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आपके नन्हे मुन्ने बच्चे भी बस से जाते हैं स्कूल, तो ये खबर है आपके काम की - Fitness of school buses - FITNESS OF SCHOOL BUSES

गर्मी की छुट्टियों के बाद 26 जून से स्कूल खुलने वाले हैं. स्कूलों के खुलने से पहले दुर्ग ट्रैफिक पुलिस और यायायात विभाग ने स्कूली बसों की फिटनेस चेकिंग के लिए बड़ा अभियान चलाया है. अभियान का मकसद है सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन कराना. चेकिंग अभियान के जरिए जिन बसों की फिटनेस फिट नहीं पाई जाएगी उन बसों को परिवहन से रोक दिया जाएगा. स्कूली बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर ये कदम उठाया गया है.

campaign for Fitness of school buses
स्कूली बसों की फिटनेस की हुई जांच (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 17, 2024, 3:34 PM IST

दुर्ग: जून के आखिरी हफ्ते यानि 26 जून से पूरे प्रदेश में स्कूल खुलने वाले हैं. स्कूलों के खुलने से पहले परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बड़ा चेकिंग अभियान चलाया है. चेकिंग अभियान में स्कूलों की ओर से चलाए जा रहे बसों और गाड़ियों की चेकिंग की जा रही है. चेकिंग का मकसद है बसों की फिटनेश में जो भी गड़बड़ियां या कमियां हैं उनको दूर किया जाए. स्कूलों के खुलने से पहले सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन भी किया जा रहा है.

स्कूली बसों की फिटनेस की हुई जांच (ETV Bharat)

स्कूल बसों की फिटनेस की जांच के लिए चला अभियान: भिलाई के पुलिस ग्राउंड सेक्टर 6 में शिविर लगाकर स्कूल बसों की जांच की जा रही है. जांच के दौरान अबकतक 208 बसों की चेकिंग की गई. 208 बसों में से 18 बसों में खामियां पाई गई. जिसके बाद इन बसों पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत चालान कर 5800 से अधिक का समन शुल्क वसूला गया. इस दौरान वाहन चालकों के आंखों की जांच भी की गई. जिन लोगों की नजरें जांच में कमजोर मिली उनको चश्मा लगाने की सलाह दी गई है.

जांच के दौरान सुप्रीम कोर्ट की जो गाइडलाइन दी गई है उसका पालन भी किया जा रहा है. बसों की फिटनेस चेकिंग के दौरान ये पता किया जा रहा है कि किन बसों में सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखा गया है. किन बसों में कैमरे और अग्निशमन यंत्र की सुविधा नहीं है. चेकिंग अभियान के दौरान सीट बेल्ट लगाने की भी सलाह ड्राइवरों को दी गई है. जांच के दौरान रजिस्टेशन, परमिट, फिटनेस, बीमा, पीयूसी, रोड टैक्स, वाहन चालक का लायसेंस चेक किया गया. इसके बाद वाहनों का मैकनिकल फिटनेस जांच किया गया जिसके अंतर्गत हेड लाइट, ब्रेक लाइट, पार्किग लाइट, इन्डिकेटर लाइट, बैक लाइट, मीटर, स्टेरिंग पॉजिशन, टायर की स्थिति, क्लच, ऐक्सीलेटर, सीट की स्थिति, हॉर्न की स्थिति, वाइपर और रिफ्लेक्टर भी चेक किए गए. - सतीश ठाकुर, ट्रैफिक डीएसपी, दुर्ग

ट्रैफिक डिपार्टमेंट ने दी चेतावनी: ट्रैफिक विभाग ने बसों के ड्राइवर और स्कूलों को ये निर्देश दिए हैं कि वो औचक निरीक्षण के जरिए आगे भी चेकिंग अभियान चलाते रहेंगे. जिन गाड़ियों की चेकिंग नहीं हो पाई है उनको जल्द से जल्द चेक किया जाएगा. अक्सर कंडम और बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के स्कूली बस सड़कों पर दौड़ती पाई गई हैं.

कहीं आपके बच्चे इस स्कूल की बस में तो नहीं बैठते ?
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स्कूली बसों का यातायात विभाग ने किया निरीक्षण, कमी मिली तो दिए निर्देश

दुर्ग: जून के आखिरी हफ्ते यानि 26 जून से पूरे प्रदेश में स्कूल खुलने वाले हैं. स्कूलों के खुलने से पहले परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बड़ा चेकिंग अभियान चलाया है. चेकिंग अभियान में स्कूलों की ओर से चलाए जा रहे बसों और गाड़ियों की चेकिंग की जा रही है. चेकिंग का मकसद है बसों की फिटनेश में जो भी गड़बड़ियां या कमियां हैं उनको दूर किया जाए. स्कूलों के खुलने से पहले सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन भी किया जा रहा है.

स्कूली बसों की फिटनेस की हुई जांच (ETV Bharat)

स्कूल बसों की फिटनेस की जांच के लिए चला अभियान: भिलाई के पुलिस ग्राउंड सेक्टर 6 में शिविर लगाकर स्कूल बसों की जांच की जा रही है. जांच के दौरान अबकतक 208 बसों की चेकिंग की गई. 208 बसों में से 18 बसों में खामियां पाई गई. जिसके बाद इन बसों पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत चालान कर 5800 से अधिक का समन शुल्क वसूला गया. इस दौरान वाहन चालकों के आंखों की जांच भी की गई. जिन लोगों की नजरें जांच में कमजोर मिली उनको चश्मा लगाने की सलाह दी गई है.

जांच के दौरान सुप्रीम कोर्ट की जो गाइडलाइन दी गई है उसका पालन भी किया जा रहा है. बसों की फिटनेस चेकिंग के दौरान ये पता किया जा रहा है कि किन बसों में सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखा गया है. किन बसों में कैमरे और अग्निशमन यंत्र की सुविधा नहीं है. चेकिंग अभियान के दौरान सीट बेल्ट लगाने की भी सलाह ड्राइवरों को दी गई है. जांच के दौरान रजिस्टेशन, परमिट, फिटनेस, बीमा, पीयूसी, रोड टैक्स, वाहन चालक का लायसेंस चेक किया गया. इसके बाद वाहनों का मैकनिकल फिटनेस जांच किया गया जिसके अंतर्गत हेड लाइट, ब्रेक लाइट, पार्किग लाइट, इन्डिकेटर लाइट, बैक लाइट, मीटर, स्टेरिंग पॉजिशन, टायर की स्थिति, क्लच, ऐक्सीलेटर, सीट की स्थिति, हॉर्न की स्थिति, वाइपर और रिफ्लेक्टर भी चेक किए गए. - सतीश ठाकुर, ट्रैफिक डीएसपी, दुर्ग

ट्रैफिक डिपार्टमेंट ने दी चेतावनी: ट्रैफिक विभाग ने बसों के ड्राइवर और स्कूलों को ये निर्देश दिए हैं कि वो औचक निरीक्षण के जरिए आगे भी चेकिंग अभियान चलाते रहेंगे. जिन गाड़ियों की चेकिंग नहीं हो पाई है उनको जल्द से जल्द चेक किया जाएगा. अक्सर कंडम और बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के स्कूली बस सड़कों पर दौड़ती पाई गई हैं.

कहीं आपके बच्चे इस स्कूल की बस में तो नहीं बैठते ?
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