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शांतिपूर्ण मतदान कराने में जुटा दुमका जिला प्रशासन, डीसी-एसपी ने दुर्गम नक्सल प्रभावित बूथों का किया निरीक्षण - Polling booth inspection

Polling booth inspection in Dumka. जिला प्रशासन दुमका के नक्सल प्रभावित इलाकों में शांतिपूर्ण मतदान कराने में जुटा हुआ है. डीसी-एसपी ने दुर्गम नक्सल प्रभावित बूथों का निरीक्षण किया. इस दौरान कमियां नोट की गईं और उन्हें दूर करने के निर्देश दिए गए.

Polling booth inspection in Dumka
Polling booth inspection in Dumka
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 19, 2024, 9:56 AM IST

डीसी-एसपी ने बूथों का किया निरीक्षण

दुमका: जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र शिकारीपाड़ा में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराने के लिए प्रशासन कड़ी मेहनत कर रहा है. एक सप्ताह के अंदर गुरुवार को दूसरी बार प्रशासन की टीम शिकारीपाड़ा के दुर्गम नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों पर पहुंची. डीसी और एसपी ने बूथों पर उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण किया और ग्रामीणों से बातचीत की.

कई गांवों का किया दौरा

जिले के उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी आंजनेयुलु दोड्डे और एसपी पीतांबर सिंह खेरवार अपनी पूरी टीम के साथ गुरुवार को दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड के नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों पर निरीक्षण के लिए पहुंचे. सुरक्षा के लिए उनके साथ एसएसबी के जवान भी मौजूद थे.

इस पूरी टीम ने सुदूरवर्ती और दुर्गम इलाकों के मतदान केंद्रों की जांच की और उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली. उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत की. ग्रामीणों ने अपने गांव के बूथ से संबंधित समस्याओं की जानकारी दी. प्रशासन की टीम ने तुरंत उन समस्याओं के समाधान को लेकर दिशा-निर्देश दिए. प्रशासन की टीम सबसे पहले अमराडोबा गांव पहुंची. जहां प्राथमिक विद्यालय में मतदान केंद्र बनाया गया है.

अपने निरीक्षण के दौरान उपायुक्त-एसपी छोटा चापुड़िया गांव पहुंचे. वहां के ग्रामीणों की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि स्कूल और वहां बने बूथ का नाम छोटा चापुड़िया नहीं बल्कि चापुड़िया ही है. जिसके कारण उन्हें कागजी कार्रवाई में दिक्कत आती है, वे इसमें बदलाव की मांग कर रहे थे. उपायुक्त ने तत्काल इस पर आवश्यक पहल करने की बात कही और जल्द ही बूथ का नाम चापुड़िया से छोटा चापुड़िया करने का निर्देश दिया.

बाद में प्रशासन की टीम लताकांदर गांव पहुंची, जहां कुछ दिन पहले महिला आईएएस ट्रेनी प्रांजल ढांढा को बंधक बना लिया गया था. बंधक बनाने के मामले में पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार किया है. इधर लताकांदर के ग्रामीण पुलिस की इस कार्रवाई से काफी नाराज दिखे. उपायुक्त-एसपी ने ग्रामीणों को समझाया कि हमेशा कानून के तहत काम करें. मिल-बैठकर समस्या का समाधान निकालें. इसके साथ ही इस टीम ने कई अन्य गांवों का भी दौरा किया और मतदान केंद्रों का जायजा लिया और जो कमियों मिलीं उसे नोट करते हुए जल्द ही सब कुछ ठीक करने की बात कही.

2014 लोकसभा चुनाव के दौरान हुई थी नक्सली घटना

आपको बता दें कि अप्रैल 2014 के लोकसभा चुनाव में वोटिंग के दिन दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड में बड़ी नक्सली घटना हुई थी. वोट देकर लौट रहे मतदान कर्मियों पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था. इस घटना में तीन पुलिसकर्मियों समेत छह-सात लोगों की जान चली गयी.

हालांकि, इसके बाद दिसंबर 2014 में झारखंड विधानसभा चुनाव हुए. फिर 2019 में लोकसभा चुनाव हुए और फिर दिसंबर 2019 में विधानसभा चुनाव हुए, लेकिन प्रशासन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण कोई नक्सली घटना नहीं हुई, चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. यही वजह है कि इस बार भी प्रशासन इस इलाके पर खासा ध्यान दे रहा है. हालांकि किस तरह की सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है, इसकी जानकारी देने से प्रशासन इनकार कर रहा है.

क्या कहते हैं उपायुक्त?

निरीक्षण के बाद उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे ने कहा कि दुर्गम इलाकों में स्थित मतदान केंद्रों पर सुविधाओं की समीक्षा की जा रही है. जहां भी कमियां होंगी, उन्हें पूरा किया जाएगा. मतदान के दौरान मतदाताओं को कोई परेशानी न हो, इसके लिए समुचित व्यवस्था की जा रही है.

यह भी पढ़ें: उग्रवादियों के गढ़ में शांतिपूर्ण होगा मतदान, पीरटांड के क्रिटिकल बूथ तक पहुंचे पुलिस कप्तान, सुरक्षा की फूल फ्रूफ प्लानिंग - Lok Sabha Election 2024

यह भी पढ़ें: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने किया पाकुड़ जिले का दौरा, लोकसभा चुनाव की तैयारियों का लिया जायजा - Lok Sabha Election 2024

यह भी पढ़ें: झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने चुनाव तैयारियों का लिया जायजा, बूथों का निरीक्षण भी किया - Lok Sabha Election 2024

डीसी-एसपी ने बूथों का किया निरीक्षण

दुमका: जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र शिकारीपाड़ा में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराने के लिए प्रशासन कड़ी मेहनत कर रहा है. एक सप्ताह के अंदर गुरुवार को दूसरी बार प्रशासन की टीम शिकारीपाड़ा के दुर्गम नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों पर पहुंची. डीसी और एसपी ने बूथों पर उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण किया और ग्रामीणों से बातचीत की.

कई गांवों का किया दौरा

जिले के उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी आंजनेयुलु दोड्डे और एसपी पीतांबर सिंह खेरवार अपनी पूरी टीम के साथ गुरुवार को दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड के नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों पर निरीक्षण के लिए पहुंचे. सुरक्षा के लिए उनके साथ एसएसबी के जवान भी मौजूद थे.

इस पूरी टीम ने सुदूरवर्ती और दुर्गम इलाकों के मतदान केंद्रों की जांच की और उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली. उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत की. ग्रामीणों ने अपने गांव के बूथ से संबंधित समस्याओं की जानकारी दी. प्रशासन की टीम ने तुरंत उन समस्याओं के समाधान को लेकर दिशा-निर्देश दिए. प्रशासन की टीम सबसे पहले अमराडोबा गांव पहुंची. जहां प्राथमिक विद्यालय में मतदान केंद्र बनाया गया है.

अपने निरीक्षण के दौरान उपायुक्त-एसपी छोटा चापुड़िया गांव पहुंचे. वहां के ग्रामीणों की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि स्कूल और वहां बने बूथ का नाम छोटा चापुड़िया नहीं बल्कि चापुड़िया ही है. जिसके कारण उन्हें कागजी कार्रवाई में दिक्कत आती है, वे इसमें बदलाव की मांग कर रहे थे. उपायुक्त ने तत्काल इस पर आवश्यक पहल करने की बात कही और जल्द ही बूथ का नाम चापुड़िया से छोटा चापुड़िया करने का निर्देश दिया.

बाद में प्रशासन की टीम लताकांदर गांव पहुंची, जहां कुछ दिन पहले महिला आईएएस ट्रेनी प्रांजल ढांढा को बंधक बना लिया गया था. बंधक बनाने के मामले में पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार किया है. इधर लताकांदर के ग्रामीण पुलिस की इस कार्रवाई से काफी नाराज दिखे. उपायुक्त-एसपी ने ग्रामीणों को समझाया कि हमेशा कानून के तहत काम करें. मिल-बैठकर समस्या का समाधान निकालें. इसके साथ ही इस टीम ने कई अन्य गांवों का भी दौरा किया और मतदान केंद्रों का जायजा लिया और जो कमियों मिलीं उसे नोट करते हुए जल्द ही सब कुछ ठीक करने की बात कही.

2014 लोकसभा चुनाव के दौरान हुई थी नक्सली घटना

आपको बता दें कि अप्रैल 2014 के लोकसभा चुनाव में वोटिंग के दिन दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड में बड़ी नक्सली घटना हुई थी. वोट देकर लौट रहे मतदान कर्मियों पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था. इस घटना में तीन पुलिसकर्मियों समेत छह-सात लोगों की जान चली गयी.

हालांकि, इसके बाद दिसंबर 2014 में झारखंड विधानसभा चुनाव हुए. फिर 2019 में लोकसभा चुनाव हुए और फिर दिसंबर 2019 में विधानसभा चुनाव हुए, लेकिन प्रशासन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण कोई नक्सली घटना नहीं हुई, चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. यही वजह है कि इस बार भी प्रशासन इस इलाके पर खासा ध्यान दे रहा है. हालांकि किस तरह की सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है, इसकी जानकारी देने से प्रशासन इनकार कर रहा है.

क्या कहते हैं उपायुक्त?

निरीक्षण के बाद उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे ने कहा कि दुर्गम इलाकों में स्थित मतदान केंद्रों पर सुविधाओं की समीक्षा की जा रही है. जहां भी कमियां होंगी, उन्हें पूरा किया जाएगा. मतदान के दौरान मतदाताओं को कोई परेशानी न हो, इसके लिए समुचित व्यवस्था की जा रही है.

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