भिलाई: दुर्ग रेंज में रीजनल फॉरेंसिक साइंस लैब भिलाई सेक्टर-4 में बनकर तैयार हो गया है. इसके खुलने से मुकदमों की जांच करने वाले अधिकारी को जांच कार्यों में वैज्ञानिक सहायता मिलेगी. इसके साथ ही घटना के साक्ष्यों को कलेक्ट कर जांच के लिए लैब भेजने में मदद मिलेगी. अब घटनाओं से जुड़ी किसी भी सैंपल की जांच को लेकर ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
रेंज का पहला फॉरेंसिक साइंस लैब बनकर तैयार: जिले में क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला का क्षेत्रीय कार्यालय बीएसपी के इंग्लिश मीडियम स्कूल सेक्टर-4, सड़क-24 निलडाई में खुलने जा रहा है. यह दुर्ग रेंज के लिए होगा. इसमें दुर्ग, बेमेतरा, बलोद, राजनांदगांव, कवर्धा, खैरागढ़ और मानपुर मोहला कवर किए जाएंगे. इन जिले के अपराधिक घटनाओं में वैज्ञानिकीय साक्ष्यों के साथ शीघ्र रिपोर्ट मिलेगी. निदान भी समय पर किया जाएगा. छत्तीसगढ़ में जगदलपुर, अंबिकापुर और बिलासपुर के बाद चौथा यह रिजनल फॉरेंसिक लैब होगा.
दुर्ग रीजन में अपराधिक घटनाओं की वैज्ञानिक जांच चरणबद्ध तरीके से होगी. अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ साक्ष्यों का परीक्षण किया जाएगा. निर्धारित मापदंडों का पालन करते हुए त्वरीत गति से रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाएगी. -डॉ टीएल चंद्रा, कार्यालय प्रमुख, राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला
आपराधिक मामलों को सुलझाने में मिलेगी मदद: इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही उसका उद्घाटन होने वाला है.फॉरेंसिक साइंस लैब में अत्याधुनिक इनस्ट्रूमेंट मंगाए गए हैं. यहां के केमिस्ट्री सीरोलॉजी, बॉयलॉजी, क्राइम सीन और नार्कोटिक्स से जुड़ी जांचों की व्यवस्था होगी. क्रिमिनल केस को हल करने में वैज्ञानिक साक्ष्यों से होगी. दुर्ग रेंज में फॉरेसिंक लैब का क्षेत्रीय कार्यालय खुलने से विशेषकर अपराधिक घटनाओं की गुत्थी त्वरित गति से सुलझाने में पुलिस अधिकारियों को मदद मिलेगी.