ETV Bharat / state

नहीं लगे चार्जिंग स्टेशन तो घर में ही चार्ज हो रहे ई-रिक्शा, सरकार को लग रहा लाखों का चूना, जानिये पूरा मामला - E Rickshaw Charging

E Rickshaw Charging Stations, e rickshaw in kumaon कुमाऊं मंडल में हजारों ई रिक्शा चल रहे हैं. इसके बाद भी पूरे कुमाऊं में एक भी चार्जिंग स्टेशन नहीं बनाया गया है. जिसके कारण ई रिक्शा चालक घरेलू बिजली कनेक्शन से इसे चार्ज करने को मजबूर हैं. जिसके कारण सरकार को हर महीने लाखों का चूना लग रहा है.

E RICKSHAW CHARGING
नहीं लगे चार्जिंग स्टेशन तो घर में ही चार्ज हो रहे ई-रिक्शा (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 23, 2024, 9:58 PM IST

हल्द्वानी: नैनीताल जिले में हर महीने ई-रिक्शा की संख्या बढ़ रही है. इसके बाद भी ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन की कोई व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण ई-रिक्शा चालकों को मजबूरन अपने घरों में इसे चार्ज करना पड़ रहा है. जिसके कारण हर महीने सरकार को लाखों का चूना लग रहा है. ये चूना घरेलू बिजली कनेक्शन से ई-रिक्शा चार्ज कर लग रहा है.

कुमाऊं में नहीं चार्जिंग स्टेशन, घरेलू बिजली से हो रहे चार्ज: बात परिवहन विभाग हल्द्वानी संभाग की करें तो नैनीताल और उधम सिंह नगर के अलावा चंपावत जनपद में करीब 20 हाजर ई-रिक्शा पंजीकृत हैं. विभिन्न कंपनियों की 40 से अधिक ई-रिक्शा एजेंसी हैं. एजेंसियों से लगातार ई-रिक्शा निकल रहे हैं, लेकिन किसी भी विभाग ने ई-रिक्शा की चार्जिंग की व्यवस्था के बारे में नहीं सोचा. इसके कारण चालक ई-रिक्शा को घरेलू बिजली से चार्ज कर रहे हैं.

उधम सिंह नगर संभाग में 14 हजार ई रिक्शा सड़कों पर दौड़ रहे हैं. नैनीताल जनपद में 4 हजार, चंपावत जनपद में एक हजार ई रिक्शा सड़कों पर दौड़ रहे. ईकार्ट लोडेड ई रिक्शा संख्या एक हजार के आसपास हैं. नियमानुसार ई-रिक्शा की बिक्री व संचालन व्यावसायिक श्रेणी में आता है, इसलिए इसे चार्ज करने के लिए बिजली विभाग से व्यावसायिक कनेक्शन लेना जरूरी है,मगर ऐसा नहीं हो रहा है.

नहीं लगे चार्जिंग स्टेशन तो घर में ही चार्ज हो रहे ई-रिक्शा (ETV BHARAT)

ये हैं बिजली की दरें: घरेलू और व्यावसायिक बिजली की दरों में ₹4 से लेकर ₹ 8 प्रति यूनिट का अंतर है. इसके कारण जिले में बिजली विभाग को हर महीने लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है. एक ई-रिक्शा की चार्जिंग में एक बार में लगभग 5 से 7 यूनिट बिजली खर्च होती है. ऐसे में करीब 20 हजार ई-रिक्शा हर दिन 100 हजार से अधिक यूनिट बिजली की खपत कर रहे हैं.विद्युत निगम के अनुसार शहर में उपभोक्ताओं ने बिजली का व्यावसायिक कनेक्शन लिया है, लेकिन कहीं भी ई-रिक्शा चार्जिंग के इंतजाम नहीं है.

क्या कहतें हैं अधिकारी: इस पूरे मामले में संभागीय परिवहन अधिकारी संदीप सैनी ने बताया शासन स्तर पर शहरों में इलेक्ट्रिक चार्जिंग लगाने का प्रस्ताव है. गढ़वाल मंडल के कुछ जगहों पर चार्जिंग स्टेशन बनाए गए हैं. कुमाऊं मंडल में इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाया जाना प्रस्तावित हैं. वह इस पूरे मामले में विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता नवीन मिश्रा ने बताया ई रिक्शा के लिए चार्जिंग स्टेशन कोई लगाना चाहता है तो विद्युत विभाग उसका सहयोग करेगा. ई रिक्शा संचालकों को भी निर्देशित किया गया है कि कमर्शियल विद्युत कनेक्शन से ही ई रिक्शा की चार्जिंग करें.

पढ़ें- निगम, निकाय, प्राधिकरण कर्मचारियों को सौगात, मिलेगा 4 फीसदी महंगाई भत्ता, सीएम धामी ने दी मंजूरी - Dearness Allowance Gift

हल्द्वानी: नैनीताल जिले में हर महीने ई-रिक्शा की संख्या बढ़ रही है. इसके बाद भी ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन की कोई व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण ई-रिक्शा चालकों को मजबूरन अपने घरों में इसे चार्ज करना पड़ रहा है. जिसके कारण हर महीने सरकार को लाखों का चूना लग रहा है. ये चूना घरेलू बिजली कनेक्शन से ई-रिक्शा चार्ज कर लग रहा है.

कुमाऊं में नहीं चार्जिंग स्टेशन, घरेलू बिजली से हो रहे चार्ज: बात परिवहन विभाग हल्द्वानी संभाग की करें तो नैनीताल और उधम सिंह नगर के अलावा चंपावत जनपद में करीब 20 हाजर ई-रिक्शा पंजीकृत हैं. विभिन्न कंपनियों की 40 से अधिक ई-रिक्शा एजेंसी हैं. एजेंसियों से लगातार ई-रिक्शा निकल रहे हैं, लेकिन किसी भी विभाग ने ई-रिक्शा की चार्जिंग की व्यवस्था के बारे में नहीं सोचा. इसके कारण चालक ई-रिक्शा को घरेलू बिजली से चार्ज कर रहे हैं.

उधम सिंह नगर संभाग में 14 हजार ई रिक्शा सड़कों पर दौड़ रहे हैं. नैनीताल जनपद में 4 हजार, चंपावत जनपद में एक हजार ई रिक्शा सड़कों पर दौड़ रहे. ईकार्ट लोडेड ई रिक्शा संख्या एक हजार के आसपास हैं. नियमानुसार ई-रिक्शा की बिक्री व संचालन व्यावसायिक श्रेणी में आता है, इसलिए इसे चार्ज करने के लिए बिजली विभाग से व्यावसायिक कनेक्शन लेना जरूरी है,मगर ऐसा नहीं हो रहा है.

नहीं लगे चार्जिंग स्टेशन तो घर में ही चार्ज हो रहे ई-रिक्शा (ETV BHARAT)

ये हैं बिजली की दरें: घरेलू और व्यावसायिक बिजली की दरों में ₹4 से लेकर ₹ 8 प्रति यूनिट का अंतर है. इसके कारण जिले में बिजली विभाग को हर महीने लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है. एक ई-रिक्शा की चार्जिंग में एक बार में लगभग 5 से 7 यूनिट बिजली खर्च होती है. ऐसे में करीब 20 हजार ई-रिक्शा हर दिन 100 हजार से अधिक यूनिट बिजली की खपत कर रहे हैं.विद्युत निगम के अनुसार शहर में उपभोक्ताओं ने बिजली का व्यावसायिक कनेक्शन लिया है, लेकिन कहीं भी ई-रिक्शा चार्जिंग के इंतजाम नहीं है.

क्या कहतें हैं अधिकारी: इस पूरे मामले में संभागीय परिवहन अधिकारी संदीप सैनी ने बताया शासन स्तर पर शहरों में इलेक्ट्रिक चार्जिंग लगाने का प्रस्ताव है. गढ़वाल मंडल के कुछ जगहों पर चार्जिंग स्टेशन बनाए गए हैं. कुमाऊं मंडल में इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाया जाना प्रस्तावित हैं. वह इस पूरे मामले में विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता नवीन मिश्रा ने बताया ई रिक्शा के लिए चार्जिंग स्टेशन कोई लगाना चाहता है तो विद्युत विभाग उसका सहयोग करेगा. ई रिक्शा संचालकों को भी निर्देशित किया गया है कि कमर्शियल विद्युत कनेक्शन से ही ई रिक्शा की चार्जिंग करें.

पढ़ें- निगम, निकाय, प्राधिकरण कर्मचारियों को सौगात, मिलेगा 4 फीसदी महंगाई भत्ता, सीएम धामी ने दी मंजूरी - Dearness Allowance Gift

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.