शहडोल। अप्रैल का महीना चल रहा है और जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ रहे हैं. गर्मी भी बहुत तेज हो रही है. तापमान हर दिन लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में अब लोग पीने के लिए ठंडे पानी की ही तलाश करते हैं. उसके लिए ज्यादातर लोग फ्रिज के पानी का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन मिट्टी के मटके के पानी की बात ही अलग होती है. इसकी खासियत जानकर आप भी दंग रह जाएंगे. आप भी सोचेंगे कि क्या एक मिट्टी का घड़ा हमारे सेहत के लिए इतना फायदेमंद हो सकता है. मिट्टी के मटके का पानी आखिर सेहत को कैसे फायदा पहुंचा सकता है. जानते हैं आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव से.
मिट्टी के मटके का पानी है बहुत लाभकारी
गर्मी के सीजन की शुरुआत हो चुकी है. इन दिनों जहां भी जाएंगे, आपको मिट्टी के घड़े की दुकान सजी हुई मिल जाएगी. इसे खरीदने वाले लोग भी मिल जाएंगे, तो उसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि आज के इस बदलते दौर में भी तरह-तरह के मशीनरी जमाने में भी मिट्टी के मटकों का कोई तोड़ नहीं निकल पाया है, क्योंकि मिट्टी के मटके का पानी आपकी प्यास तो बुझाता ही है, साथ ही सेहत के लिए भी काफी गुणकारी है.
आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव मिट्टी के मटकों का पानी की खासियत बताते हुए कहते हैं की 'मिट्टी के घड़े में वो सारे मिनरल्स होते हैं, जो कि हमें माइक्रो न्यूट्रिएंट्स प्रोवाइड कर सकते हैं. जैसे कि इसमें मैग्नीशियम, फास्फोरस सब कुछ होते हैं.
दूसरी चीज होती है की मिट्टी के घड़े के पानी का जो टेंपरेचर होता है. वो बॉडी के एडेप्टेबिलिटी के हिसाब से एडिक्वेट होता है. मतलब इतना ठंडा नहीं होता. जिससे आपको जुखाम हो या फिर बॉडी को नुकसान करें.
आजकल आप देखे होंगे कि आरो फिल्टर होते हैं. जिसमें उसका टीडीएस मीटर होता है. मिट्टी के घड़े में रखे हुए पानी का टीडीएस ऑटोमेटेकली स्टेबल हो जाता है और उसका अल्कलाइन पीएच भी हो जाता है.
मिट्टी के घड़े का पानी जो है, केवल गर्मी ही नहीं बारह महीने पिया जा सकता है. शरीर के लिए स्वास्थ्य वर्धक होता है. इसमें पानी इतना ठंडा नहीं होता है कि इसमें आपको सर्दी जुखाम जैसी समस्या हो और दूसरी कोई समस्या हो, इसमें स्वास्थ्य का लाभ ही लाभ होगा.
इसके अलावा मिट्टी के घड़े के पानी की गुणवत्ता सुधर जाती है, मटका पानी की सभी अशुद्धियां को दूर कर देता है. प्लास्टिक की बोतल की तरह मिट्टी के घड़े में किसी तरह का केमिकल इस्तेमाल नहीं किया जाता है. इसलिए ये पानी केमिकल फ्री भी होता है.
आमतौर पर लोग इस तेज गर्मी से जब घर पहुंचते हैं, तो फ्रिज का ठंडा पानी इस्तेमाल करते हैं. फ्रिज में पानी बहुत अधिक ठंडा हो जाता है. कई बार जमकर बर्फ बन जाता है. अधिक ठंडा पानी पीने से गला खराब होने का खतरा रहता है, लेकिन मटके का पानी ठंडा तो होता ही है, मगर एक निश्चित लेवल तक ही रहता है यह गले को खराब नहीं करता है.