रांची: शारदीय नवरात्र में राजधानी रांची के बकरी बाजार में पिछले 66 वर्षों से आयोजित हो रहे दुर्गा पूजा का अपना खास महत्व है. भारतीय युवक संघ द्वारा 1958 से लगातार यहां भव्य तरीके से दुर्गा पूजा आयोजित किया जाता रहा है. यहां शारदीय नवरात्र में बनने वाला पंडाल जितना आकर्षक और भव्य होता है उतना ही भव्यता मां दुर्गा की प्रतिमा की भी होती है.
बकरी बाजार में इस बार यहां राजस्थान के प्राचीन महलों, इमारतों का थीम केंद्र में रखकर पश्चिम बंगाल के राष्ट्रपति अवार्ड विनर पंडाल कारीगर गोरांगो कोयली के दिशा निर्देशन में बेहद बारीकी से की गई राजस्थान की कला को प्रदर्शित करने की कोशिश की गई है.
पूजा समिति इस बार कुल 90 लाख रुपए खर्च का रखा है बजट
भारतीय युवक संघ, बकरी बाजार दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष राहुल अग्रवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि इस बात अप्रैल महीने से ही पंडाल का काम शुरू हो गया था. बकरी बाजार प्रांगण में भी दो महीने से लगातार और दिन रात पंडाल बनाने का काम हो रहा है. उन्होंने बताया कि पंडाल बनाने में इस बार करीब 55 लाख रुपये खर्च होंगे जबकि कुल बजट 80 से 90 लाख तक का है.
राहुल अग्रवाल ने बताया कि पंडाल बनाने का काम, जहां राष्ट्रपति अवार्ड विनर कलाकार गोरांगो कोयली की देखरेख में हो रहा है, वहीं 18 फीट ऊंचाई वाला महिषासुरमर्दिनी मां दुर्गा की प्रतिमा प्रख्यात मूर्ति कलाकार अनूप दा कर रहे हैं. राहुल अग्रवाल ने बताया कि रविवार 06 अक्टूबर की शाम मां दुर्गे का पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस बार राजस्थान के उदयपुर के लोक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन भी करेंगे.
पिछले वर्ष महाभारत के चक्रव्यूह रचना पर बना था बकरी बाजार में पंडाल
2023 में बकरी बाजार में दुर्गा पूजा समिति द्वारा बनाया गया पंडाल का थीम "महाभारत के दौरान चक्रव्यूह रचना" से संबंधित था. उस समय "मां के दरबार" तक जाने के समय ऐसा लगता था मानो हम कुरुक्षेत्र की रणभूमि में उस स्थान पर प्रवेश कर रहे हैं जहां अभिमन्यु के लिए चक्रव्यूह की रचना हुई थी.
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