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सर्दी और प्रदूषण के कारण बढ़ गए एलर्जी, अस्थमा व सीओपीडी के मरीज, ओपीडी में हर दिन पहुंच रहे सैकड़ों मरीज - PATIENTS INCREASED IN HOSPITAL

भरतपुर के आरबीएम अस्पताल में सर्दी और प्रदूषण के चलते एलर्जी, अस्थमा और सीओपीडी के मरीज बढ़ गए हैं.

Patients increased in hospital
सर्दी और प्रदूषण के कारण बढ़ गए एलर्जी (ETV Bharat Bharatpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 10, 2024, 4:01 PM IST

Updated : Dec 10, 2024, 4:22 PM IST

भरतपुर: सर्दी का मौसम तेज होते ही शीतलहर और प्रदूषण का दुष्प्रभाव स्वास्थ्य पर दिखने लगा है. सर्द हवा के साथ प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने सांस संबंधी बीमारियों को और गंभीर बना दिया है. भरतपुर के आरबीएम अस्पताल में हार्डन 400 से अधिक मरीज एलर्जी, अस्थमा, सीओपीडी और सांस संबंधी समस्याओं के पहुंच रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति खासकर बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार व्यक्तियों के लिए चिंताजनक है.

सर्दी के साथ बढ़ रहे सांस संबंधी रोगों के मरीज (ETV Bharat Bharatpur)

प्रदूषण और ठंड का घातक मिश्रण: ठंड के साथ-साथ प्रदूषण का स्तर बढ़ने से हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है. फिलहाल भरतपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) लेवल 157 है. हालांकि यह एक्यूआई कुछ सप्ताह पूर्व 400 से ऊपर निकल गया था. अस्पताल के चेस्ट फिजिशियन डॉ दीपक सिंह ने बताया कि वायु में मौजूद धूल, धुआं और हानिकारक कण श्वसन तंत्र को प्रभावित कर रहे हैं. ठंड में हवा धीमी हो जाती है, जिससे प्रदूषित कण वातावरण में बने रहते हैं. इससे एलर्जी, अस्थमा और सीओपीडी जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. डॉ दीपक सिंह ने बताया कि सर्दियों में इन बीमारियों से ग्रस्त मरीजों की संख्या में हर साल बढ़ोतरी होती है. उन्होंने बताया कि सांस की बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को ठंड के मौसम में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.

पढ़ें: सावधान ! सीकर में पांच साल में 620 HIV के नए मरीज, 150 से ज्यादा संक्रमित नहीं ले रहे उपचार

हर दिन 400 से अधिक मरीज: सीनियर फिजिशियन डॉ विवेक भारद्वाज ने बताया कि सर्दी तेज होने व प्रदूषण की वजह से बड़ी संख्या में एलर्जी, अस्थमा और सीओपीडी के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं. अस्पताल में हर ओपीडी के कुल मरीजों में से करीब 70% मरीज (करीब 400 से अधिक) मरीज यही हैं. ठंड और प्रदूषण का सबसे अधिक असर बुजुर्गों और बच्चों पर पड़ता है. बच्चों को विशेष रूप से गर्म कपड़े पहनाएं. बुजुर्गों को घर से बाहर जाने से बचाना चाहिए, खासकर सुबह और शाम के समय. इनके खानपान पर ध्यान दें ताकि इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनी रहे.

पढ़ें: Rajasthan: अलवर में डेंगू के 295 मरीज पॉजिटिव, मौतों को लेकर ये कहते हैं स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े

सर्दी और प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव से बचने के लिए सतर्कता बेहद जरूरी है. डॉक्टरों के मुताबिक, नियमित दवाइयों का सेवन, प्रदूषण और ठंड से बचाव और समय पर चिकित्सा सलाह इन बीमारियों के जोखिम को कम कर सकती है.

पढ़ें: राजस्थान में बाड़मेर और उदयपुर के बाद जैसलमेर में सबसे ज्यादा डेंगू-मलेरिया के मरीज

बीमारी और लक्षण: आरबीएम अस्पताल के ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों में सांस लेने में दिक्कत, खांसी, सीने में भारीपन और बार-बार छींक आने जैसी समस्याएं आम है.

एलर्जी के मरीज: ठंड के कारण नाक बहना, बार-बार छींक आना और आंखों में जलन.

अस्थमा के मरीज: सांस फूलना, खांसी और छाती में जकड़न.

सीओपीडी के मरीज: ऑक्सीजन की कमी, थकावट और फेफड़ों में संक्रमण की समस्या. डॉ विवेक भारद्वाज ने बताया कि सर्दियों में तापमान कम होने से यह समस्याएं बढ़ जाती है. ठंडी और प्रदूषित हवा से मरीजों की हालत और बिगड़ जाती है. कई बार धूम्रपान की वजह से भी यह समस्या ज्यादा आती है.

ये करें उपाय:

  1. गर्म कपड़े पहनें और ठंडी हवा से बचें.
  2. घर को गर्म रखें और नियमित रूप से खिड़कियों और दरवाजों को बंद करें.
  3. गर्म पानी और हर्बल चाय जैसे गर्म पेय का सेवन करें.

प्रदूषण से बचाव:

  1. बाहर निकलते समय मास्क पहनें.
  2. धूल और धुएं वाले इलाकों में जाने से बचें.

दवाइयों का नियमित उपयोग:

  1. अस्थमा और सीओपीडी के मरीज नियमित रूप से इनहेलर और दवाइयों का उपयोग करें.
  2. एलर्जी के मरीज डॉक्टर की सलाह से दवाई लें. यदि स्थिति बिगड़ती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

भरतपुर: सर्दी का मौसम तेज होते ही शीतलहर और प्रदूषण का दुष्प्रभाव स्वास्थ्य पर दिखने लगा है. सर्द हवा के साथ प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने सांस संबंधी बीमारियों को और गंभीर बना दिया है. भरतपुर के आरबीएम अस्पताल में हार्डन 400 से अधिक मरीज एलर्जी, अस्थमा, सीओपीडी और सांस संबंधी समस्याओं के पहुंच रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति खासकर बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार व्यक्तियों के लिए चिंताजनक है.

सर्दी के साथ बढ़ रहे सांस संबंधी रोगों के मरीज (ETV Bharat Bharatpur)

प्रदूषण और ठंड का घातक मिश्रण: ठंड के साथ-साथ प्रदूषण का स्तर बढ़ने से हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है. फिलहाल भरतपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) लेवल 157 है. हालांकि यह एक्यूआई कुछ सप्ताह पूर्व 400 से ऊपर निकल गया था. अस्पताल के चेस्ट फिजिशियन डॉ दीपक सिंह ने बताया कि वायु में मौजूद धूल, धुआं और हानिकारक कण श्वसन तंत्र को प्रभावित कर रहे हैं. ठंड में हवा धीमी हो जाती है, जिससे प्रदूषित कण वातावरण में बने रहते हैं. इससे एलर्जी, अस्थमा और सीओपीडी जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. डॉ दीपक सिंह ने बताया कि सर्दियों में इन बीमारियों से ग्रस्त मरीजों की संख्या में हर साल बढ़ोतरी होती है. उन्होंने बताया कि सांस की बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को ठंड के मौसम में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.

पढ़ें: सावधान ! सीकर में पांच साल में 620 HIV के नए मरीज, 150 से ज्यादा संक्रमित नहीं ले रहे उपचार

हर दिन 400 से अधिक मरीज: सीनियर फिजिशियन डॉ विवेक भारद्वाज ने बताया कि सर्दी तेज होने व प्रदूषण की वजह से बड़ी संख्या में एलर्जी, अस्थमा और सीओपीडी के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं. अस्पताल में हर ओपीडी के कुल मरीजों में से करीब 70% मरीज (करीब 400 से अधिक) मरीज यही हैं. ठंड और प्रदूषण का सबसे अधिक असर बुजुर्गों और बच्चों पर पड़ता है. बच्चों को विशेष रूप से गर्म कपड़े पहनाएं. बुजुर्गों को घर से बाहर जाने से बचाना चाहिए, खासकर सुबह और शाम के समय. इनके खानपान पर ध्यान दें ताकि इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनी रहे.

पढ़ें: Rajasthan: अलवर में डेंगू के 295 मरीज पॉजिटिव, मौतों को लेकर ये कहते हैं स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े

सर्दी और प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव से बचने के लिए सतर्कता बेहद जरूरी है. डॉक्टरों के मुताबिक, नियमित दवाइयों का सेवन, प्रदूषण और ठंड से बचाव और समय पर चिकित्सा सलाह इन बीमारियों के जोखिम को कम कर सकती है.

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बीमारी और लक्षण: आरबीएम अस्पताल के ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों में सांस लेने में दिक्कत, खांसी, सीने में भारीपन और बार-बार छींक आने जैसी समस्याएं आम है.

एलर्जी के मरीज: ठंड के कारण नाक बहना, बार-बार छींक आना और आंखों में जलन.

अस्थमा के मरीज: सांस फूलना, खांसी और छाती में जकड़न.

सीओपीडी के मरीज: ऑक्सीजन की कमी, थकावट और फेफड़ों में संक्रमण की समस्या. डॉ विवेक भारद्वाज ने बताया कि सर्दियों में तापमान कम होने से यह समस्याएं बढ़ जाती है. ठंडी और प्रदूषित हवा से मरीजों की हालत और बिगड़ जाती है. कई बार धूम्रपान की वजह से भी यह समस्या ज्यादा आती है.

ये करें उपाय:

  1. गर्म कपड़े पहनें और ठंडी हवा से बचें.
  2. घर को गर्म रखें और नियमित रूप से खिड़कियों और दरवाजों को बंद करें.
  3. गर्म पानी और हर्बल चाय जैसे गर्म पेय का सेवन करें.

प्रदूषण से बचाव:

  1. बाहर निकलते समय मास्क पहनें.
  2. धूल और धुएं वाले इलाकों में जाने से बचें.

दवाइयों का नियमित उपयोग:

  1. अस्थमा और सीओपीडी के मरीज नियमित रूप से इनहेलर और दवाइयों का उपयोग करें.
  2. एलर्जी के मरीज डॉक्टर की सलाह से दवाई लें. यदि स्थिति बिगड़ती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
Last Updated : Dec 10, 2024, 4:22 PM IST
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