धर्मशाला: लगभग दाे माह से बारिश न हाेने के चलते कुछ फलदार पाैधाें पर इसका बुरा असर दिखना शुरू हाे गया है. जिला कांगड़ा में किन्नू के बागों में बारिश न हाेने के चलते किन्नू की ग्राेथ कम हुई है. आने वाले समय में माैसम का यही हाल रहा ताे आने वाले समय में किन्नू और माल्टा की फसल पर भारी संकट देखने काे मिल सकता है. इससे किन्नू और माल्टा के उत्पादन में गिरावट भी देखने काे मिल सकती है, जिससे इन फलदार फसलाें के उत्पादन में लगभग 15 से 20 प्रतिशत की कमी होने का अनुमान है.
बागवानी विशेषज्ञों ने कहा कि, जिस समय किन्नू और माल्टा की फसल काे पानी की सख्त जरुरत हाेती है, उस समय इन फलदार पाैधाें काे पानी नहीं मिल रहा है. इस बार बारिश कम हुई है. इसके कारण इन फलों की उपज में इस वर्ष गिरावट आने की आशंका है. इसे देखते हुए बागान व्यवसायियों, किन्नू वैक्सिंग फैक्ट्रियों एवं फल निर्यातक व्यापारियों में जबरदस्त निराशा छाई हुई है. उपज घटने की आशंका में बागों के ठेके भी तुलनात्मक रूप से महंगे और अभी से छूटने शुरू हो गए हैं.
किन्नू माल्टा की फसल के लिए बारिश जरूरी
इस बार फ्लावरिंग के समय से मौसम में काफी उतार-चढ़ाव आया है. 2 माह से बारिश न हाेने के चलते किन्नू, माल्टा पर इस सूखे का असर देखने काे मिल सकता है. उद्यान विभाग के डिप्टी डायरेक्टर कमलशील नेगी ने कहा कि, 'दाे माह से ज्यादा समय से बारिश न हाेना कुछ फलदार पाैधाें के लिए हानिकार साबित हुई है. किन्नू और माल्टा की फसल इस समय लगभग तैयार हाेने की स्थिति में है और अगर आने वाले दिनाें में बारिश नहीं हुई ताे इनके उत्पादन में लगभग 15 से 20 प्रतिशत की कमी हाे सकती है.'