शिमला: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव (lok sabha election 2024) के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. चुनाव आचार संहिता (code of conduct) के चलते लोगों को अपने हथियार थाने में जमा करवाना जरूरी है. प्रशासन के आदेश के बाद भी हिमाचल में बहुत से लोगों ने अपने हथियार जमा नहीं करवाए हैं. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 7 हजार से अधिक हथियार अभी भी जमा होने बाकी हैं. ऐसे में डीजीपी ने पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं कि हथियार जल्द से जल्द जमा करवाए जाएं.
लोकसभा चुनाव से पहले हिमाचल में बड़ी संख्या में हथियार जमा करवाए गए हैं. इसके अलावा आपराधिक वारदातों में शामिल पाए गए हथियारों के लाइसेंस भी रद्द हुए हैं. हिमाचल पुलिस ने इस संबंध में एक आंकड़ा जारी किया है. पुलिस विभाग ने अब तक क्रिमिनल वारदातों के चलते 43 हथियार जब्त किए हैं. इसके अलावा ऊना जिला में एक, मंडी जिला में 3,237 और कुल्लू जिला में 1,381 हथियारों के लाइसेंस कैंसिल किए गए हैं.
पुलिस ने कड़ी की सुरक्षा व्यवस्था
हिमाचल प्रदेश में आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक पुलिस थानों में 11 अप्रैल तक 87,131 हथियार जमा किए गए हैं. लोकसभा चुनाव को लेकर जहां पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. वहीं, प्रदेश लाइसेंस वेपन्स को भी जमा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. प्रदेश में 1 लाख 403 लाइसेंसी हथियार हैं और इनमें 872 लोगों को वेपन रखने की छूट दी गई है. बाकी बचे 99 हजार 531 लाइसेंस वेपन में से अब तक 87 हजार 131 लाइसेंसी हथियार पुलिस थानों में जमा हैं.
डीजीपी ने दिए आदेश
डीजीपी अतुल वर्मा ने बताया कि प्रदेश में आचार संहिता लागू होने के पश्चात चुनाव प्रक्रिया के दौरान प्रदेश में जारी लाइसेंस वेपन को जमा करवाने हेतु समस्त पुलिस अधीक्षकों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. आम जनता से अनुरोध है कि अपने लाइसेंस वेपन को अपने नजदीकी पुलिस थाना में जल्द से जल्द जमा करवाएं.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में 1 जून, 2024 को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होगा. ऐसे में भारतीय चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुरूप एवं प्रदेश में सुरक्षा की स्थिति को ध्यान में रखते हुए पुलिस विभाग सभी सुरक्षा प्रबंधों को पूरा करने में जुटा है, ताकि प्रदेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्वक चुनाव सुनिश्चित किए जा सके. बहरहाल लोकसभा चुनाव को लेकर पुलिस ने प्रदेश की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. हर गाड़ी को चेकिंग के बाद ही राज्य में प्रवेश दिया जा रहा है.
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