नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के छह पूर्व छात्र व शिक्षकों ने मिलकर पदमश्री डॉ. एसआर रंगनाथन के नाम पर डीयू के उत्तरी परिसर में आधुनिक सुविधाओं से लैस स्टडी रूम और लाइब्रेरी को गोद लिया है, जिसे पूरी तरह से डिजिटल बनाया गया. विश्वविद्यालय में इस तरह का पहला स्टडी रूम होगा, जिसमें 100 छात्र एक साथ बैठकर पढ़ाई कर सकेंगे. इस रूम में एक ओपन लाइब्रेरी 10 से अधिक कंप्यूटर वर्क स्टेशन, इंटरनेट के अतिरिक्त ऑडियो-वीडियो की सुविधाएं उपलब्ध कराई है.
दिल्ली विश्वविद्यालय की ट्यूटोरियल बिल्डिंग में बनाए गए स्टडी रूम का उद्घाटन डीयू के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने किया. विशिष्ट अतिथि दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रोफेसर श्रीप्रकाश सिंह थे. कार्यक्रम में डीन प्रोफेसर अमिताव चक्रवर्ती, प्रोफेसर रजनी अब्बी, प्रोफेसर गीता भट्ट, प्रोफेसर अनिल राय, प्रो. बीपी सिंह, प्रो. एनके. कक्कड़, प्रो.रविंद्र कुमार, प्रो. रुपम कपूर , प्रो. ममता शर्मा, प्रो. विजय लक्ष्मी सिंह, प्रो. अमित कुमार सिंह, प्रो. रंजन त्रिपाठी, प्रो. नीरा अग्निमित्र, डॉ. केपी चिन्दा, डॉ. हंसराज सुमन, डॉ. मनोज कुमार केन समेत कॉलेजों के प्रिंसिपल, विभागों के प्रोफेसर व पीएचडी शोधार्थी भी उपस्थित थे.
कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने कहा कि किसी भी संस्थान में अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस स्टडी रूम और लाइब्रेरी एक महत्वपूर्ण संसाधन है. लाइब्रेरी के बिना छात्र का ज्ञान अधूरा है, उसके व्यक्तित्व का पूर्ण विकास लाइब्रेरी के माध्यम से ही होता है. उन्होंने बताया कि नए डिजिटल लाइब्रेरी के खुलने से ऐसे लोगों को अवसर मिलेगा, जो इस विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं या करके चले गए या अब वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. वे इस स्टडी रूम में बैठकर अध्ययन कर सकेंगे. प्रोफेसर सिंह ने पूर्व छात्रों द्वारा लिए गए निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि हमारे बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए इस तरह की संस्कृति को बढ़ाने के लिए हर कॉलेज व विभाग के पूर्व छात्रों को आगे आना चाहिए.
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उन्होंने आह्वान किया कि जिस तरह से हमारे छह पूर्व छात्रों ने आधुनिक सुविधाओं से स्टडी रूम और लाइब्रेरी विकसित कराके इसे गोद लिया है, मुझे आशा है कि भविष्य में इस तरह के नेक कार्य से अवश्य कुछ लोग प्रेरणा लेंगे और विकसित भारत बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे. उन्होंने कहा कि आज हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि पढ़ने वाले लोगों के लिए अपने आसपास लाइब्रेरी का निर्माण अवश्य कराए और उस लाइब्रेरी में पुस्तकें दान करें. ताकि ज्ञान का ज्यादा से ज्यादा विस्तार हो सकें.
लाइब्रेरी में होगी ऑडियो बुक, डिजिटल बोर्ड समेत तमाम सुविधाएं
पुस्तकालय विज्ञान विभाग के प्रोफेसर केपी सिंह ने कहा कि लाइब्रेरी एक ऐसी संस्था है जिसके माध्यम से छात्रों को सूचना और संसाधनों को सभी तक पहुंचाना है. पुस्तकें छात्र को पढ़ने के लिए तैयार करती है और इसके बिना छात्रों का कोई अस्तित्व नहीं है. पुस्तकें ही व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण कर उसे अपनी भाषा, साहित्य, संस्कृति व जन सरोकारों से जोड़ती है. वर्तमान पुस्तकालय में भौतिक और डिजिटल रूप में विभिन्न सेवाएं दी जाएगी. पुस्तकें, पत्र-पत्रिकाएं, ईबुक, ऑडियो बुक ही नहीं बल्कि लाइब्रेरी में कम्प्यूटर, स्मार्ट डिजिटल बोर्ड, डिजिटल पोडियम आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी.
प्रोफेसर सिंह ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के किसी विभाग ने विश्वविद्यालय के इतिहास में यह पहली बार है कि छात्रों और शोधार्थियों के बुनियादी ढांचे का एक आत्मनिर्भर मॉडल बनाने के लिए इस तरह की नई पहल की शुरुआत की है. इसमें लेक्चर हॉल अत्याधुनिक सुविधाओं जैसे एयर-कंडीशन, ओपन लाइब्रेरी, वर्कस्टेशन, हाई कॉन्फ़िगरेशन स्मार्ट बोर्ड और शिक्षण और अनुसंधान के लिए अन्य आवश्यक सेवाओं से सुसज्जित बनाया है. उन्होंने बताया है कि इस अध्ययन कक्ष में किसी भी संकाय से स्नातकोत्तर व पीएचडी शोधार्थी आकर अध्ययन कर सकेंगे.
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