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महंगा हुआ आम का स्वाद, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कम उत्पादन के चलते बढ़े दाम - Mango prices increase - MANGO PRICES INCREASE

तेलंगाना और आंध्रप्रदेश आम की कम पैदावार से इस बार कोटा की मंडियों में आम के दाम में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. वहां डिमांड ज्यादा है और सप्लाई कम. इसके चलते लोगों के लिए आम का स्वाद महंगा हो गया है.

MANGO PRICES INCREASE
MANGO PRICES INCREASE (ETV Bharat GFX Team)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 3, 2024, 5:20 PM IST

महंगा हुआ आम का स्वाद. (ETV Bharat kota)

कोटा. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बीते साल दिसंबर महीने में हुई बारिश के चलते आम की फसल को नुकसान हुआ है. कम पैदावार के चलते वहां की मंडियों में डिमांड ज्यादा है और सप्लाई कम. इसका असर कोटा की मंडी में भी देखा जा रहा है. इसके चलते लोगों के लिए आम का स्वाद इस बार महंगा हो गया है. राजस्थान में आम बीते साल से करीब 60 फीसदी महंगा मिल रहा है, जहां बीते साल रिटेल में आम 50 रुपए किलो से लेकर 80 रुपए प्रति किलो तक था. वहीं, इस बार वही आम 80 से लेकर 130 रुपए किलो तक बाजार में बिक रहा है.

कोटा की एरोड्रम सब्जी मंडी में फ्रूट्स के थोक व्यापारी पंकज क्षेतिजा का कहना है कि थोक में बीते साल जहां पर 25 से लेकर 45 रुपए प्रति किलो का भाव था. वहीं, इस बार यह भाव 45 से 70 रुपए प्रति किलो चल रहा है. इस बार दाम 20 से 25 रुपए किलो थोक में ज्यादा है, हालांकि रिटेल में अंतर और ज्यादा हो जाता है. पंकज का यह भी कहना है की क्वालिटी में भी थोड़ी गिरावट आई है. बड़ी साइज का आम उपलब्ध नहीं हो पा रहा है और क्वालिटी भी उतनी अच्छी नहीं है.

इसे भी पढ़ें-EMI पर बिकता है अल्फांसो आम, स्वाद और कीमत के लिए मशहूर, सीजन खत्म होने से पहले करें बुक - Alphonso Mango Season

दाम 30 से 50 रुपए ज्यादा : बीते साल अच्छा आम आया था और दाम भी उसके कम थे. फ्रूट्स के दूसरे थोक व्यापारी राहुल सपनानी का कहना है कि सप्लाई में कोई दिक्कत नहीं है, जितनी गाड़ियां बीते साल आ रही थीं, उतनी ही गाड़ियां इस बार भी सप्लाई में आ रही हैं, लेकिन आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की मंडियों में बहुत ज्यादा भाव होने के चलते यहां भी दाम ज्यादा हैं. वहां पर सप्लाई की दिक्कत है. इसलिए महंगा माल हमें खरीदना पड़ रहा है और रिटेल तक पूरी सप्लाई चेन में आम महंगा बिक रहा है. रिटेल में इस बार आम के दाम 30 से 50 रुपए ज्यादा हैं.

7 से 8 टन की रोज खपत : राहुल सपनानी का कहना है कि कोटा में हर दिन करीब 70 से 80 हजार किलो आम की खपत होती है. कोटा में यह आम यह मार्च के अंत में आना शुरू हो जाता है और उसके बाद जुलाई तक भी आम आता है. इसके बाद भी आम आता है, लेकिन सप्लाई काफी कम हो जाती है और लोगों की डिमांड भी गिर जाती है. पीक सीजन 15 अप्रैल से लेकर 15 जुलाई तक रहता है. इसमें रोज 7 से 8 टन आम कोटा के मार्केट में बिकता है.

राहुल सपनानी का कहना है कि कोटा मंडी से ही बारां, बूंदी, केशोरायपाटन, झालावाड़, सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़, रावतभाटा और मध्य प्रदेश के श्योपुर तक भी आम जाता है. कोटा में रोज 7 से 8 गाड़ियों की खपत है. इतना ही माल वर्तमान में आ भी रहा है. माल महंगा आ रहा है इसलिए महंगा ही बेचा जा रहा है. कोटा में आम आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के विजयवाड़ा, वारंगल, हैदराबाद, जगित्याल, खम्मम, चित्तूर, रायचोटी और करीमनगर से आता है. वहां की मंडियों में सप्लाई कम है. कोटा और आसपास के क्षेत्रों में डिमांड ज्यादा है.

महंगा हुआ आम का स्वाद. (ETV Bharat kota)

कोटा. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बीते साल दिसंबर महीने में हुई बारिश के चलते आम की फसल को नुकसान हुआ है. कम पैदावार के चलते वहां की मंडियों में डिमांड ज्यादा है और सप्लाई कम. इसका असर कोटा की मंडी में भी देखा जा रहा है. इसके चलते लोगों के लिए आम का स्वाद इस बार महंगा हो गया है. राजस्थान में आम बीते साल से करीब 60 फीसदी महंगा मिल रहा है, जहां बीते साल रिटेल में आम 50 रुपए किलो से लेकर 80 रुपए प्रति किलो तक था. वहीं, इस बार वही आम 80 से लेकर 130 रुपए किलो तक बाजार में बिक रहा है.

कोटा की एरोड्रम सब्जी मंडी में फ्रूट्स के थोक व्यापारी पंकज क्षेतिजा का कहना है कि थोक में बीते साल जहां पर 25 से लेकर 45 रुपए प्रति किलो का भाव था. वहीं, इस बार यह भाव 45 से 70 रुपए प्रति किलो चल रहा है. इस बार दाम 20 से 25 रुपए किलो थोक में ज्यादा है, हालांकि रिटेल में अंतर और ज्यादा हो जाता है. पंकज का यह भी कहना है की क्वालिटी में भी थोड़ी गिरावट आई है. बड़ी साइज का आम उपलब्ध नहीं हो पा रहा है और क्वालिटी भी उतनी अच्छी नहीं है.

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दाम 30 से 50 रुपए ज्यादा : बीते साल अच्छा आम आया था और दाम भी उसके कम थे. फ्रूट्स के दूसरे थोक व्यापारी राहुल सपनानी का कहना है कि सप्लाई में कोई दिक्कत नहीं है, जितनी गाड़ियां बीते साल आ रही थीं, उतनी ही गाड़ियां इस बार भी सप्लाई में आ रही हैं, लेकिन आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की मंडियों में बहुत ज्यादा भाव होने के चलते यहां भी दाम ज्यादा हैं. वहां पर सप्लाई की दिक्कत है. इसलिए महंगा माल हमें खरीदना पड़ रहा है और रिटेल तक पूरी सप्लाई चेन में आम महंगा बिक रहा है. रिटेल में इस बार आम के दाम 30 से 50 रुपए ज्यादा हैं.

7 से 8 टन की रोज खपत : राहुल सपनानी का कहना है कि कोटा में हर दिन करीब 70 से 80 हजार किलो आम की खपत होती है. कोटा में यह आम यह मार्च के अंत में आना शुरू हो जाता है और उसके बाद जुलाई तक भी आम आता है. इसके बाद भी आम आता है, लेकिन सप्लाई काफी कम हो जाती है और लोगों की डिमांड भी गिर जाती है. पीक सीजन 15 अप्रैल से लेकर 15 जुलाई तक रहता है. इसमें रोज 7 से 8 टन आम कोटा के मार्केट में बिकता है.

राहुल सपनानी का कहना है कि कोटा मंडी से ही बारां, बूंदी, केशोरायपाटन, झालावाड़, सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़, रावतभाटा और मध्य प्रदेश के श्योपुर तक भी आम जाता है. कोटा में रोज 7 से 8 गाड़ियों की खपत है. इतना ही माल वर्तमान में आ भी रहा है. माल महंगा आ रहा है इसलिए महंगा ही बेचा जा रहा है. कोटा में आम आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के विजयवाड़ा, वारंगल, हैदराबाद, जगित्याल, खम्मम, चित्तूर, रायचोटी और करीमनगर से आता है. वहां की मंडियों में सप्लाई कम है. कोटा और आसपास के क्षेत्रों में डिमांड ज्यादा है.

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