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11 मजदूरों का अपहरण मामले में दुमका पुलिस करेगी कार्रवाई, सभी को रोजगार से जोड़ा जाएगा - 11 workers kidnapped in Tamil Nadu

Workers Kidnapping Case. तमिलनाडु के सेलम में दुमका के अलग-अलग गांव के 11 मजदूरों के अपहरण मामले में दुमका पुलिस जांच करने के बाद आगे की कार्रवाई करेगी. पुलिस ने बताया कि इन सभी मजदूरों को किसी कार्य का प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें बाहर जाने का जरूरत न पड़े.

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मजदूरों की तस्वीर (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 28, 2024, 9:23 PM IST

दुमका: झारखंड के जिन ग्यारह मजदूरों को तमिलनाडु के सेलम में बंधक बनाया गया था, वे सभी सकुशल लौट आए हैं. बुधवार को ये सभी मजदूर एल्लेपी एक्सप्रेस से धनबाद पहुंचे. जहां से श्रम अधीक्षक रमेश कुमार सिंह उन सभी को लेकर दुमका पहुंचे. दुमका पहुंचते ही एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने इन सभी से मुलाकात की और उनके साथ हुई घटना की पूरी जानकारी ली.

अपहरण को लेकर जानकारी देते अधिकारी (ETV BHARAT)

सेलम स्टेशन उतरते ही ऑटो वालों ने किया कब्जा

दरअसल, दुमका के अलग-अलग गांव के 11 मजदूर मुंशी बास्की, मस्तराम सिंह, नीरज गृही, दीपक कुमार पहाड़िया, विजय गृही, सुरेन्द्र सिंह, नोरेन सोरेन, बाबूजी सोरेन, शंकर पहाड़िया, राजू पहाड़िया और जोगेश सोरेन एक सप्ताह पहले काम की तलाश में तमिलनाडु गए हुए थे. जहां उनका अपहरण हो गया था.

दुमका आने के बाद एसपी पीताम्बर सिंह खेरवार को मजदूरों ने बताया कि सेलम स्टेशन में उतरने के बाद उन्हें जिस व्यक्ति के संपर्क से कपड़े मिल में काम करने के लिए पहुंचना था, उस शख्स ने ऑटो चालक से बात करा देने को कहा था, ताकि वह उनको सही जगह तक आराम से पहुंचा सके. ऐसे में इन मजदूरों के साथ गए मुंशी बास्की ने ऑटो चालक से उस शख्स की बात करायी. इसके बाद दो ऑटो में सभी 11 मजदूर सवार हो गए.

दोनों ऑटो चालकों ने 40-50 किमी दूर ले जाने के बाद किसी खाली जगह पर ले गया और सभी मजदूरों को बंधक बना लिया. इसके बाद सारे पैसे और मोबाइल छीन लिए. उनके साथ मारपीट भी की. घर से फोन पे पर पैसे मंगवाने का दबाव भी बनाया गया तो एक ने अपने घर से पंद्रह हजार रुपये फोन पे पर मंगवा भी लिया. मजदूरों ने बताया कि उनलोगों ने देर शाम को दो मजदूरों के मोबाइल को वापस किया तथा मारपीट कर छोड़ दिया. अनजान शहर में वे लोग इतने सहम गए कि वहां की पुलिस से भी कोई शिकायत नहीं कर सकें.

इन सबों को दिया जाएगा प्रशिक्षण: एसपी

वापस आए मजदूरों से सारी जानकारी प्राप्त करने के बाद दुमका एसपी ने कहा कि हमलोगों का पहला प्रयास होगा कि इन्हें कौशल विकास कार्यक्रम के तहत उनके अनुरूप किसी कार्य का प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जाए. जिसे लेकर उन्होंने श्रम अधीक्षक को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. साथ ही मजदूरों को कहा कि आप सभी श्रम विभाग में खुद का निबंधन कराएं. साथ ही अगर कहीं भी काम करने जाना हो तो पहले उसके बारे में पुख्ता जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें.

एसपी ने बताया कि सूचना के बाद इन मजदूरों से संपर्क साधा गया और इनकी वापसी का उपाय किए गए. एसपी ने बताया कि जिस खाते में पैसे लिए गए थे, उसके आधार पर पुलिस जांच करेगी और आवश्यक कार्रवाई करेगी. इधर, दुमका श्रम अधीक्षक रमेश कुमार सिंह ने बताया कि ऐसे प्रवासी मजदूरों के लिए काम करने वाली संस्था की वहां मदद ली गयी, जिन्होंने सकुशल वापस भिजवाने में इनकी मदद की.

धनबाद में सभी मजदूरों का स्वागत

दुमका से तमिलनाडु गए सभी 11 मजदूर एलेप्पी एक्सप्रेस से धनबाद स्टेशन पहुंचे. जहां धनबाद स्टेशन पर सहायक श्रम आयुक्त ने सभी मजदूरों का स्वागत किया. इसके बाद मजदूरों को बस से दुमका के लिए रवाना किया गया. धनबाद के सहायक श्रम आयुक्त प्रवीण कुमार बताया कि ये सभी मजदूर दुमका में नौकरी की तलाश में गए थे. जहां उन्हे बंधक बना लिया गया था। परिजन के द्वारा दुमका प्रशासन से संपर्क किया गया.

ये भी पढ़ें: तमिलनाडु में बंधक बनाए गए दुमका के 11 मजदूर हुए मुक्त, सभी वापस लौट रहे अपने घर

ये भी पढ़ें: हजारीबाग की एक फैक्ट्री में विस्फोट होने से एक मजदूर की मौत, एक दर्जन से अधिक घायल

दुमका: झारखंड के जिन ग्यारह मजदूरों को तमिलनाडु के सेलम में बंधक बनाया गया था, वे सभी सकुशल लौट आए हैं. बुधवार को ये सभी मजदूर एल्लेपी एक्सप्रेस से धनबाद पहुंचे. जहां से श्रम अधीक्षक रमेश कुमार सिंह उन सभी को लेकर दुमका पहुंचे. दुमका पहुंचते ही एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने इन सभी से मुलाकात की और उनके साथ हुई घटना की पूरी जानकारी ली.

अपहरण को लेकर जानकारी देते अधिकारी (ETV BHARAT)

सेलम स्टेशन उतरते ही ऑटो वालों ने किया कब्जा

दरअसल, दुमका के अलग-अलग गांव के 11 मजदूर मुंशी बास्की, मस्तराम सिंह, नीरज गृही, दीपक कुमार पहाड़िया, विजय गृही, सुरेन्द्र सिंह, नोरेन सोरेन, बाबूजी सोरेन, शंकर पहाड़िया, राजू पहाड़िया और जोगेश सोरेन एक सप्ताह पहले काम की तलाश में तमिलनाडु गए हुए थे. जहां उनका अपहरण हो गया था.

दुमका आने के बाद एसपी पीताम्बर सिंह खेरवार को मजदूरों ने बताया कि सेलम स्टेशन में उतरने के बाद उन्हें जिस व्यक्ति के संपर्क से कपड़े मिल में काम करने के लिए पहुंचना था, उस शख्स ने ऑटो चालक से बात करा देने को कहा था, ताकि वह उनको सही जगह तक आराम से पहुंचा सके. ऐसे में इन मजदूरों के साथ गए मुंशी बास्की ने ऑटो चालक से उस शख्स की बात करायी. इसके बाद दो ऑटो में सभी 11 मजदूर सवार हो गए.

दोनों ऑटो चालकों ने 40-50 किमी दूर ले जाने के बाद किसी खाली जगह पर ले गया और सभी मजदूरों को बंधक बना लिया. इसके बाद सारे पैसे और मोबाइल छीन लिए. उनके साथ मारपीट भी की. घर से फोन पे पर पैसे मंगवाने का दबाव भी बनाया गया तो एक ने अपने घर से पंद्रह हजार रुपये फोन पे पर मंगवा भी लिया. मजदूरों ने बताया कि उनलोगों ने देर शाम को दो मजदूरों के मोबाइल को वापस किया तथा मारपीट कर छोड़ दिया. अनजान शहर में वे लोग इतने सहम गए कि वहां की पुलिस से भी कोई शिकायत नहीं कर सकें.

इन सबों को दिया जाएगा प्रशिक्षण: एसपी

वापस आए मजदूरों से सारी जानकारी प्राप्त करने के बाद दुमका एसपी ने कहा कि हमलोगों का पहला प्रयास होगा कि इन्हें कौशल विकास कार्यक्रम के तहत उनके अनुरूप किसी कार्य का प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जाए. जिसे लेकर उन्होंने श्रम अधीक्षक को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. साथ ही मजदूरों को कहा कि आप सभी श्रम विभाग में खुद का निबंधन कराएं. साथ ही अगर कहीं भी काम करने जाना हो तो पहले उसके बारे में पुख्ता जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें.

एसपी ने बताया कि सूचना के बाद इन मजदूरों से संपर्क साधा गया और इनकी वापसी का उपाय किए गए. एसपी ने बताया कि जिस खाते में पैसे लिए गए थे, उसके आधार पर पुलिस जांच करेगी और आवश्यक कार्रवाई करेगी. इधर, दुमका श्रम अधीक्षक रमेश कुमार सिंह ने बताया कि ऐसे प्रवासी मजदूरों के लिए काम करने वाली संस्था की वहां मदद ली गयी, जिन्होंने सकुशल वापस भिजवाने में इनकी मदद की.

धनबाद में सभी मजदूरों का स्वागत

दुमका से तमिलनाडु गए सभी 11 मजदूर एलेप्पी एक्सप्रेस से धनबाद स्टेशन पहुंचे. जहां धनबाद स्टेशन पर सहायक श्रम आयुक्त ने सभी मजदूरों का स्वागत किया. इसके बाद मजदूरों को बस से दुमका के लिए रवाना किया गया. धनबाद के सहायक श्रम आयुक्त प्रवीण कुमार बताया कि ये सभी मजदूर दुमका में नौकरी की तलाश में गए थे. जहां उन्हे बंधक बना लिया गया था। परिजन के द्वारा दुमका प्रशासन से संपर्क किया गया.

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