लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव रहे दुर्गाशंकर मिश्र को चौथी बार सेवा विस्तार नहीं मिला. जबकि इससे पहले माना जा रहा था कि दुर्गा शंकर मुख्य सचिव की कुर्सी पर काबिज रहेंगे. हालांकि ऐसा हुआ नहीं और मनोज कुमार सिंह यूपी के नए चीफ सेक्रेटरी बन गए. दुर्गा शंकर को भले ही सेवा विस्तार नहीं मिला, लेकिन पीसीएस से आईएएस बने अरुणवीर सिंह ने छठी बार सेवा विस्तार पाकर बाजी मार ली. उत्तर प्रदेश कैडर के इस 2006 बैच के आईएएस अधिकारी के पास वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण परियोजनाएं हैं. जिसको देखते हुए डीओपीटी ने अरुणवीर सिंह के सेवा विस्तार को हरी झंडी दे दी है. यहां भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रभाव चला है. जेवर एयरपोर्ट और नोएडा फिल्म सिटी को देख रहे अरुणवीर सिंह ने छठी बार सेवा विस्तार प्राप्त किया है. आखिर क्या वजह रही कि दुर्गा शंकर पिछड़ गए और मनोज कुमार सिंह को मुख्य सचिव पद पर नियक्ति दे दी गई.
2006 बैच के IAS अफसर हैं अरुण
छठी बार सेवाविस्तार पाने में कामयाब अरुणवीर सिंह यमुना अथारिटी के सीईओ हैं. ये पीसीएस अफसर से प्रमोशन के बाद 2006 बैच के IAS अफसर बने थे. 2019 में अरुणवीर रिटायर हुए थे. सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जेवर एअरपोर्ट के साथ ही फिल्म सिटी का जिम्मा भी संभाले हुए हैं. इनको एक साल का सेवा विस्तार दिया गया है. इस 1 साल के भीतर उनका जेवर एयरपोर्ट और नोएडा फिल्म सिटी के काम को अंजाम तक पहुंचाना होगा. दोनों ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट हैं. हाल ही में फिल्म सिटी की जिम्मेदारी निर्माता निर्देशक बोनी कपूर को भी सौंप गई है.
सीएम योगी की ही चली
दूसरी और ब्यूरोक्रेसी के हलकों में इस बात की भी चर्चा है कि आखिर वह कौन से समीकरण थे, जिनकी वजह से दुर्गा शंकर मिश्र को सेवा विस्तार नहीं मिला. मगर अरुणवीर सिंह को मिल गया. जिसका सीधा जवाब यही दिया जा रहा है कि एक बार फिर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चली है. अरुणवीर सिंह को लेकर सरकार का यह तर्क है कि दोनों इतने महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट उनके पास हैं, जिनकी जिम्मेदारी फिलहाल किसी अन्य अधिकारी को नहीं दी जा सकती. इसलिए डीओपीटी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तर्क को स्वीकार किया.
शाह से मुलाकात ने दिया था चर्चा को जन्म
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र का कार्यकाल 30 जून को समाप्त गया. हाल ही में दुर्गा शंकर की मुलाकात गृहमंत्री अमित शाह से हुई थी. इसी के बाद से ही इसकी चर्चा तेज हो गई कि उनको सेवा विस्तार मिलेगा. अधिकारियों का एक्सटेंशन केंद्र सरकार और राज्य सरकार के विवेक पर निर्भर करता है. 65 वर्ष की उम्र तक लगातार सेवा विस्तार दिया जा सकता है. केंद्र सरकार में कुछ अधिकारियों को पांच बार तक सेवा विस्तार दिया जा चुका है.