दुमका: एक तरफ संथाल परगना के साहिबगंज जिले में अवैध उत्खनन को लेकर ईडी-सीबीआई की कार्रवाई चल रही है. पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा सहित कई जेल में हैं. वहीं दूसरी ओर दुमका खनन विभाग ने सरकार द्वारा एक वित्तीय वर्ष में राजस्व प्राप्ति का जो लक्ष्य दिया गया था उससे दोगुना उपलब्धि हासिल कर कीर्तिमान बनाया है. इसकी जानकारी जिला खनन पदाधिकारी ने दी है.
राजस्व 7560 लाख लक्ष्य के विरुद्ध उपलब्धि 14819 लाख रुपये
दुमका के जिला खनन पदाधिकारी नाजिश राणा ने जानकारी दी कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में सरकार द्वारा 7560 लाख रुपये प्राप्ति का लक्ष्य दिया गया था. इसके विरुद्ध हमने 14819.12 लाख रुपये की राजस्व वसूली की है. ऐसे में यह उपलब्धि 196% की रही है. उन्होंने बताया कि विभाग ने राजस्व वसूली के मामले में शुरू से ही काफी सतर्कता दिखाई. जहां जरूरत हुआ वहां कड़ाई भी की. इसके साथ ही राजस्व चोरी को रोकने की दिशा में भी आवश्यक कदम उठाए गए. इसका परिणाम यह हुआ कि खनन व्यवसाय से जुड़े लोगों ने ससमय कर जमा किया. जिससे हमारा राजस्व संग्रहण बेहतर हुआ और दोगुनी उपलब्धि हासिल हुई.
डीएमओ ने कहा कि इसमें हमें हमारे विभाग के उपनिदेशक, उपायुक्त समेत अन्य वरीय अधिकारियों का भी काफी सहयोग मिला. इसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि अभी हमारे यहां लगभग 28 लाइसेंस धारी स्टोन माइनिंग है, जबकि क्रशर की संख्या 106 से अधिक है. वहीं कुछ दिन पूर्व 20 स्टोन माइंस को लीज पर दिया गया है. जिसमें शुरू करने के लिए अन्य कागजात को पूरा करने की कार्रवाई चल रही है. दो माह के अंदर यह सभी माइंस चालू हो जाएंगे. ऐसे में हमारा राजस्व और बढ़ेगा. सबसे बड़ी बात यह है कि जब वैद्य स्टोन माइनिंग होगा तो इलीगल माइनिंग खुद ब खुद धराशायी होगा.
नाजिश राणा ने बताया कि जिले में अवैध उत्खनन और खनिज पदार्थ का अवैध परिवहन किसी भी सूरत में चलने नहीं दिया जाएगा. इसके लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. जहां तक बालू घाटों से अवैध उठाव की बात है तो पिछले कुछ दिनों से लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है. इस पर अंकुश लगाया गया है. बालू के भी घाटों का लीज किया गया है. लीज लेने वाले अपने अन्य कागजातों को पूरा करने में लगे हुए हैं.
पिछले पांच वर्षों में हुए राजस्व वसूली का आंकड़ा
पिछले 05 वर्षों में खनन विभाग के द्वारा किए गए राजस्व वसूली की बात करें तो वर्ष 2019-20 में लक्ष्य 6850 लाख का था, जबकि उपलब्धि 3231.70 लाख रही. वहीं 2020-21 में लक्ष्य 6000 लाख का था जबकि उपलब्धि 3028. 83 लाख हुई. यहां गौरतलब यह है कि यह दोनों वर्ष कोरोना प्रभावित थे. 2021-22 में लक्ष्य 5400 लाख का था जबकि उपलब्धि 3358.45 लाख की रही.
खनन विभाग के राजस्व वसूली में बड़ा उछाल 2022-23 में देखने को मिला था जब लक्ष्य 5400 लाख की थी जबकि उपलब्धि 6584.33 लाख की रही. जबकि बीते वित्तीय वर्ष 2023 - 24 में वार्षिक लक्ष्य 7560 लाख की थी इसके विरुद्ध उपलब्धि 14819.12 लाख की रही. इस पांच वर्ष के आंकड़े से यह स्पष्ट है कि दुमका खनन विभाग ने राजस्व वसूली के मामले में काफी बेहतर कार्य किया.
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