला और परंपराओं को जोड़े हुए हैं.

Pottery business in Vikasnagar
आधुनिकता की दौड़ में अस्तित्व बचाने की जद्दोजहद

पारंपरिक मिट्टी के बर्तन बनाने की प्रथाएं आधुनिकता कि दौड़ में भी मौजूद हैं. इससे भारत की मिट्टी की बर्तन संस्कृति इसकी कलात्मक विरासत का एक जीवंत और अभिन्न अंग बन गई है. अनूठी शैलियों और तकनीक से उपयोगी बर्तन एवं सजावटी सामान कुशल शिल्प कौशल और कलात्मक प्रतिभा को दर्शाती है. भारतीय रीति रिवाज और त्यौहारों में मिट्टी के बर्तन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. चाहे वह दीवाली के दौरान जलाए जाने वाले मिट्टी के दीपक हों या अन्य चित्रित बर्तन हों, यह हजारों कारीगरों को आजीविका का साधन प्रदान करते हैं. स्थानीय व्यापार और पर्यटन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. दैनिक जीवन में मिट्टी के बर्तनों का महत्वपूर्ण स्थान है.

Pottery business in Vikasnagar
मॉडर्न लुक ने मिट्टी के बर्तनों का बाजार बढ़ाया

विकासनगर में मिट्टी के बर्तनों के व्यापारी गुमान सिंह का कहना है कि गर्मियां शुरू हो चुकी हैं. पिछले साल थोड़ा मार्जिन कम था. माल कम बिक्री हुआ था. इस बार अधिक बिक्री बढ़ने की उम्मीद है. इस समय मिट्टी के बर्तन का सभी स्टॉक है. मिट्टी से बने कैंपर, घड़े, मिट्टी का तवा, गमले और रंगीन वाले मटके, पानी की बोतल और गिलास उपलब्ध हैं. आजकल मिट्टी का कुकर और कढ़ाई भी आ गई है.

Pottery business in Vikasnagar
गर्मी में निकल आए मिट्टी के बर्तन

गुमान सिंह ने बताया कि, उनके पास दही जमाने के बर्तन, चाय पीने के हुंडे और कटोरी जैसे आइटम हैं. इनको विकासनगर बाजार हरबर्टपुर में कुछ दुकानदारों के यहां से लेकर आया जाता है और आगे जाकर अपना सेल करते हैं. पछुवादून के गांवों में कुम्हार इन मिट्टी के कुछ आइटम बनाते हैं. उनसे खरीदारी की जाती हैं. गुमान सिंह ने आगे बताया कि पास अपना एक कारीगर भी है. जयपाल सिंह इस माल को बनाते हैं. वो यहां बाजार में बिक्री करते हैं. कुछ माल अन्य स्थानों से भी मंगाया जाता है. गुमान सिंह बताते हैं कि मिट्टी से बने अनेकों आइटम्स की डिमांड तो बढ़ रही है, लेकिन महंगाई बहुत ज्यादा हो गई है. इस कारण से ग्राहकों को संतुष्ट करना कठिन हो जाता है. इस वजह से खरीदने में दिक्कत हो रही है.

ये भी पढ़ें: कुम्हारों के बीच पहुंचे सीएम धामी, वोकल फॉर लोकल का दिया संदेश, शनि मंदिर में जलाए दीये

नई टेक्नोलॉजी के दौर में मिट्टी के बर्तन बचा रहे अपना अस्तित्व.

विकासनगर: आधुनिकता की इस दौड़ में जहां प्रत्येक क्षेत्र में नई-नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है, तो वहीं इस दौड़ में मिट्टी के बर्तनों का जलवा भी बरकरार है. मिट्टी के बर्तन बनाना हजारों वर्ष से भारत में एक महत्वपूर्ण कला रही है. यह अपनी सांस्कृतिक कला और परंपराओं को जोड़े हुए हैं.

Pottery business in Vikasnagar
आधुनिकता की दौड़ में अस्तित्व बचाने की जद्दोजहद

पारंपरिक मिट्टी के बर्तन बनाने की प्रथाएं आधुनिकता कि दौड़ में भी मौजूद हैं. इससे भारत की मिट्टी की बर्तन संस्कृति इसकी कलात्मक विरासत का एक जीवंत और अभिन्न अंग बन गई है. अनूठी शैलियों और तकनीक से उपयोगी बर्तन एवं सजावटी सामान कुशल शिल्प कौशल और कलात्मक प्रतिभा को दर्शाती है. भारतीय रीति रिवाज और त्यौहारों में मिट्टी के बर्तन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. चाहे वह दीवाली के दौरान जलाए जाने वाले मिट्टी के दीपक हों या अन्य चित्रित बर्तन हों, यह हजारों कारीगरों को आजीविका का साधन प्रदान करते हैं. स्थानीय व्यापार और पर्यटन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. दैनिक जीवन में मिट्टी के बर्तनों का महत्वपूर्ण स्थान है.

Pottery business in Vikasnagar
मॉडर्न लुक ने मिट्टी के बर्तनों का बाजार बढ़ाया

विकासनगर में मिट्टी के बर्तनों के व्यापारी गुमान सिंह का कहना है कि गर्मियां शुरू हो चुकी हैं. पिछले साल थोड़ा मार्जिन कम था. माल कम बिक्री हुआ था. इस बार अधिक बिक्री बढ़ने की उम्मीद है. इस समय मिट्टी के बर्तन का सभी स्टॉक है. मिट्टी से बने कैंपर, घड़े, मिट्टी का तवा, गमले और रंगीन वाले मटके, पानी की बोतल और गिलास उपलब्ध हैं. आजकल मिट्टी का कुकर और कढ़ाई भी आ गई है.

Pottery business in Vikasnagar
गर्मी में निकल आए मिट्टी के बर्तन

गुमान सिंह ने बताया कि, उनके पास दही जमाने के बर्तन, चाय पीने के हुंडे और कटोरी जैसे आइटम हैं. इनको विकासनगर बाजार हरबर्टपुर में कुछ दुकानदारों के यहां से लेकर आया जाता है और आगे जाकर अपना सेल करते हैं. पछुवादून के गांवों में कुम्हार इन मिट्टी के कुछ आइटम बनाते हैं. उनसे खरीदारी की जाती हैं. गुमान सिंह ने आगे बताया कि पास अपना एक कारीगर भी है. जयपाल सिंह इस माल को बनाते हैं. वो यहां बाजार में बिक्री करते हैं. कुछ माल अन्य स्थानों से भी मंगाया जाता है. गुमान सिंह बताते हैं कि मिट्टी से बने अनेकों आइटम्स की डिमांड तो बढ़ रही है, लेकिन महंगाई बहुत ज्यादा हो गई है. इस कारण से ग्राहकों को संतुष्ट करना कठिन हो जाता है. इस वजह से खरीदने में दिक्कत हो रही है.

ये भी पढ़ें: कुम्हारों के बीच पहुंचे सीएम धामी, वोकल फॉर लोकल का दिया संदेश, शनि मंदिर में जलाए दीये

Last Updated : Apr 24, 2024, 5:38 PM IST
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