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एसीबी की जांच ग्रामीणों के लिए बनी आफत! एक दशक से अधूरी है नक्सल इलाके में 17 सड़क - 17 roads in Palamu is incomplete

17 roads in Palamu is incomplete. पलामू में एसीबी की जांच ग्रामीणों के लिए आफत बन गई है. करीब एक दशक से नक्सल इलाके में 17 सड़कें अधूरी हैं. इनका निर्माण कार्य पूरा नहीं किया जा सका है.

17 roads in Palamu is incomplete
एसीबी का साइन बोर्ड (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 21, 2024, 5:31 PM IST

पलामू: एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच ग्रामीणों के लिए आफत बन गई है. एक दशक से भी अधिक समय से 17 सड़क अधूरी है, जिनका निर्माण कार्य पूरा नहीं हो रहा है. यह सभी रोड नक्सल प्रभावित इलाके में है और 150 से भी अधिक गांवों को जोड़ती है.

दरअसल पलामू के पाटन छतरपुर बिश्रामपुर चैनपुर के इलाके में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 17 रोड का निर्माण कार्य चल रहा था. रोड के निर्माण में गड़बड़ी पकड़ी गई थी और लागत से अधिक निर्माण कार्य का भुगतान किया गया था. पूरे मामले में 2014 में पलामू के पाटन, छतरपुर बिश्रामपुर और चैनपुर थाना में अलग-अलग 11 एफआईआर दर्ज की गई थी. बाद में सरकार ने सभी एफआईआर को 2017 में एसीबी जांच के लिए अनुशंसा की गई थी. 2017 में एसीबी ने सभी 11 एफआईआर को टेकओवर किया था और जांच शुरू की थी.

कौन कौन सी रोड पर शुरू हुई थी जांच और कितना का हुआ था घोटाला

पलामू के पाटन के कांके से सुठा रोड 1.19 करोड़, ब्रहमोरिया से नावाडीह रोड में 4.61करोड़, बिटी रोड से कवल 74.46 लाख, छतरपुर के टीओपी से डागरा रोड 3.75 करोड़, पाटन पड़वा रोड 1.10 करोड़, मायापुर नावाडीह रोड 77.31 लाख, बिरजा से जमडीहा 46.83 लाख, गोदरमा से नावगढ़ 53 लाख, रामगढ़ से दिनाबार 3.39 करोड़, बरांव से ओड़नार 42.83 लाख, बिटी रोड गम्हरिया 9.12 लाख रुपए लागत से अधिक भुगतान किया गया था. इसके अलावा सिक्की कला से सिक्की खुर्द, गहरपथरा रोड नया, महुलिया रोड, पकरी राजहरा रोड, मानआहर से मझिआव रोड में गड़बड़ी पकड़ी गई थी.

रोड निर्माण के लिए जेएसआरआरडीए ने मांगी ने एनओसी

17 में से 11 रोड के निर्माण के लिए झारखंड स्टेट रूरल रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने 2018 में एंटी करप्शन ब्यूरो से अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा था. 4 सितंबर 2018 को विभाग के द्वारा पुलिस महानिदेशक एसीबी को अनुरोध पत्र भेजा गया था. बाद में मंत्रिमंडल सचिव एवं निगरानी विभाग ने पत्रांक संख्या 148 दिनांक 25.1.2019 के माध्यम से कहा था कि कांड संबंधी पाठों की तकनीकी जांच के बाद ही पुनर्निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत किया जा सकता है. 2023 में विभाग ने गृह एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव से अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करने का अनुरोध किया था. लेकिन अभी तक अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं हो सका है. एसीबी के एक अधिकारी ने नाम नही छापने के शर्त पर बताया कि अलग-अलग रोड की अलग-अलग टीम जांच कर रही है. कई मामलों में चर्चित दाखिल कर दिया गया है. कुछ सड़कों का अनुसंधान लंबित है.

सांसद ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र, जिसके बाद मामले का हुआ खुलासा

पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने पूरे मामले में झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. इस पत्र के माध्यम से पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने दोषियों के खिलाफ अनुसंधान जारी रखने के साथ-साथ अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का आग्रह किया है. पलामू के सांसद विष्णु दयाल राम का कहना है कि 10 वर्षों से इन सड़कों का निर्माण कार्य रुका हुआ है. इन कांडों की जांच पूरी नहीं हो रही है ना ही अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जा रहा है. एसीबी को कांडों का अनुसंधान पूरा करने के लिए कितना वर्ष चाहिए ? क्या महानिदेशक एसीबी की कोई जवाब दे ही है? सांसद का कहना है कि जब गांव वाले जन प्रतिनिधियों को उसे इलाके में घोषणा बंद कर देंगे तब सरकार की नींद खुलेगी. वे समझते हैं कि पूरे मामले में मुख्य सचिव या एसीबी के महानिदेशक को निर्णय लेने की आवश्यकता है.

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दरअसल पलामू के पाटन छतरपुर बिश्रामपुर चैनपुर के इलाके में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 17 रोड का निर्माण कार्य चल रहा था. रोड के निर्माण में गड़बड़ी पकड़ी गई थी और लागत से अधिक निर्माण कार्य का भुगतान किया गया था. पूरे मामले में 2014 में पलामू के पाटन, छतरपुर बिश्रामपुर और चैनपुर थाना में अलग-अलग 11 एफआईआर दर्ज की गई थी. बाद में सरकार ने सभी एफआईआर को 2017 में एसीबी जांच के लिए अनुशंसा की गई थी. 2017 में एसीबी ने सभी 11 एफआईआर को टेकओवर किया था और जांच शुरू की थी.

कौन कौन सी रोड पर शुरू हुई थी जांच और कितना का हुआ था घोटाला

पलामू के पाटन के कांके से सुठा रोड 1.19 करोड़, ब्रहमोरिया से नावाडीह रोड में 4.61करोड़, बिटी रोड से कवल 74.46 लाख, छतरपुर के टीओपी से डागरा रोड 3.75 करोड़, पाटन पड़वा रोड 1.10 करोड़, मायापुर नावाडीह रोड 77.31 लाख, बिरजा से जमडीहा 46.83 लाख, गोदरमा से नावगढ़ 53 लाख, रामगढ़ से दिनाबार 3.39 करोड़, बरांव से ओड़नार 42.83 लाख, बिटी रोड गम्हरिया 9.12 लाख रुपए लागत से अधिक भुगतान किया गया था. इसके अलावा सिक्की कला से सिक्की खुर्द, गहरपथरा रोड नया, महुलिया रोड, पकरी राजहरा रोड, मानआहर से मझिआव रोड में गड़बड़ी पकड़ी गई थी.

रोड निर्माण के लिए जेएसआरआरडीए ने मांगी ने एनओसी

17 में से 11 रोड के निर्माण के लिए झारखंड स्टेट रूरल रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने 2018 में एंटी करप्शन ब्यूरो से अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा था. 4 सितंबर 2018 को विभाग के द्वारा पुलिस महानिदेशक एसीबी को अनुरोध पत्र भेजा गया था. बाद में मंत्रिमंडल सचिव एवं निगरानी विभाग ने पत्रांक संख्या 148 दिनांक 25.1.2019 के माध्यम से कहा था कि कांड संबंधी पाठों की तकनीकी जांच के बाद ही पुनर्निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत किया जा सकता है. 2023 में विभाग ने गृह एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव से अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करने का अनुरोध किया था. लेकिन अभी तक अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं हो सका है. एसीबी के एक अधिकारी ने नाम नही छापने के शर्त पर बताया कि अलग-अलग रोड की अलग-अलग टीम जांच कर रही है. कई मामलों में चर्चित दाखिल कर दिया गया है. कुछ सड़कों का अनुसंधान लंबित है.

सांसद ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र, जिसके बाद मामले का हुआ खुलासा

पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने पूरे मामले में झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. इस पत्र के माध्यम से पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने दोषियों के खिलाफ अनुसंधान जारी रखने के साथ-साथ अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का आग्रह किया है. पलामू के सांसद विष्णु दयाल राम का कहना है कि 10 वर्षों से इन सड़कों का निर्माण कार्य रुका हुआ है. इन कांडों की जांच पूरी नहीं हो रही है ना ही अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जा रहा है. एसीबी को कांडों का अनुसंधान पूरा करने के लिए कितना वर्ष चाहिए ? क्या महानिदेशक एसीबी की कोई जवाब दे ही है? सांसद का कहना है कि जब गांव वाले जन प्रतिनिधियों को उसे इलाके में घोषणा बंद कर देंगे तब सरकार की नींद खुलेगी. वे समझते हैं कि पूरे मामले में मुख्य सचिव या एसीबी के महानिदेशक को निर्णय लेने की आवश्यकता है.

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